नई दिल्ली। जयपुर की विद्याधर नगर सीट से विधायक दीया कुमारी को राजस्थान की उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की गई है। दीया कुमारी 2013 में पहली बार सवाईमाधोपुर सीट से विधायक बनीं थीं, जबकि 2019 में उन्होंने राजसमंद सीट से लोकसभा चुनाव जीता था।
दीया कुमारी विद्यानगर से विधायक निर्वाचित हुई है। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के सीताराम अग्रवाल को 71 हजार से भी ज्यादा वोटों से हराया था। 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में यह सबसे बड़ी जीत रही है। वे साल 2013 से 2018 तक तक सवाईमाधोपुर से विधायक रहीं। इसके बाद बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राजसमंद से चुनावी मैदान में उतारा था। वहां से दीया सांसद बनीं।
52 वर्षीय दीया कुमारी, जयपुर के आखिरी महाराजा मानसिंह द्वितीय की पोती हैं और खुद कथित राजकुमारी हैं. दीया कुमारी के बेटे पद्मनाभ सिंह अभी जयपुर के कथित महाराजा हैं.
लंदन से फाइन आर्ट्स व डेकोरेटिव पेंटिंग में डिप्लोमा हासिल करने वालीं दीया कुमारी की निजी जिंदगी विवादों से भरी है. साल 1997 में जब उन्होंने नरेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति से शादी का फैसला किया तो खासा हंगामा मचा. वजह- नरेंद्र सिंह किसी राज परिवार या रसूख वाले खानदान से ताल्लुक नहीं रखते थे. दीया के परिवार वाले इस शादी के खिलाफ थे. ऐसे में उन्होंने दिल्ली की एक कोर्ट में गुपचुप तरीके से शादी कर ली थी. हालांकि साल 2019 में दीया कुमारी और नरेंद्र सिंह तलाक लेकर अलग हो गए.
राजकुमारी दीया कुमारी 16 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति की मालकिन हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त उन्होंने जो हलफनामा दिया था, उसमें अपनी संपत्ति 16,59,84,623 बताई थी. दीया कुमारी जयगढ़ फोर्ट और अंबर फोर्ट की मालकिन हैं. दो स्कूल भी चलाती हैं. इसके अलावा महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय म्यूजियम ट्रस्ट और जयपुर पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट का संचालन भी करती हैं.
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