चुराचांदपुर जिले के लगभग सभी प्रवेश मार्ग भारी सुरक्षाबलों के घेरे में हैं. किसी भी व्यक्ति या वाहन का प्रवेश क्षेत्र में आसानी से नहीं हो सकता है. जिले को जोड़ने वाले क्षेत्रों को बफर जोन बना दिए गए ह ...
कुकी बाहुल्य क्षेत्र में स्थित राहत शिविरों में कैंसर, लिवर और चिकनपॉक्स जैसी बीमारियों से आईडीपी (आंतरिक रूप से विस्थापित लोग) जूझ रहे हैं. प्राइवेट हॉस्पिटल में दवा कराने के लिए पैसे नहीं हैं. हिंसा ...
मणिपुर में जातीय हिंसा के बाद स्कूली छात्रों की शिक्षा सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है. मैतेई समुदाय के लगभग रिलीफ कैंपों के निकटवर्ती स्कूलों में राहत शिविरों के बच्चों का प्राइमरी स्कूलों में जोर देकर ए ...
पहाड़ी में बसे ट्राइबल बाहुल्य चुराचांदपुर जिला प्रदेश में जातीय हिंसा के बाद सबसे संवेदनशील और चर्चा वाली जगह के रूप में उभरा है. हिंसा के बाद दो भागों में बंट चुके मणिपुर में चुराचांदपुर को संदेह की ...
मणिपुर में एक ही दिन में तीन महिलाओं के साथ गैंगरेप हुआ, दो की हत्या हुई और दो को नग्न करके परेड कराया गया था। पीड़िताओं ने द मूकनायक से रोंगटे खड़े कर देने वाली आपबीती सांझा की।