जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर शहर में 16 वर्षीय दलित नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार मामले में गिरफ्तार आरोपियों को सोमवार को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया। जहां से न्यायालय ने सभी आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए हैं।
जोधपुर ईस्ट डीसीपी अमृता दुहन ने द मूकनायक को बताया कि आरोपियों से बरामदगी जैसी कोई चीज बाकी नहीं रही। इस लिए रिमांड नहीं मांगा गया। अब आरोपियों की पहचान परेड होगी। पुलिस ने बताया कि पीडि़ता के सोमवार को 164 में बयान दर्ज करवाए गए हैं। लड़की रविवार से ही परिजनों के साथ है। आपको बता दें कि पुलिस ने नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार के आरोप में समंद सिंह पुत्र हाथी सिंह निवासी उंडू पुलिस थाना शिव बाड़मेर, धर्मपाल सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी ओसियां जोधपुर, भट्टम सिंह पुत्र गेनसिंह निवासी उंडू पुलिस थाना शिव बाड़मेर और गेस्टहाउस के कर्मचारी सुरेश पुत्र प्रतापसिंह निवासी लाम्बा झुंझुनू को गिरफ्तार किया है।
राजस्थान के जोधपुर शहर में नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना से देशभर में आक्रोश है। हर तरफ आरोपियों को फांसी की सजा की मांग उठ रही है। घटना के विरोध में सोमवार को जोधपुर शहर में दर्जनों सामाजिक एवं मानावतावादी संगठन जमा हुए। गैर राजनीतिक संगठनों के पीछे आमजन की भीड़ में आक्रोश की ज्वाला नजर आ रही थी। भीड़ आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर नारे लगा रही थी। सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे तक कलेक्ट्रेट के बाहर मानवतावादी संगठनों ने जमकर प्रदर्शन किया।
इससे पूर्व सभी संगठन सुबह 11 बजे कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर जमा होना शुरू हो गए। देखते ही देख भीड़ बढ़ कर हजारों की संख्या में पहुंच गई। भीड़ बढ़ती देख पुलिसकर्मियों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर बेरिकेट्स लगा दिए। इस दौरान विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने बेरिकेट्स पार कर कलेक्ट्रेट परिसर में घुुसने का प्रयास किया। इस पर पुलिस ने लगभग आधा दर्जन प्रदर्शनकारियों को डिटेन कर लिया। इससे जन संगठनों में रोष और बढ़ गया। बाद में मामला बढ़ता देख डिटेन किए गए सभी प्रदर्शनकारियों को छोड़ दिया गया।
जोधपुर में दलित नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार की घटना के विरोध में भीम आर्मी, दलित शोषण मुक्ति मंच, अखिल भारतीय रैगर महासभा सहित दर्जनों सामाजिक और मानवतावादी संगठनों के प्रतिनिधि विभिन्न मांगों को लेकर एक साथ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे तो पुलिस ने बेरिकेट्स लगाकर रोक दिया। इस बीच गहमा-गहमी हुई। समझाइश के बाद संगठनों के पदाधिकारी अपने-अपने संगठनों के बैनर पर कम संख्या में कलक्टर को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर आए।
जोधपुर जयनारायण व्यास विश्व विद्यालय जोधपुर के ओल्ड कैंपस में नाबालिग लडकी के साथ तीन आरोपियों द्वारा सामूहिक बलात्कार की घटना में पोक्सो एक्ट, गैंगरेप, एससी/एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करने। सात दिन में चालान पेश कर फास्टट्रेक कोर्ट में मामले की सुनवाई सुनिश्चित करने। गैंगरेप मामले में शामिल रहे सभी आरोपियों को चिन्हित कर सभी को फांसी की सजा दिलवाने। गैंगरेप पीड़िता को स्थायी सरकारी नोकरी देने। परिवार को एक करोड़ रुपए आर्थिक मुआवजा देने। पुनर्वास और सुरक्षा मुहैया करवाने। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए आरोपियों की सम्पति कुर्क करने की मांग की गई। मांगें नहीं मानने पर अखिल भारतीय रैगर महासभा ने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
जोधपुर में जेएनवीयू ओल्ड कैम्पस में गैंगरेप के आरोपियों के सम्बंध एबीवीपी से होने के पुलिस के बयान को लेकर कोटा और नागौर जिले में कुछ स्थानों पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी आंदोलन कर पुलिस के बयान की निंदा की है। आरोप है कि पुलिस ने बिना किसी तथ्य के गैंगरेप आरोपियों का सम्बंध एबीवीपी से होने का बयान दिया था। कोटा और डीडवाना शहर में रैली निकाल कर एबीवीपी ने पुलिस के बयान पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि गिरफ्तार आरोपियों को अखिल भरतीय विद्यार्थी परिषद से कोई सम्बंध नहीं है। नाही उनके पास संगठन का कोई दायित्व है। इस दौरान स्थानीय अधिकारियों को सौंपे ज्ञापन में एबीवीपी ने गैंगरेप के सभी आरोपियों को फांसी देने की मांग भी की है। आपको बता दें कि गैंगरेप के आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद जोधपुर इस्ट डीसीपी अमृता दुहन ने पीसी में कहा कि था कि आरोपी एक छात्र नेता के चुनाव प्रचार के लिए यहां आए थे। जिस छात्र नेता के समर्थन में आरोपी यहां आए थे वो एबीवीपी संगठन से टिकट की दौड़ में है। एबीवीपी ने इस बयान पर एतराज किया है।
अखिल भारतीय रैगर महासभा युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश नारायण नोगिया ने द मूकनायक से बात करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं निंदनीय है। देश की आजादी को लगभग 76 साल से अधिक वक्फा बीत गया। एससीए एसटीए पिछड़ा वर्ग के साथ इस तरह के अत्याचार होना, बलात्कार जैसे कांड होना। कोई मूंछ रखता है तो उसे मार देना। घोड़ी से उतार देना। पानी की मटकी को तक नहीं छूने देना। इस तरह घटनाएं मानवता को शर्मसार करने वाली है। हम इस तरह की घटनाओं की भर्त्सना करते हैं।
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