राजस्थान। राज्य में लगातार भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने के बाद सरकार अभी तक 'लीकेज' ढूंढने और उसकी रोकथाम करने में असफल रही है। एक के बाद एक भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं, लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल सका कि पेपर लीक माफियाओं तक पेपर पहुंचा कौन रहा है? सरकार की जांच एजेंसियों के लिए यह पता करना बड़ा चुनौतीपूर्ण हो गया है।
हालांकि दावा किया जा रहा है कि वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के सरगना व एक लाख रुपये इनामी आरोपी भूपेंद्र सारण की एटीएस व एसओजी सहित राजस्थान पुलिस की अन्य टीमो द्वारा हाल ही बैंगलोर एयरपोर्ट से गिरफ्तारी के बाद, इसकी मदद से पेपर लीक के 'लीकेज' (जहां से सबसे पहले पेपर निकलता है) तक पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन अभी पुलिस को सारण का सहयोगी सुरेश ढाका छका रहा है।
पेपर लीक के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस भी इस प्रकार के अपराध कारित करने वालों का मनोबल तोड़ने के लिए मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने लगी है। शुक्रवार को उदयपुर पुलिस ने सेकंड ग्रेड पेपर लीक मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी भूपेंद्र सारण का उदयपुर में सड़कों पर जुलूस निकाला। पुलिस भूपेंद्र सारण को हाथीपोल थाने से कोर्ट तक पैदल बारात निकालते हुए पहुंची। इस दौरान सारण को फटे पुराने कपड़े पहनाए। इसके बाद पुलिस ने सारण को कोर्ट में पेश किया।
गत 19 फरवरी को तीन शहरों में आयोजित हुई सीएचओ (सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी) की भर्ती परीक्षा में 82 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी, लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। ऐसे में अब इन अभ्यर्थियों को लेकर भी असमंजस की स्थिति है। कोई नहीं जानता अन्य परीक्षाओं की तरह ये परीक्षा भी निरस्त होगी या फिर परिणाम आएगा। यह एसओजी की जांच रिपोर्ट आने के बाद तय होगा।
आपको बता दें कि सीएचओ का पेपर अनजान विदेशी नम्बरों से कई अभ्यर्थियों के व्हाट्सएप पर आया था। इनमें एक अभ्यर्थी सुनीता ने परीक्षा के बाद खुद मीडिया को जानकारी दी थी। इसके अलावा कई अन्य अभ्यर्थियों के पास भी अनजान नम्बरों से पेपर से सम्बंधित प्रश्नपत्रों का मैसेज भेजा गया। इस संबंध में एसओजी ने 6 अभ्यर्थियों से भी पूछताछ की है, लेकिन अभी किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सके कि आखिर परीक्षा शुरू होने से पहले यह पेपर कहां से माफियाओं तक पहुंचा। इस मामले में राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के चेयरमैन हरिप्रसाद शर्मा कह चुके हैं कि इस संबंध में जो उन्हें सबूत मिले हैं, एसओजी को भेज दिए हैं। एसओजी की रिपोर्ट के बाद ही तय होगा पेपर लीक हुआ या नहीं।
भर्ती परीक्षाओं में लगातार पेपर लीक की घटनाओं से जूझ रहे राजस्थान प्रदेश के सामने 25 फरवरी से 1 मार्च तक चलने वाली तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा का सफल आयोजन बड़ी चुनौती है। वहीं अभ्यर्थियों को चिंता है कि इस बार भी सरकार पेपर लीक रोकने में असफल रही तो उनके भविष्य का क्या होगा। आपको बता दे कि इस बार एल-1 व एल-2 के लिए रीट मेंस में 9 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के शामिल होने की सम्भावना है। हालांकि परीक्षा आयोजन से जुड़े अधिकारी इस बार भी अन्य परीक्षाओं की तरह कड़ी निगरानी में परीक्षा आयोजन का दावा कर रहे हैं।
