भोपाल। भोपाल कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर राजेश सोरते पर उनके पूर्व पदस्थापना क्षेत्र पचोर की एक महिला कर्मचारी ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। पीड़ित महिला ने इस मामले में पचोर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। बुधवार को ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने गुरुवार को महिला से पूछताछ की और शादी का झांसा देकर यौनशोषण का मामला दर्ज किया।
पीड़िता के अनुसार, उनकी पहली मुलाकात वर्ष 2022 में तब हुई जब राजेश सोरते पचोर में तहसीलदार के पद पर पदस्थ थे। इस दौरान वे महिला को चैंबर में बार-बार बुलाते थे, और बाद में महिला से नजदीकी बढ़ाने लगे। महिला ने बताया कि सोरते उन्हें अपने सरकारी बंगले पर काम के बहाने बुलाते थे और धीरे-धीरे उन्होंने महिला को शादी का झांसा देकर संबंध बनाए। महिला के मुताबिक, सोरते ने एक बार उसे हनुमानजी मंदिर पर सिंदूर लगाकर लगाया था और कहा था कि वह जल्द ही कोर्ट मैरिज करेंगे।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि सोरते ने न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी उसे परेशान किया। वह उसे वीडियो कॉल के जरिए लगातार संपर्क में रखते थे और उसका निजी जीवन नियंत्रित करने की कोशिश करते थे। यहां तक कि वह उसके हर मूवमेंट पर नजर रखने के लिए दिन में 15 से 20 बार वीडियो कॉल करते थे।
अगस्त 2023 में डिप्टी कलेक्टर के रूप में पदोन्नति के बाद सोरते भोपाल स्थानांतरित हो गए, लेकिन उन्होंने महिला को बार-बार भोपाल बुलाया। इस दौरान वह उसे होशंगाबाद रोड स्थित पुष्कर आकृति ईको सिटी और अन्य होटलों में ले जाकर तीन-चार दिनों तक रुकवाते थे। पीड़िता ने दावा किया कि बिना शादी के उसने दो बार करवाचौथ का व्रत भी करवाया।
महिला ने कहा कि सोरते उसे किसी अन्य व्यक्ति के साथ संबंध होने का शक करते थे और इस वजह से वह उसे दिन में कई बार वीडियो कॉल करके जांचते थे। महिला का आरोप है कि जब उसने शादी की बात की, तो सोरते ने उसे टाल दिया और अंततः उसका नंबर ब्लॉक कर दिया।
महिला ने बताया कि 15 दिन पहले राजेश सोरते अपने भाई के साथ एक रेस्ट हाउस में मिले और उस पर दो-तीन लाख रुपए लेकर समझौता करने का दबाव डाला। उन्होंने धमकी दी कि उनके अफसर होने के कारण पुलिस और अन्य विभागीय अधिकारी उनकी बात मानेंगे। पीड़िता ने दावा किया कि उन पर दबाव बनाने के लिए कुछ स्थानीय पटवारियों का भी सहारा लिया गया, लेकिन उन्होंने किसी भी प्रकार के समझौते से इंकार कर दिया।
पीड़िता ने बताया कि जब उसने शादी के लिए सोरते पर दबाव डाला तो उन्होंने उसे नजरअंदाज किया, जिससे वह निराश होकर आत्महत्या का प्रयास करने लगी। उसने फिनाइल पीकर जान देने की कोशिश की थी, लेकिन उसके पड़ोसी ने समय रहते उसे बचा लिया। महिला ने आरोप लगाया कि सोरते ने शादी का झांसा देकर उसका शोषण किया और अंत में उसे धोखा दे दिया।
डिप्टी कलेक्टर राजेश सोरते ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों का खंडन किया है। उनका कहना है कि महिला आपराधिक पृष्ठभूमि से है और उसने अपने परिवार की दयनीय स्थिति का हवाला देकर उनसे आर्थिक सहायता मांगी थी। उन्होंने महिला पर अपने बच्चों के बारे में झूठी जानकारी देने का आरोप भी लगाया और दावा किया कि वह महिला को पांच लाख रुपए से अधिक राशि उधार दे चुके हैं।
सारंगपुर के एसडीओपी अरविंद सिंह ने बताया कि मामले की जांच चल रही है और सभी पक्षों से पूछताछ की जाएगी। उन्होंने कहा, आरोपी डिप्टी कलेक्टर राजेश सोरते भोपाल कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ है। मामले की बारीकी से जांच में पाया कि आरोपी ने महिला को शादी का झांसा देकर संबंध बनाए। रेप की धराओं में मामला दर्ज किया गया है।
भारतीय न्याय संहिता (BNS) में शादी या नौकरी का झूठा वादा कर शारीरिक संबंध बनाने को अपराध घोषित किया गया है। बीएनएस की धारा 69 में कहा गया है कि अगर शादी का वादा करने के बाद उसे पूरा करने की कोई मंशा नहीं है और यौन संबंध बन जाता है, तो ऐसे व्यक्ति को 10 साल तक की कैद की सजा हो सकती है।
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