जयपुर। राजस्थान पिछले कुछ सालों में बलात्कार, हत्या व छेड़छाड़ जैसे महिला उत्पीड़न के बढ़ते अपराधों को लेकर देशभर में चर्चा में रहा है। अब महिला उत्पीड़न के अपराधों में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता ने खाकी को भी दागदार कर दिया है। ताजा मामला बीकानेर जिले से सामने आया है। नोखा पुलिस थाने में शिकायत लेकर गई 22 वर्षीय युवती ने थाने के दो पुलिस कर्मियों पर छेड़छाड़ करने तथा शिकायत पर कार्रवाई के बदले अस्मत मांगने का आरोप लगाया है। कहीं न कहीं ऐसे मामले लगातार खाकी की छवि को धूमिल करने के साथ ही आमजन के भरोसे को डिगा रहे हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने पीड़ित युवती की शिकायत पर घटना के अगले दिन 28 जनवरी को हेड कांस्टेबल सागरमल व कांस्टेबल विक्रम सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 382, 354 (क), 509 व धारा 34 में प्राथमिकी दर्ज कर प्रारंभिक जांच के बाद आरोपी पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। जहां से न्यायालय ने दोनों आरोपी पुलिस कर्मियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए हैं।
घटना के बाद पुलिस अधीक्षक तेजस्वती गौतम ने एक आरपीएस अधिकारी को नियुक्त कर युवती द्वारा पुलिस कर्मियों पर लगाए गए आरोपों की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद एसपी ने आरोपी दोनों पुलिस कर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर रिपोर्ट विभाग को भेज दी है। एसपी तेजस्वनी गौतम ने हेड कांस्टेबल सागरमल व कांस्टेबल विक्रम को सेवा से बर्खास्त करने की पुष्टि की है। घटनाक्रम के समय थाने में मौजूद सिपाही गंगा बिशनन, सज्जन, नारायणदान, व जितेन्द्र को भी पूर्व में लाइन हाजिर कर चार्ज शीट दी गई। थानाधिकारी आलोक सिंह को घटना वाले दिन ही लाइन हाजिर कर चार्ज शीट दे दी गई थी।
पुलिस कर्मियों के सेवा में रहते महिला अपराध में संलिप्ता के बढ़ते मामलों पर पुलिस अधीक्षक तेजस्वतनी गौतम ने द मूकनायक से कहा कि, "पुलिस भी समाज से ही आती है। समाज में जब क्राइम बढ़ रहा है तो, पुलिस में भी वहीं से लोग आते हैं। हम हर बार पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग देकर उनको समझाने की कोशिश करते हैं। लेकिन सौ फीसद हर विभाग में आदमी सही हो, यह तो किसी भी विभाग में नहीं है।"
"पुलिस विभाग में इंसान वर्दी पहनता है तो उसकी जिम्मेदारी भी ज्यादा तय होती है और उसके खिलाफ कार्रवाई भी ज्यादा सख्ती से होती है। इसीलिए इस मामले में विधि अनुसार सख्ती से कार्रवाई की गई है। एक आदमी की खुद की गलती की वजह से पूरे विभाग को दोषी ठहराना भी सही नहीं है। जिन व्यक्तियों की गलती थी, उनका गुनाह था। उस हिसाब से उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। आगे भी ऐसा कोई करता है तो उसके खिलाफ विधि अनुसार सख्ती से कार्रवाई की जाएगी", पुलिस अधीक्षक ने कहा।