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए रीट मेंस की परीक्षा इस बार केवल 11 जिलों में होगी। सुरक्षा की दृष्टि से कर्मचारी चयन बोर्ड ने परीक्षा केंद्रों का दायरा कम कर दिया है। ज्यादातर मामलों में अभ्यर्थी की शाम की पारी में परीक्षा के बाद अगले दिन सुबह की पारी में लगभग 500 किलोमीटर दूर परीक्षा देने जाना होगा। ऐसे में एक अभ्यर्थी के लिए रात भर लंबी दूरी का सफर तय करने के बाद सुबह की पारी में परीक्षा दे पाना मुश्किलों भरा होगा। विशेष रूप से मेवाड़ वागड़ अंचल के गरीब आदिवासी समुदाय के अभ्यर्थियों की परेशानी को देखते हुए डूंगरपुर के चौरासी क्षेत्र के विधायक राजकुमार रोत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। रोत ने पत्र के माध्यम से सीएम को अवगत करवाया कि शिक्षा विभाग की रीट मेंस परीक्षा 25 फरवरी से 1 मार्च तक होंगी। परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों के परीक्षा केंद्र आवंटन व प्रवेश पत्र जारी करने में लापरवाही बरती गई है। जिसमें मुख्य रूप से 26, 27 फरवरी की शाम को 5 बजे जिन अभ्यर्थियों का पेपर खत्म होगा। उनमें से कुछ बच्चों का दूसरा पेपर पांच सौ किलोमीटर दूर अगले दिन सुबह की पारी में रखा गया है। इनमे कई महिलाएं, दिव्यांग श्रेणी के हैं। जिन्हें अगले दिन कुछ को सुबह तो कुछ को अपने परीक्षा केंद्रों तक पहुंचना है। ऐसे में डूंगरपुर से उदयपुर फिर उदयपुर से जयपुर के सफर कैसे तय होगा?
रोत ने सीएम को लिखे पत्र में आगे कहा कि हजारों अभ्यर्थियों के सामने समय पर परीक्षा केंद्र तक पहुंचने की चुनौती आने वाली है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अभ्यर्थियों के लिए राज्य रोडवेज निगम की जितनी बसों की व्यवस्था की यह नाकाफी है। निजी बसों पर संशय है। ऐसे में या तो परीक्षा केंद्र बदले जाए या फिर अभ्यर्थियों को समय पर परीक्षा केंद्रों तक छोड़ने के लिए सरकारी स्तर पर वाहनों के माकूल बंदोबस्त किए जाए।
विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में शामिल हो चुके सवाईमाधोपुर जिले बेरोजगार युवक रागिब खान ने द मूकनायक को बताया कि कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2018, 11 मार्च को पेपर लीक हुआ और 17 मार्च को परीक्षा रद्द करदी गई।
लाइब्रेरियन भर्ती परीक्षा 2018 का आयोजन 29 दिसंबर 2019 को हुआ और पेपर लीक होने के चलते परीक्षा रद्द हुई।
JEN सिविल डिग्रीधारी भर्ती परीक्षा 2018 का आयोजन 6 दिसंबर 2020 को हुआ था जिसे एसओजी की रिपोर्ट के आधार पर बोर्ड ने रद्द कर दिया।
रीट लेवल 2 परीक्षा 2021 में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से 26 सितंबर को आयोजित की गई थी। यह पर्चा भी लीक हो गया और करीब 4 माह बाद सरकार ने पेपर लीक मानते हुए परीक्षा रद्द कर दी।
बिजली विभाग टेक्निकल हेल्पर भर्ती परीक्षा 2022 ऑनलाइन हुई थी। इस परीक्षा में पेपर लीक के बाद इसमें 6 केंद्रों की परीक्षा रद्द करदी गई।
राजस्थान पुलिस मुख्यालय की ओर से कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2022 का आयोजन 14 मई 2022 को किया गया। दूसरी पारी का पेपर वायरल होने पर इसे भी रद्द कर दोबारा परीक्षा आयोजित करवाई गई।
वनरक्षक भर्ती परीक्षा 2020 का आयोजन राजस्थान चयन बोर्ड ने 12 नवंबर 2022 को किया था, लेकिन पेपर के विकल्प सोशल मीडिया पर वायरल होने की वजह से इस पारी की परीक्षा को बोर्ड ने रद्द किया।
हाईकोर्ट एलडीसी भर्ती परीक्षा 2022 का पेपर लीक होने के बाद रद्द करना पड़ा।
द्वितीय शिक्षक भर्ती 2022 का पेपर भी लीक होने की वजह से परीक्षा रद्द हुई।
मेडिकल ऑफिसर भर्ती परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की गई थी, लेकिन परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद सरकार ने परीक्षा को रद्द करते हुए ऑफलाइन परीक्षा का आयोजन करवाया।
हाल ही सीएचओ भर्ती परीक्षा से पूर्व पेपर सोशल मीडिया पर आने से परीक्षा रद्द होने की संभावना है।
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