जयपुर। राजस्थान में देवस्थान विभाग के मंदिरों में अब दलित, अदिवासी के साथ गैर ब्राह्ममण पुरुष व महिला भी पूजा अर्चना कर सकेंगे। राजस्थान सरकार ने भर्ती एजेंसी मोहनलाल सुखाड़िया विश्व विद्यालय के माध्यम से आयोजित भर्ती प्रक्रिया के बाद देव स्थान विभाग के मंदिरों में रिक्त चल रहे सेवागीर एवं पुजारी के पदों पर सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी है। मंदिरों में नियुक्ति से पूर्व इन पुजारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है।
आपको बता दें कि फरवरी 2014 में भाजपा शासन के दौरान राजस्थान के देवस्थान विभाग के मंदिरों में 65 पदों के लिए भर्ती परीक्षा हुई थी। सितम्बर 2022 में इस परीक्षा का परिणाम जारी हुआ। इसके बाद अप्रैल 2023 में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी किए गए। नियुक्ति पत्र जारी करने के बाद प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने प्रथम फेज में देवस्थान विभाग में पंजीकृत जयपुर शहर के 22 मंदिरों में सेवागीर एवं पुजारियों को नियुक्ति दे दी है। इन्हें राज्य सरकार लगभग 13 हजार रुपये मासिक मानदेय भी देगी।
राजस्थान में यह पहली बार होगा जब देवस्थान विभाग के अधीन मंदिरों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाले महिला- पुरुष जयपुर शहर के बड़े-बड़े मंदिरों में पूजा अर्चना करेंगे। राजस्थान की गहलोत सरकार से पहले तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने गैर ब्राह्मणों को पुजारी नियुक्ति किया था।
राजधानी जयपुर में राजस्थान सरकार के देवस्थान विभाग के मंदिरों में सेवा-पूजा के लिए नियुक्त पुजारी उच्च डिग्री धारी हैं। जयपुर के प्रमुख मंदिरों में शामिल आनंद कृष्ण बिहारी मंदिर हो या फिर कल्कि मंदिर, राधावल्लभ मंदिर हो या लक्ष्मी नारायण मंदिर सहित ऐसे लगभग 22 मंदिरों में अब नए पुजारी सेवा और पूजा करेंगे।
राजस्थान सरकार के देवस्थान विभाग का मुख्यालय उदयपुर में है और भर्ती एजेंसी यहीं के मोहन लाल सुखाड़िया विश्व विद्यालय के माध्यम से साल 2014 में विभाग में सेवागीर और पुजारी के रिक्त पदों पर भर्ती 2 फरवरी 2014 को परीक्षा आयोजित की थी।
इस भर्ती परीक्षा का परिणाम 9 साल बाद सितंबर 2022 में जारी हुआ था। इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों को मेरिट के आधार पर 10 मार्च 2023 को कुलसचिव मोहनलाल सुखाड़िया विश्व विद्यालय ने चयनित पुजारियों को मन्दिर आवंटन के बाद देवस्थान विभाग की आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी ने नियुक्ति पत्र जारी किए।
हाल ही में इन सभी पुजारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। जिसमें इन्हें पूजा- पाठ की विधि, मंदिर के कपाट खोलने, भोग लगाने, आरती आदि का प्रशिक्षण दिया गया है।
खास बात ये है कि इनमें ब्राह्मणों के साथ ही दलित और पिछड़े वर्ग से आने वाले लोग भी शामिल हैं, जो अब इन मंदिरों में सेवा पूजा का कार्य देखेंगे। चयनित 35 अभ्यर्थियों में से 14 सामान्य वर्ग से पुरुष व 5 महिला है। इसी तरह अन्य पिछड़ा वर्ग से पांच पुरुष और तीन महिलाएं शामिल है। इसी तरह अनुसूचित जनजाति से एक महिला और एक पुरुष पुजारी है। जबकि अनुसूचित जाति से तीन पुरुष और एक महिला पुजारी को नियुक्त किया गया है।
शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो इनमें बीए, बीएड, एमएड, पीएचडी की डिग्री धारी है। देवस्थान विभाग के मंदिरों में पुजारी के पद पर चयनित अभ्यर्थियों में जयपुर शहर के अलावा सवाईमाधोपुर सहित चूरू, सीकर, भरतपुर, झुंझुनू, टोंक, दौसा, अजमेर, उदयपुर, हनुमान गढ़, बारा, अलवर, बीकानेर के अभ्यर्थी शामिल है।
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