IIT-BHU गैंगरेप: आरोपी बीजेपी आईटी सेल के तत्कालीन पदाधिकारियों पर लगा गैंगस्टर एक्ट

पुलिस ने 17 जनवरी को तीनों आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप के आरोप में चार्जशीट दाखिल की थी। अगली तारीख पर आरोपी जमानत याचिका दायर करने की तैयारी में थे तब तक पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट कायम कर दिया। अब गैंगस्टर केस दर्ज होने के बाद उनकी जमानत भी मुश्किल होगी।
वाराणसी जिला कारागार में बंद तीनों आरोपी
वाराणसी जिला कारागार में बंद तीनों आरोपी
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उत्तर प्रदेश। यूपी में वाराणसी के बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के आईआईटी कैम्पस से छात्रा का अपरहण कर गैंगरेप करने वाले बीजेपी के तत्कालीन पदाधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। वाराणसी कमिश्नरेट ने इन सभी आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की है। तीनों गैंगस्टर के आरोपियों को आईएस गैंग का क्रमांक अगले कुछ दिनों में जारी कर दिया जाएगा। भाजपा के इन कार्यकर्ताओं पर गैंगस्टर लगने के बाद अन्य कार्रवाई की तैयारी भी शुरू हो गई है। पुलिस और राजस्व की टीम अपराधियों की संपत्तियों की कुंडली खंगालेगी और उसकी सही कीमत लगाकर कुर्की की कार्रवाई करेगी।

वाराणसी कमिश्नरेट ने रविवार को लंका थाने में IIT-BHU में छात्रा से गैंगरेप केस के तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। लंका थाने के इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्र ने तीनों के खिलाफ तहरीर देकर केस दर्ज कराया। अब पुलिस गैंगस्टर शीट को कोर्ट में पेश करेगी और इसके साथ ही तीनों की कुंडली खंगालेगी। तीनों की संपत्तियों की सूची बनाकर उनकी वैल्यू निकालेगी। इसके बाद गैंगस्टर की धारा 3(1) के तहत नोटिस चस्पा कर कुर्की की कार्रवाई करेगी। इन संपत्तियों को पुलिस न्यायालय के आधीन करके सील करेगी, जब तक आरोपियों पर आरोप सिद्ध नहीं हो जाता संपत्तियां न्यायालय के कब्जे में रहेगी।

लंका थानाध्यक्ष शिवाकांत मिश्र के अनुसार, यह गैंग आर्थिक और भौतिक लाभ के लिए अपराध करता है। इस गैंग का लोगों में इतना डर और आतंक है कि कोई भी व्यक्ति इनके खिलाफ मुकदमा लिखाने या गवाही देने का साहस नहीं कर पाता है। पुलिस तीनों आरोपियों की संपत्तियों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि तीनों आरोपियों ने क्राइम के जरिए जुटाई गई संपत्तियों की पूरी जानकारी जुटाने के बाद गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क किया जाएगा। सहायक पुलिस आयुक्त भेलूपुर डा. अतुल अंजान त्रिपाठी ने बताया कि गैंगस्टर चार्ट आनंद उर्फ अभिषेक चौहान के नाम पर बनाया गया है, उसके खिलाफ गैंगरेप से पहले भी केस दर्ज है। इस गैंगशीट में कुणाल पांडेय और सक्षम पटेल को शामिल किया गया है। अग्रिम कार्रवाई पुलिस उनके घर ही नहीं चल-अचल संपत्तियों की कुर्की भी करने की तैयारी में है। एसीपी ने बताया कि तीनों ने बड़ा क्राइम किया है। उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। कोर्ट में गैंगस्टर शीट पेश करके पुलिस रिमांड पर लेगी। जिससे कई मामलों का खुलासा होगा।

जिला कारागार में बंद हैं तीनों आरोपी

गैंगस्टर केस में नामजद तीनों आरोपी आनंद उर्फ अभिषेक चौहान, कुणाल पांडेय और सक्षम पटेल 31 दिसंबर 2023 से जिला जेल में बंद हैं। न्यायिक रिमांड में उन्हें जेल की बैरक में रखा गया है। अगली तारीख पर आरोपी जमानत याचिका दायर करने की तैयारी में थे तब तक पुलिस ने गैंगस्टर कायम कर दिया। अब गैंगस्टर केस दर्ज होने के बाद उनकी जमानत भी मुश्किल होगी। पुलिस ने 17 जनवरी को तीनों आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप के आरोप में चार्जशीट दाखिल की थी। पुलिस का कहना है कि तीनों पेशेवर अपराधी हैं, जनता के बीच तीनों को जाने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। गैगस्टर लगने के बाद पुलिस तीनों को रिमांड पर भी ले सकती है। लंका थाने की पुलिस का कहना है कि तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट अदालत में दाखिल की जा चुकी है। मुकदमे का ट्रायल अदालत में जल्द ही शुरू होगा। आरोपियों के खिलाफ प्रभावी पैरवी में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा जाएगा। तीनों आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं। उन्हें कोर्ट सख्त सजा देगा।

एसीपी डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी ने बताया कि चार्जशीट में तीनों आरोपियों के रूट चार्ट, सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन को आधार बनाया गया है। इसके साथ ही पीड़ित छात्रा, उसके दोस्त और एक गार्ड के बयान को भी आरोपियों के खिलाफ आधार बनाया है। वॉट्सऐप चैट को भी कोर्ट में पेश किया है। आरोपियों से जब्त बुलेट का भी जिक्र किया गया है।

क्या थी पूरी घटना ?

