चेन्नई की एक शीर्ष कला और सांस्कृतिक अकादमी, कलाक्षेत्र फाउंडेशन में कथित यौन उत्पीड़न की शिकार हुई छात्राओं के लिए न्याय की मांग करते हुए लगभग 200 छात्राओं ने गत गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया। चार पुरुष फैकल्टी मेंबरों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। छात्रों का कथित यौन उत्पीड़न करने वाले प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को लेकर छात्रों के विरोध के बाद कलाक्षेत्र शैक्षणिक संस्थान को बंद कर दिया गया है। संस्थान के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।
लोकल मीडिया में प्रकाशित संस्थान के एक आधिकारिक बयान के अनुसार रुक्मिणी देवी कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स बीते गुरुवार से आगामी गुरुवार (06 अप्रैल 2023) तक बंद रहेगा। सभी से अनुरोध किया है कि वे तत्काल प्रभाव से दो दिनों के भीतर छात्रावास खाली कर दें। इन दिनों होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। नई तारीखों की घोषणा यथासमय की जाएगी। यह सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से जारी किया जाता है।
छात्राएं यौन उत्पीड़न करने वाले प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई के लिए संस्थान के अंदर धरने पर बैठ गईं। छात्राओं ने हाथों में तख्तियां लेकर प्रशासन और राष्ट्रीय महिला आयोग के खिलाफ नारेबाजी की। एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा के कलाक्षेत्र परिसर में अनिर्धारित दौरे के एक दिन बाद विरोध प्रदर्शन हुआ। उन्होंने निदेशक, रेवती रामचंद्रन और कुछ संकाय सदस्यों से मुलाकात की।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को चेन्नई में एक शीर्ष कला और सांस्कृतिक अकादमी, कलाक्षेत्र फाउंडेशन में यौन उत्पीड़न के बारे में किसी भी शिकायत पर कार्रवाई का वादा किया, दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जहां लगभग 200 छात्रों ने इस मुद्दे पर एक दिन पहले विरोध प्रदर्शन किया था।
छात्राओं का कहना है कि एनसीडब्लू की अध्यक्ष ने यौन उत्पीड़न की घटनाओं के बारे में छात्राओं और संकाय सदस्यों की उपस्थिति में सार्वजनिक रूप से बताने के लिए कहा। अकादमी की एक पूर्व छात्रा ने कहा, कि यह वर्षों से चल रहा है।
द प्रिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार एक छात्रा ने कहा, “उसने एक-एक करके पूछा, ‘क्या आपके साथ छेड़छाड़ हुई थी, क्या आपके साथ छेड़छाड़ हुई थी’। क्या यह जांच करने का तरीका है? उनका मकसद इसे ढंकना है।” अकादमी के एक पूर्व छात्र ने कहा, “यह वर्षों से चल रहा है।”
किस तरह के उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, इस पर एक छात्र ने कहा, “यह यौन संदेश है, अगर हम विरोध करते हैं तो दुर्व्यवहार, कम ग्रेड दिए जाते हैं और नृत्य का कोई अवसर नहीं होता है, चाहे हम कितने भी अच्छे क्यों न हों।”
एक अन्य ने कहा, “इतने वर्षों में, कई लोगों का यौन शोषण हुआ है। याद रखें कि हम 18- या 19 साल की लड़कियों के बारे में बात कर रहे हैं, जो शिकायत करने की हिम्मत नहीं कर सकतीं।”
नृत्यांगना रुक्मिणी देवी अरुंडेल ने 1936 में कलाक्षेत्र फाउंडेशन की स्थापना की थी। यह एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है, जो भरतनाट्यम नृत्य, कर्नाटक संगीत और अन्य पारंपरिक कलाओं की शिक्षा देता है। यह उत्कृष्टता और अनुशासन के अपने उच्च मानकों के लिए जाना जाता है। इस संस्थान ने कई दशकों में कई प्रतिष्ठित कलाकार दिए हैं।
निदेशक रामचंद्रन ने कहा कि आरोपों का सामना करने वालों से पूछताछ की गई है। और बोर्ड कानून के अनुसार कार्रवाई करने पर विचार करेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अशोभनीय गतिविधि में शामिल होने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि आरोपों का सामना कर रहे लोगों से पूछताछ की गई है और बोर्ड कानून के मुताबिक कार्रवाई करने पर विचार करेगा।
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