भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्वालियर के गोला का मंदिर क्षेत्र में बीते 22 जून 2024 की शाम, एक 15 साल की छात्रा की आठवीं मंजिल से गिरने से मौत हो गई थी। शुरुआती जांच में इसे दुर्घटना माना गया था, लेकिन चार महीने बाद फोरेंसिक रिपोर्ट ने इस मामले को नया मोड़ दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, छात्रा ने आत्महत्या की थी, और उसके साथ यौन शोषण की भी पुष्टि हुई है। यह मामला एक ऐसी कहानी है, जो छात्रा के एकाकीपन और दर्द की गहराई को उजागर करती है।
अपनी मौत से पहले छात्रा ने अपनी क्लासमेट को चैट पर एक आखिरी मैसेज भेजा था – "गुड बॉय।" जब उसकी क्लासमेट ने पूछा कि वह ऐसा क्यों लिख रही है, तो छात्रा का जवाब था – "मेरा कोई दोस्त नहीं है।" यह संदेश उसकी मानसिक स्थिति और उसकी पीड़ा को दर्शाता है। वह अकेलेपन और उदासी में डूबी थी, और शायद उसके मन में चल रहे तूफान से निकलने का कोई और रास्ता नहीं सूझ रहा था।
इस दुखद घटना के बाद, परिवार ने संदेह जताया था कि छात्रा के साथ कुछ गलत हुआ है। जब पुलिस ने मामले की जांच की, तो पोस्टमॉर्टम और फोरेंसिक रिपोर्ट करवाई गई। फोरेंसिक रिपोर्ट में "डेड स्पर्म" पाए गए, जिसका मतलब था कि यौन शोषण की घटना उसके मौत से दो-तीन दिन पहले हुई थी। हालांकि, घटना के बाद छात्रा की मौत को दुर्घटना बताया गया था, लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट ने इस मामले को आत्महत्या का रूप दिया।
घटना की उस शाम को छात्रा अपनी मां से कहकर निकली कि वह अपनी सहेली से मिलने जा रही है। वह सहेली के घर न जाकर सीधे उस अपार्टमेंट पर पहुंच गई, जहां उसकी एक और दोस्त डांस क्लास में थी। सहेली ने देखा कि छात्रा रो रही है और कुछ गलत कदम उठा सकती है। उसने तुरंत छात्रा के पिता को फोन किया। पिता ने बेटी को कॉल करने की कोशिश की, परंतु मोबाइल स्विच ऑफ था। जब परिवार अपार्टमेंट पहुंचा, तब तक वह आठवीं मंजिल से गिर चुकी थी। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए। छात्रा की मृत्यु में कई अनसुलझे पहलू हैं। परिवार का दावा था कि उसके शरीर पर सिर में चोट के निशान नहीं थे, और उसका मोबाइल भी सुरक्षित था, जो उसके हाथ में ही मिला। शरीर में गले से नीचे के हिस्से में गंभीर चोटें थीं, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या यह वास्तव में आत्महत्या थी या कुछ और? इसके साथ ही, परिवार को यह भी लगा कि बच्ची पर मानसिक और भावनात्मक दबाव था, जिसने उसे आत्महत्या की ओर प्रेरित किया।
फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद, पुलिस ने मामले की नए सिरे से जांच शुरू कर दी है। अब पुलिस की नजरें उस पर हैं जिसने छात्रा के साथ शोषण किया और उस वजह से उसकी मानसिक स्थिति पर गहरा असर पड़ा। पुलिस का कहना है कि वे इस बात की तह तक जाएंगे कि आखिर वह कौन व्यक्ति था, जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में बच्चों के खिलाफ अपराध के 1,62,449 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 की तुलना में 8.7% की वृद्धि है। राजधानी भोपाल में भी बच्चों के खिलाफ अपराध की संख्या में वृद्धि हुई है, जहां 2022 में 758 मामले दर्ज किए गए।
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