वाराणसी में बीते 02 नवंबर 2023 को बीटेक की एक छात्रा को बाइक सवार तीन युवक सुनसान जगह उठाकर ले गए थे। उन्होंने छात्रा के कपड़े उतरवाकर उसके साथ गैंगरेप किया था। इसके साथ ही आरोपियों ने वीडियो भी बनाया और मौके से फरार हो गया थे। 

पीड़िता ने 02, नवंबर को पुलिस को दी शिकायत में कहा था, 'मैं एक नवंबर की रात 1:30 बजे अपने हॉस्टल से किसी जरूरी काम के लिए बाहर निकली। कैंपस के गांधी स्मृति चौराहे के पास मुझे मेरा दोस्त मिला। हम दोनों साथ में जा रहे थे कि रास्ते में कर्मन बाबा मंदिर से करीब 300 मीटर दूर पीछे से एक बुलेट आई।” 

“उस पर तीन लड़के सवार थे। उन लोगों ने बाइक खड़ी करके मुझे और मेरे दोस्त को रोक लिया।इसके बाद उन लोगों ने हमें अलग कर दिया। मेरा मुंह दबाकर मुझे एक कोने में ले गए। वहां पहले मुझे किस (Kiss) किया, उसके बाद कपड़े उतरवाए। मेरा वीडियो बनाया और फोटो खींची।

“मैं जब बचाव के लिए चिल्लाई तो मुझे मारने की धमकी दी। करीब 10-15 मिनट तक मुझे अपने कब्जे में रखा और फिर छोड़ दिया। मैं अपने हॉस्टल की ओर भागी तो पीछे से बाइक की आवाज आने लगी। डर के मारे मैं एक प्रोफेसर के आवास में घुस गई। वहां पर 20 मिनट तक रुकी और प्रोफेसर को आवाज दी। प्रोफेसर ने मुझे गेट तक छोड़ा। उसके बाद पार्लियामेंट सिक्योरिटी कमेटी के राहुल राठौर मुझे IIT-BHU पेट्रोलिंग गार्ड के पास लेकर पहुंचे। जहां से मैं अपने हॉस्टल तक सुरक्षित आ पाई। तीनों आरोपियों में से एक मोटा, दूसरा पतला और तीसरा मीडियम हाइट का था। पीड़ित छात्रा ने फुटेज देखकर आरोपियों की पहचान की थी। इसके अलावा, न्यूड वीडियो बनाने की बात कही थी। पीड़ित छात्रा से कन्फ़र्म होने के बाद ही पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ जांच करके एक-एक सबूत जुटाए। उसके बाद 30 दिसंबर को उन्हें गिरफ्तार किया गया।”

क्या होता है गैंगस्टर एक्ट?

भारत में गिरोह बनाकर अपराध करने वाले बदमाशों के खिलाफ सरकार ने 1986 में गैंगस्टर एक्ट बनाया और लागू किया था। गैंगस्टर अधिनियम 1986 के मुताबिक, एक या एक से अधिक व्यक्तियों का समूह, जो अपराध के जरिए अनुचित लाभ अर्जित करता है या इस मकसद से एक्ट में उल्लिखित अपराध करता है तो वह गैंगस्टर कहा जाता है। चाहे वह किसी भी तरह का अपराध हो। सीधे तौर पर कहें तो गैंगस्टर एक अपराधी है, जो एक गिरोह का सदस्य है। ज्यादातर गिरोह संगठित अपराध का हिस्सा माने जाते हैं। गैंगस्टर शब्द भीड़ और प्रत्यय-स्टर से लिया गया है। इनके गैंग एक व्यक्तिगत अपराधी की तुलना में बहुत बड़े और अधिक जटिल अपराध करते हैं। भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के देशों में गैंगस्टर सक्रिय हैं।

साल 2015 में मजबूत हुआ था गैंगस्टर एक्ट

उत्तर प्रदेश में तत्कालीन सरकार ने गैंगस्टर एक्ट में संशोधन किया था। उत्तर प्रदेश गिरोहबंद और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) (संशोधन) अध्यादेश 2015 को तत्कालीन राज्यपाल रामनाईक ने मंजूरी दी थी। इसके बाद गैंगस्टर एक्ट का दायरा बढ़ गया था। गैंगस्टर एक्ट में दोषी अपराधी को न्यूनतम दो साल और अधिकतम दस साल सजा दिए जाने का प्रावधान है। इससे पहले गैंगस्टर एक्ट में केवल 15 तरह के अपराध शामिल थे। लेकिन बाद में इसके तहत आने वाले अपराधों की संख्या में इजाफा किया गया।

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