जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरी के दावे करती है, लेकिन उर्दू विषय की पढ़ाई को लेकर कतई गम्भीर नहीं है। प्रदेश के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थी भी उर्दू पढ़ना चाहते हैं, लेकिन सरकार ने प्रदेश के सभी प्रारंभिक सरकारी स्कूलों में उर्दू विषय पढ़ाने का सिस्टम ही बंद कर दिया है। जबकि सरकार ने बजट घोषणा में प्राइमरी स्कूलों में उर्दू पढ़ने वाले 20 विद्यार्थियों का नामांकन होने पर उर्दू विषयाध्यापकों के पद सृजित करने का वादा किया था, लेकिन वादा पूरा नहीं किया।
यह बात अलग है कि शिक्षा में उर्दू को मुस्लिमों से जोड़ कर देखा जाने लगा है। हालांकि उर्दू भारतीय भाषा है और मुल्क में गंगा जमुनी तहजीब के लिए पहचानी जाती रही है।
यह भी सच है कि मुस्लिम कांग्रेस का परम्परागत वोट रहा है। कांग्रेस मुस्लिम हितैषी होने का दावा भी करती रही है। उर्दू को मुस्लिम भाषा की पहचान देकर अब सरकार भी इस भाषा से परहेज करने लगी है।
उर्दू विषय को लेकर संघर्ष कर रहे शिक्षक नेता अमीन कायमखानी ने बताया कि 18 मार्च 2021 को विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त एवम् विनियोग विधेयक 2021के बिंदु संख्या 14 में प्राथमिक स्तर में 20 छात्र-छात्राएं उर्दू में शिक्षा लेने हेतु नामांकित होगे, तो प्राथमिक विद्यालयों में उर्दू शिक्षक का पद सृजित करने की घोषणा की थी।
कायमखानी कहते हैं कि बजट घोषणा के बावजूद सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में उर्दू तालीम को 2019 से बन्द कर दिया गया है। जिस क्षेत्र में मुस्लिम विधायक है, जयपुर शहर में उसी इलाके के प्राइमरी स्कूलों को बंद किया गया है।
किशनपोल से विधायक अमीन कागजी के क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में दर्जा अव्वल से पंचम तक उर्दू की तालीम 2019 से बन्द है। इनमें राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय पानों का दरीबा, सुभाष चौक जयपुर, राजकीय माध्यमिक विद्यालय नाहरवाड़ा रामगंज जयपुर, राजकीय माध्यमिक विद्यालय बेसिक मॉडल जयपुर, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जालूपुरा जयपुर, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय शीतल निवास जयपुर, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय चौकड़ी तोपखाना देश इंदिरा बाजार जयपुर, राजकीय प्राथमिक विद्यालय हसनपुरा बंजारा हमीद नगर जयपुर, राजकीय प्राथमिक विद्यालय कायमखानियान तोपखाना देश का रास्ता जयपुर, राजकीय प्राथमिक विद्यालय व्यापारियान जयपुर, राजकीय प्राथमिक विद्यालय मौलाना साहब रामगंज जयपुर, राजकीय प्राथमिक विद्यालय नीलगरान रामगंज जयपुर, राजकीय प्राथमिक विद्यालय कमनीगरान रामगंज जयपुर प्रमुख रूप से शामिल है।
इसी तरह राज्य सरकार में काबीना मंत्री हवामहल विधायक महेश जोशी के क्षेत्र में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मोती कटला सुभाष चौक, राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय गंगापोल सुभाष चौक, राजकीय माध्यमिक विद्यालय राजीव नगर भट्टा बस्ती, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय शहीद इंदिरा ज्योति नगर भट्टा बस्ती जयपुर, राजकीय प्राथमिक विद्यालय न्यू संजय नगर सेक्टर 1से 5 भट्टा बस्ती जयपुर, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लक्ष्मण डूंगरी बास बदनपुरा, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय महाराजा आदर्श हवामहल, जयपुर, आदर्श नगर जयपुर विधायक रफीक खान के क्षेत्र में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय वन विहार ईदगाह, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पहाड़गंज, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दवाबखाना, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय महावतान घाटगेट, राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय घाटगेट, फुलेरा विधानसभा क्षेत्र में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय भरतोलाव नरैना, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय दरगाह शरीफ सांभर के प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने के लिए उर्दू शिक्षक नहीं है।
कायमखानी कहते हैं कि राज्य के आमेर, सांगानेर, चौमूं, मनोहरपुर, शाहपुरा, चाकसू, खो नागोरियान आदि जगह पर भी सरकारी स्कूलों में बुनियादी उर्दू तालीम बन्द है।
उन्होंने कहा, इस मामले को लेकर कई बार मुख्यमंत्री को बजट घोषणा का वादा याद दिलाने के साथ ही क्षेत्रीय विधायकों व अधिकारियों को भी लिखित व मौखिक रूप से सरकारी स्कूलों में प्रारम्भिक स्तर से उर्दू तालीम शुरू करने की मांग की गई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। मानो नेता और अफसरों के दिमाग में यह बात घर कर गई कि उर्दू केवल मुस्लिम जुबान है, जबकि राजस्थान और हिंदुस्तान की बात करें तो इसी भाषा को पढ़कर दूसरे जाति, धर्म को मानने वाले भी सरकारी सेवा के बढ़े ओहदों पर हैं। राजस्थान में सैकड़ों गैर मुस्लिम टीचर उर्दू पढ़ा रहे हैं।
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