मुजफ्फरपुर- बिहार के मुजफ्फरपुर और मोतिहारी जिले से महिला उत्पीड़न की घटनाएं सामने आई हैं। मुजफ्फरपुर जिले में दरोगा की परीक्षा देने ट्रेन से जा रही एक युवती झपट्टा मार गिरोह का शिकार हो गई। इस घटना में उसने हाथ पैर गंवा दिए। इस पूरे मामले में पुलिस जांच में जुटी है। वहीं मोतिहारी जिले में एक दिव्यांग नाबालिग के साथ गैंगरेप की घटना हुई।
पहली घटना बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बेतिया रेल खंड के सुगौली स्टेशन के पास की है। पूर्वी चंपारण के पलनमा थाना क्षेत्र के उचीडीह निवासी प्रमोद पाण्डे के पुत्री सलोनी कुमारी रविवार को सुबह तक़रीबन 5 बजे अपने घर से निकली। भसनाडीह स्टेशन से ट्रेन पड़कर मोतिहारी के लिए निकली। वह अपने फुआ के लड़के के साथ पूर्वी चंपारण के तुरकौलिया जाती, जहां वह दरोगा बहाली की परीक्षा में शामिल होती, लेकिन उसे क्या पता था कि उसका यह सपना सिर्फ सपना ही बनकर रह जाएगा।
पूरे मामले को लेकर जब हमने पीड़ित युवती के भाई से फोन पर बातचीत की तो उन्होंने बताया कि उनकी बहन गत रविवार सुबह 5 बजे घर से निकली थी और पैसेंजर ट्रेन पकड़ कर मोतिहारी जा रही थी। जहां से उसे फूफ़ा के लड़के के साथ पूर्वी चंपारण के तुरकौलिया में दरोगा बहाली की परीक्षा में शामिल होना था। वहीं सुगौली स्टेशन के पास वह ट्रेन के गेट के पास बैठी हुई थी और फोन पर किसी से बातचीत कर रही थी। इसी दौरान झपट्टा मार गिरोह के कुछ सदस्य उसका मोबाइल छीनकर भागने लगे, जिसका उसकी बहन सलोनी कुमारी ने विरोध किया। इस दौरान सलोनी ट्रेन से नीचे गिर गई और अपना पैर और हाथ गंवा बैठी।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद घायल सलोनी की गंभीर हालत को देखते हुए उसे पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसका इलाज चल रहा है। इस घटना के बाद घायल सलोनी कुमारी के पूरे परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। एक तरफ सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा लगाती है तो वहीं अब बिहार में बेटी सुरक्षित नहीं है।
बिहार के मोतिहारी जिले के मेहसी थाना क्षेत्र के एक गांव में दरवाजे पर बैठी दिव्यांग नाबालिग लड़की का मुंह दबाकर बदमाशों द्वारा बाइक पर ले जाकर सामूहिक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया। घटना के बाद दोनों युवक सड़क किनारे लड़की को छोड़ फरार हो गए। लड़की घर पहुंचकर इशारे से घटना की जानकारी परिजनों को दी। परिजनों ने इसकी सूचना मेहसी पुलिस को दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों युवक को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार युवक की पहचान मनोज पासवान और पिंटू पंडित के रूप की गई। पुलिस पीड़ित लड़की के मां के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर अग्रतर करवाई में जुटी है।
भोपाल- मध्यप्रदेश में बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। सीहोर जिले में एक 5 साल की मासूम से हैवानियत की घटना सामने आई है। इधर, टीकमगढ़ में भी पाँचवीं कक्षा की बच्ची से रेप की घटना हुई है।
सीहोर के श्यामपुर स्थित 5 साल की नाबालिग बच्ची से एक निजी स्कूल के वैन ड्राइवर ने बलात्कार किया। पुलिस ने आरोपी वैन चालक विनोद माहेश्वरी को गिरफ्तार कर लिया है। गंभीर हालत में बच्ची को सीहोर से रेफर कर भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के मुताबिक मासूम एक निजी स्कूल में नर्सरी क्लास में पढ़ती है। घटना 13 दिसंबर की बताई जा रही है। बच्ची जब स्कूल वैन से अपने घर जा रही थी, इसी दौरान ड्राइवर ने रास्ते में वैन रोककर उसके साथ हैवानियत की। पीड़ित बच्ची घर पहुंची तो उसकी हालत खराब थी। उसने मां को घटना की जानकारी दी। इसके बाद परिजन बच्ची को लेकर थाने पहुंचे और आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू की और आरोपी वैन चालक को गिरफ्तार कर लिया।
इधर, टीकमगढ़ जिले में कक्षा 5वीं की छात्रा से गांव के ही दो नाबालिग लड़कों ने बलात्कार किया। बच्ची की हालत गंभीर होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर केस दर्ज कर लिया है।
दरअसल, यह मामला टीकमगढ़ जिले के बम्होरी कला थाना क्षेत्र का है। जहां एक महिला अपनी 10 वर्षीय नाबालिग बच्ची को घर पर अकेला छोड़कर बाजार गई हुई थी। मासूम बच्ची घर पर अकेली थी, इसी का फायदा उठाकर गांव के ही दो नाबालिग लड़के घर में घुस गए और उसे पकड़ कर घर के पास स्थित सरकारी स्कूल में ले गए।
जहां बाथरूम में ले जाकर दोनों लड़कों ने बारी-बारी से उसके साथ बलात्कार किया। इसके बाद बच्ची को उसके घर के पास छोड़ गए। बच्ची को ब्लीडिंग होने लगी। जब मां शाम 6 बजे घर पहुंची तो पीड़िता बेहोशी की हालत में मिली। पीड़िता की मां ने बताया कि बच्ची ने कहा कि गांव के दो लड़कों ने स्कूल में ले जाकर गलत काम किया है। मां तत्काल बेटी को प्राइवेट डॉक्टर के पास ले गई, जहां डॉक्टर ने महिला को थाने पहुंचाया। पुलिस ने केस दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
2022 की एनसीआरबी रिपोर्ट में महिलाओं के खिलाफ अपराध के तहत 4,45,256 मामले दर्ज किए गए, वहीं 2021 में यह संख्या 4,28,278 थी। एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में 2020 के मामलों की तुलना में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 15.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी।
इस बीच, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत अपराधों के पंजीकरण में गिरावट देखी गई है। 2021 में यह 36,63,360 से घटकर 2022 में 35,61,379 हो गई, जो 2.78 प्रतिशत की गिरावट है। इससे पहले, 2022 की तुलना में 2021 में 13.9 प्रतिशत की गिरावट थी।
महिला अपराध से सम्बंधित आंकड़ों को लेकर महाराष्ट्र की सोशल एक्टिविटिस्ट सुनीता भोंसले कहती हैं-'महिला से सम्बंधित अपराधों की संख्या किताबी आंकड़ों से कहीं ज्यादा है। महिलाओं के साथ अपराध होता है, लेकिन कई बार सामाजिक दबाव आने के कारण वह शिकायत करने से पीछे हट जाती हैं। यह जो आंकड़े हैं. वह हमारे जैसे ही समाजसेवियों के कारण दर्ज किए गए हैं। हम महिलाओं को उनके अधिकार बताते हैं। जिसके बाद वह शिकायत करने के लिये अधिकारियों के दफ्तर जाती हैं। कई बार जातीय भेदभाव के कारण भी महिला सम्बंधित अपराध दर्ज नहीं किए जाते हैं।
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