विद्या संबल योजना से आखिर क्यों मुकर गई राजस्थान सरकार!

विद्या संबल योजना से आखिर क्यों मुकर गई राजस्थान सरकार!
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जयपुर। राजस्थान के सरकारी स्कूलों में रिक्त चल रहे 93 हजार पदों पर विद्या संबल योजना के तहत आवेदन लेने के बाद संविदा नियुक्ति से पूर्व ही राज्य सरकार अग्रिम आदेश तक योजना स्थगित कर एक बार फिर बैकफुट पर है। इससे पूर्व भी वर्षों से अल्प मानदेय पर मदरसों व अन्य पाठशालाओं में शिक्षा की अलख जगा रहे मदरसा पैराटीचर, शिक्षाकर्मी व पंचायत सहायकों से स्थायी नियुक्ति का वादा कर राजस्थान सरकार मुकर चुकी है। अभी तक ऐसे लगभग 41 हजार अस्थायी शिक्षाकर्मी सहित अन्य स्थायी होने की बाट देख रहे हैं। विद्या संबल का ढिंढोरा पीटने वाली राजस्थान सरकार शिक्षा विभाग में न तो स्थाई शिक्षक भर्ती कर पा रही है, ना ही अस्थायी शिक्षकों को लगाने में कामयाब हो रही है। ऐसे में सवाल यह है भी कि आखिर सरकार की ढुलमुल नीति से राजस्थान में शिक्षा को कैसे संबल मिलेगा। हर बार सरकार किसी न किसी बहाने मामले को लटका कर बैकफुट पर आ जाती है। बेरोजगारों का आरोप है कि राज्य सरकार उनके भविष्य के साथ मजाक कर रही है।

यह है विद्या संबल योजना?

शिक्षाविद बताते हैं कि राज्य के सरकारी स्कूलों में खाली पड़े 93 हजार पद रिक्त हैं। इन पदों पर स्थायी शिक्षक लगाने की बजाय सरकार ने विद्या संबल योजना के तहत गैस्ट फैकल्टी (अतिथि शिक्षक) से भरने के लिए आदेश जारी कर विद्यालय स्तर पर आवेदन जमा करने के लिए कार्यक्रम घोषित कर दिया। 7 नवम्बर तक अभ्यर्थियों ने विद्यालयों में घूम कर विभिन्न पदों पर आवेदन जमा कराए। 11 नवम्बर को विद्यालय स्तर पर अस्थायी वरीयता सूची जारी कर चश्पा कर दी गई। 16 नवम्बर को स्थायी वरीयता सूची जारी कर विद्यालय स्तर पर ही चयनित अभ्यर्थियों को संविदा नियुक्ति देना था, लेकिन इससे पूर्व ही राज्य सरकार ने 14 नवम्बर को एक आदेश जारी कर योजना को अग्रिम आदेश तक स्थगित कर दिया। इससे बेरोजगारों को बड़ा झटका लगा है। यह बात अलग है कि राजस्थान सरकार में शिक्षा मंत्री अब योजना में रही खामियों (विशेष कर आरक्षण) की समस्या को दूर कर पुनः योजना शुरू करने की बात कह रहे हैं। योजना के तहत सवाईमाधोपुर जिले के एक स्कूल में आवेदन कर चुके अभ्यर्थी रागिब खान ने बताया कि पूर्व में चुनावी घोषणा पत्र में किए वादे से मुकरने के आरोपों से घिरी राजस्थान सरकार से अभ्यर्थियों का भरोसा उठ गया है। खान ने बताया कि "हम पहले से बेरोजगार हैं। अस्थायी नौकरी के आवेदन पर पैसा खर्च किया, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात।"

बिना आरक्षण व टीएसपी क्षेत्र में नॉन टीएसपी क्षेत्र के अभ्यर्थियों के आवेदन से हुआ विवाद

