भोपाल। मध्य प्रदेश के उज्जैन के कोयला फाटक क्षेत्र में 45 वर्षीय महिला के साथ फुटपाथ पर हुए दुष्कर्म ने पूरे प्रदेश और देश को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले में एक ओर जहां पीड़िता के लिए न्याय की मांग उठ रही है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक बयानबाज़ी ने भी जोर पकड़ लिया है। शुक्रवार को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जबकि भाजपा ने कांग्रेस पर प्रदेश को बदनाम करने का आरोप लगाया है। इधर, पुलिस इस घटना का वीडियो बनाने वाले अज्ञात व्यक्ति की तलाश कर रही है।
मेघनगर, झाबुआ की निवासी पीड़िता हाल ही में उज्जैन में आकर रहने लगी थी। पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपित लोकेश, जो कि उज्जैन के राजीव नगर का निवासी है, उसने पीड़िता को पहले शराब पिलाई और फिर फुटपाथ पर दुष्कर्म किया। इस घिनौने कृत्य का एक व्यक्ति द्वारा वीडियो बना लिया गया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया।
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और बुधवार को आरोपित लोकेश को गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार को उसे न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया। पुलिस का कहना है कि पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है, साथ ही वीडियो बनाने वाले व्यक्ति की भी पहचान करने की कोशिशें जारी हैं।
पुलिस के अनुसार, वीडियो बनाने वाला व्यक्ति नागदा से उज्जैन आने वाली बस से कोयला फाटक पर उतरा था। उसकी पहचान के लिए आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। एएसपी नीतेश भार्गव ने बताया कि जिस व्यक्ति ने वीडियो बनाया, उसने घटना को होते हुए देखा, लेकिन उसने आरोपी को रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया, और फिर उसने वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल क्यों किया? इस पहलू पर पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस घटना पर दुख जताते हुए ट्वीट (एक्स) किया कि "पवित्र भूमि उज्जैन में इस प्रकार की घटना ने मानवता को कलंकित कर दिया है। यह हमारे समाज के लिए एक शर्मनाक घटना है।" उन्होंने आगे कहा कि सरकार को महिलाओं की सुरक्षा के लिए गंभीर कदम उठाने चाहिए।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस घटना को प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था से जोड़ा। उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश में ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं और कानून व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो चुकी है। महिलाओं की सुरक्षा के मामले में सरकार की नाकामी साफ तौर पर दिख रही है।"
इस मामले में भाजपा ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा, "मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में कानून व्यवस्था सख्ती से काम कर रही है। उज्जैन की घटना में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर आरोपी को गिरफ्तार किया और जेल भेजा। लेकिन कांग्रेस को कोई ठोस मुद्दा नहीं मिल रहा है, इसलिए वह हर घटना पर घड़ियाली आंसू बहाकर प्रदेश को बदनाम कर रही है।"
उज्जैन की यह घटना एक बार फिर से महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है। दिनदहाड़े फुटपाथ पर हुए इस दुष्कर्म ने न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। सवाल यह उठता है कि क्या हमारे समाज में महिलाओं की सुरक्षा के लिए किए गए प्रबंध पर्याप्त हैं? क्या सिर्फ राजनीतिक बयानबाज़ी से इस समस्या का हल निकलेगा, या फिर इसे जड़ से मिटाने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने होंगे?
यह घटना न केवल महिला सुरक्षा की विफलता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि इंसाफ की लड़ाई में पीड़िता को कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। पुलिस की कार्रवाई पर उठते सवाल, वीडियो बनाने वाले व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी और राजनीतिक दलों के आरोप-प्रत्यारोप के बीच असली मुद्दा कहीं खोता हुआ नजर आ रहा है, और वह है पीड़िता का दर्द और न्याय
राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य संगीता शर्मा ने 'द मूकनायक' से बातचीत करते हुए प्रदेश की कानून व्यवस्था पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में दिनदहाड़े एक महिला के साथ बलात्कार की घटना बेहद शर्मनाक है और यह सीधे तौर पर कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है।" संगीता शर्मा ने आगे कहा कि ऐसी घटनाएं दर्शाती हैं कि अपराधियों में कानून का कोई डर या सम्मान नहीं है, जो समाज में एक बेहद खतरनाक स्थिति को इंगित करता है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के जघन्य अपराधों को रोकने के लिए प्रशासन और पुलिस तंत्र को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। "अगर राज्य में अपराधियों को कड़ी सजा नहीं दी जाती, तो महिलाओं की सुरक्षा के प्रति लोगों का विश्वास और कमजोर होगा," उन्होंने जोर देकर कहा। इसके साथ ही उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग की कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
संगीता शर्मा ने यह भी कहा कि महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को रोकने के लिए केवल कानूनी सख्ती ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि सामाजिक जागरूकता और महिला सशक्तिकरण पर भी जोर देना जरूरी है।
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