घटना के बाद पीड़ित युवती के पिता ने द मूकनायक से बात करते हुए कहा कि उनकी बेटी 27 जनवरी को कस्बे में आयोजित मेले में गई थी। जहां आरोपी बजरंग लाल जाट नामक युवक ने झूले से उतरते समय उसके साथ छेड़छाड़ की। उसके साथ मेले में हुई छेड़छाड़ की घटना की शिकायत लेकर पुलिस थाने गई थी। जहां पुलिस कर्मियों ने बेटी की समस्या सुनने के बजाय उसके साथ गलत हरकत की। यह घटना शर्मशार करने वाली है। अब कोई भी बेटी शिकायत लेकर पुलिस थाने में जाने से डरेगी। हालांकि, पुलिस ने इस घटना की देर रात लगभग पौने दो बजे एफआईआर दर्ज कर ली।
पीड़ित पिता ने कहा कि, "आरोपी पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार कर बर्खास्त कर दिया गया है। एसपी महिला हैं, उन्होंने मेरी बेटी को अपनी बेटी कहते हुए न्याय दिलाने का भरोसा दिया है। हमें एसपी पर भरोसा है। मैं चाहता हूं कि आरोपी पुलिस कर्मियों को ऐसी सजा दी जाए जो मिसाल बने और पुलिस पर भरोसा कायम हो सके। फिर कोई बेटी बिना डरे पुलिस थाने जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवा सके।"
नोखा के कार्यवाहक थानाधिकारी राजीव के अनुसार, "पीड़िता ने 28 जनवरी की शाम अपने पिता के साथ पुलिस थाने पहुंच कर आरोप लगाया था कि 27 जनवरी को कस्बे में मेलास्थल पर उसके साथ हुई घटना की रिपोर्ट देने पुलिस थाने गई। तहरीर में आरोप लगाया कि इस दौरान पुलिस स्टाफ विक्रम व सागर के द्वारा बदतमीजी की गई। विक्रम ने मोबाइल फोन छीन कर कहा कि घर वालों की क्या जरूरत है मैं हूं ना। मेला स्थल पर हुई घटना की शिकायत लिखने की बजाय सागर प्रार्थिया को अपनी और खींचने लगा। धक्का देकर बाथरूम में ले जाने लगा। इस दौरान सागर ने प्रार्थिया को अलग-अलग जगह छुआ। विरोध करने पर विक्रम ने धक्का मारकर गाली दी।"
प्रार्थिया ने तहरीर में बताया कि, वह पुलिस कर्मियों के पैरों में गिरकर गिड़गिड़ाई। इस पर आरोपी सागर ने कहा कि तू मेरे साथ दस मिनट बाथरूम में चल और मुझे खुश कर तब मैं तुझे फोन दूंगा और तेरे घर वालों से बात कराउंगा। नहीं तो तू रातभर यहीं सड़। इसके बाद आरोपी विक्रम ने प्रार्थिया को अलग लड़कों के साथ खड़ा करके वीडियो बनाया और अश्लील वीडियो की धमकी दी।
कार्यवाहक थानाधिकारी ने बताया कि इससे पूर्व रात पौने दो बजे के लगभग युवती के साथ मेला स्थल पर हुई घटना की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई थी।
आपको बता दें कि, खाजूवाला में दलित छात्रा से गैंगरेप के बाद हत्या मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता के बाद पुलिस की किरकिरी हुई थी। नतीजतन एक पुलिस कर्मी को निलंबित और एक पुलिस कर्मी को बर्खास्त कर गिरफ्तार भी किया गया था। राजस्थान में अपराधियों के साथ पुलिसकर्मियों की नजदीकी रिश्तों को लेकर लोगों में खासी चर्चा है। गत वर्ष जून महीने में बीकानेर जिले के खाजूवाला कस्बे में गांव से कम्प्युटर कोचिंग के लिए आई 20 वर्षीय दलित छात्रा के साथ कांस्टेबल मनोज और भागीरथ ने दिनेश विश्नोई नामक युवक के साथ मिलकर गैंग रेप के बाद हत्या कर दी थी। घटना के बाद दिनेश विश्नोई, कांस्टेबल मनोज और भागीरथ को नामजद करते हुए छात्रा के पिता ने खाजूवाला पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिजन ग्रामीणों के साथ पुलिस थाने के बाहर धरने पर बैठे थे। तब जाकर आरोपी पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी की गई थी।
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