राजस्थान के शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने विद्या संबल योजना के अस्थायी स्थगन पर मीडिया को सफाई दी है। कल्ला ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि योजना में आरक्षण का प्रावधान शामिल नहीं किया था। इसके अलावा टीएसपी क्षेत्र में नॉन टीएसपी क्षेत्र के लोगों के आवेदन जमा नहीं करने व बाहरी अभ्यर्थियों को भी योजना में शासमिल नहीं करने की मांग से विवाद खड़ा हो गया था। इसी लिए योजना को अग्रिम आदेश तक स्थगित किया गया है।

योजना विवादों में आने के बाद अब शिक्षा विभाग ने इस संबंध में वित्त विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों से भी मार्गदर्शन मांगा है। ध्यान रहे कि जयपुर में आयोजित हुए मेगा जॉब फेयर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी आरक्षण को लेकर बयान देते हुते कहा था कि आरक्षण कानूनी प्रावधान हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर मुहर लगा दी है। आरक्षण की कोई गणना गड़बड़ हुई तो ठीक कर देंगे। सीएम के इशारे के बाद शिक्षा विभाग ने योजना में आरक्षण का प्रावधान नहीं होने की गलती मानते हुए योजना को अग्रिम आदेश तक स्थगित किया है। हालांकि, अधिकारी इसे अपरिहार्य कारणों से स्थगित करने की बात कह रहे हैं।

सवाईमाधोपुर जिले में 1 पद पर 70 आवेदन

विद्या सम्बल योजना के तहत सवाईमाधोपुर जिले में एक पद के लिए 70 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इससे राजस्थान में बेराजगारी की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। जिले के सरकारी स्कूलों में रिक्त 376 पदों पर 23887 आवेदन आए हैं। यह विचारणीय बिंदु है। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक नाथूलाल खटीक ने द मूकनायक को बताया कि, "सवाईमाधोपुर जिले में व्यख्याता के 70 पदों के लिए 3239, वरिष्ठ अध्यापक के 80 पदों पर 5729, अध्यापक लेवल 2 के 85 पदों पर 8385, अध्यापक लेवल 1 के 128 पदों पर 5634, प्रयोगशाला सहायक के एक पद पर 70 व शारीरिक शिक्षक 12 पदों पर 830 आवेदन विद्यालय स्तर पर जमा हुए हैं। अस्थायी वरीयता सूची जारी कर दी गई है। फिलहाल भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई है। राज्य सरकार के अग्रिम आदेशानुसार कार्रवाई करेंगे।"

भीम आर्मी प्रदेश सचिव कृषणा मेहर ने द मूकनायक को बताया कि, "राज्य सरकार ने विद्या संबल योजना बिना किसी तैयारी के शुरू की। योजना में किसी भी प्रकार से आरक्षण को शामिल नहीं किया गया था, न ही टीएसपी व नॉन टीएसपी क्षेत्र के लिए कोई दिशा निर्देश दिए गए थे। राजस्थान में किसी भी विभाग की सरकारी भर्ती से पूर्व टीएसपी (जनजातीय क्षेत्र) जिनमें जिलों व तहसीलों में 50 प्रतिशत से अधिक आदिवासी निवास करते हैं, व नॉन टीएसपी गैर-जनजातीय इलाके के बिंदु को स्पष्ट किया जाता है, वहां इस योजना में इन बिन्दुओ को गौण रखा गया है। विद्या संबल योजना में आरक्षण शामिल करने की मांग को लेकर भीम आर्मी ने प्रदेश भर में ज्ञापन दिए थे। इसी का नतीजा है कि राज्य सरकार को योजना की क्रियान्विति रोकना पड़ा।"

यह बोले अधिकारी

इस संबंध में निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर गौरव अग्रवाल ने कहा कि, "विद्या संबल योजना के तहत गैस्ट फैकल्टी में शिक्षको के रिक्त पदों पर लगाये जाने की प्रक्रिया आगामी आदेश तक स्थगित की गई है।"

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