उत्तर प्रदेश। यूपी एटीएस में तैनात एडिशनल एसपी राहुल श्रीवास्तव पर रेप करने व गर्भपात कराने के आरोप में गोमतीनगर विस्तार थाने में तहरीर देने के लगभग 40 दिन बाद एफआईआर दर्ज हो सकी है। एएसपी की पत्नी, चार दोस्तों व अन्य पर धमकी देने का आरोप लगाया गया था। एफआईआर में इन सभी को आरोपी बनाया गया है। इस मामले को द मूकनायक ने प्रमुखता से उठाया था। इस मामले में आईपीएस रवीना त्यागी जांच कर रही हैं।
लखनऊ की रहने वाली पीड़ित युवती के मुताबिक वह 2018 में यूपीएससी की तैयारी कर रही थी। तब उसकी मुलाकात पीपीएस अफसर राहुल श्रीवास्तव से हुई। युवती से राहुल श्रीवास्तव ने मदद की बात कही। युवती के मुताबिक अफसर ने उन्हें 2019 में रिसर्च वर्क और स्टडी मैटेरियल देने के बहाने बुलाया और रेप कर नग्न अवस्था में तस्वीरें ले ली और ब्लैकमेल किया। इसकी शिकायत दो माह पहले युवती ने कई उच्च अधिकारियों से की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद युवती ने सोशल मीडिया पर घटना पोस्ट करते हुए लिखा "ATS के एएसपी राहुल श्रीवास्तव ने मेरे साथ शारीरिक शोषण किया है।"
पीड़िता ने आरोप लगते हुए कहा, "वो दो महीने से DGP, ADG लॉ एंड ऑर्डर और कमिश्नर के चक्कर लगा रही है, लेकिन अभी एफआईआर नहींं दर्ज की गई ।" पीड़िता ने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई थी।
पीड़िता ने सोशल मीडिया पोस्ट में यूपी के मुख्यमंत्री कार्यालय, लखनऊ पुलिस, एडीजी यूपी, उत्तर प्रदेश सीएमओ ऑफिस, उत्तर प्रदेश सरकार ऑफिस, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी उत्तर प्रदेश और भारत के प्रधानमंत्री ऑफिस को टैग करते हुए लिखा, "आपकी सरकार में ऐसे अधिकारियों के द्वारा मेरी इज्जत को रोज उछाला गया, कृपया एफआईआर दर्ज कर मुझे इंसाफ दें।"
इस मामले में पीड़िता ने आगे बताया था, "डीजीपी यूपी और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने मुझे ब्लॉक कर दिया और मिलने से इनकार कर दिया। मेरे सबूतों के बावजूद अधिकारी को बचा रहे हैं। मेरी शिकायतें अन्य सीनियर अधिकारी भी अनसुनी कर रहे हैं। दो महीने बाद, यौन उत्पीड़न की पीड़िता के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए यूपी पुलिस से निराश होकर मुख्यमंत्री की ओर रुख कर रही हूं।"
इस मामले में यूपी पुलिस के एक्स हैंडल से कहा गया है, "सीनियर अधिकारियों को दिए गए आपके आवेदन को विधिवत WCSO को भेज दिया गया है, जहां एक वरिष्ठ IPS अधिकारी मामले की निष्पक्ष जांच कर रही हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।" विभाग की जांच का नेतृत्व आईपीएस रवीना त्यागी कर रही हैं।
इस मामले में द मूकनायक से वरिष्ठ पीपीएस अफसर राहुल श्रीवास्तव ने कहा, "युवती की काउंसलिंग चल रही थी। वह मेरी पत्नी के पास काउंसलिंग के लिए आई थी। इस दौरान ही मेरी उससे मुलाकात हुई। वह मेरी बेटी के समान है। अपने से उम्रदराज व्यक्ति पर ऐसे आरोप लगाना उचित नहीं है। यह सब शिकायत युवती ने मेरी पत्नी से भी की थी। जब मेरी पत्नी नहीं मानी तो उसने एसिड अटैक की धमकी भी दी। युवती द्वारा लगाए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। मैं जांच में सहयोग कर रहा हूँ। मुझे कानून में विश्वास है। सब कुछ जांच के बाद स्पष्ट हो जाएगा।"
इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता और आजाद अधिकार सेना की राष्ट्रीय महासचिव डॉ. नूतन ठाकुर ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। ठाकुर चर्चित पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की पत्नी है। नूतन ठाकुर ने कहा था कि "प्रकरण में युवती द्वारा पिछले कई महीनों से डीजीपी, यूपी सहित विभिन्न पुलिस अफसरों के पास जाकर अपनी गुहार लगाई गई है किंतु अब तक आश्वासन के अलावा कुछ और नहीं मिला है।" उन्होंने आगे कहा, "यदि युवती साक्ष्य सहित इस प्रकार के गंभीर आरोप लगा रही है तो निश्चित रूप से इस प्रकरण में अविलंब एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।"
इस मामले में पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर लगभग 40 दिन बाद गोमतीनगर विस्तार थाने में मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमा एएसपी एटीएस राहुल श्रीवास्तव उनकी पत्नी मानिनी श्रीवास्तव और राहुल श्रीवास्तव के चार दोस्त सौरभ, सतीश, विक्रम, सिद्धार्थ और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा- 376,506 और 313 में दर्ज किया गया है।
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