राजस्थान: छात्रा पर जातिगत टिप्पणी करने पर अभिभावकों ने शिक्षक का किया ये हाल...!

सवाईमाधोपुर जिले के खण्डार ब्लॉक के सरकारी स्कूल का है मामला, ग्रामीणों के विरोध पर आरोपी शिक्षक को स्कूल से हटाया।
स्कूल के बाहर धरना देते ग्रामीण
स्कूल के बाहर धरना देते ग्रामीण
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राजस्थान। पाठशाला में बच्चों को जिम्मेदार नागरिक बनाया जाता है, लेकिन अब शैक्षिक संस्थानों में धर्म के नाम पर तो कभी जाति के नाम पर विद्यार्थियों के साथ बदसलूकी की जाती है।

ताजा मामला राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले के खण्डार उपखण्ड क्षेत्र के मैई खुर्द गांव से सामने आया है। जहां राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक शिक्षक पर कक्षा 10वीं में अध्ययन रत दलित छात्रा को कक्षा के अंदर सहपाठियों के सामने ही जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने के आरोप लगे हैं। घटना के विरोध में सोमवार को छात्र अभिभावक विद्यालय पहुंचे, जहां विद्यार्थियों को जाति के आधार पर अपमानित करने वाले आरोपी शिक्षक पर कार्रवाई की मांग को लेकर स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान शिक्षक पर कार्रवाई की मांग के समर्थन में विद्यार्थी भी कक्षा कक्षों से निकल कर स्कूल के बाहर आ गए।

एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

ग्रामीणों ने खण्डार उपखण्ड अधिकारी को हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मैई खुर्द में कार्यरत अध्यापक द्वारा बच्चों को जातिसूचक शब्दों से तथा अपशब्दों से अपमानित किया गया है। ऐसे में उक्त अध्यापक को निलंबित कर कानूनी कार्रवाई की जाए। इस घटना की सत्यता जानने के लिए द मूकनायक ने खण्डार उपखण्ड अधिकारी बंशीलाल योगी से दूरभाष पर बात की। इस दौरान एसडीएम खण्डार ने कहा कि मेरे नाम सम्बोधित ज्ञापन ब्लाक मुख्य शिक्षा अधिकारी को दिया गया है। वो ही इसकी जांच करेंगे। इसके बाद ग्रामीण मेरे पास नहीं आए हैं।

विद्यार्थियों ने कहा- शिक्षक करता है जातिसूचक शब्द का उपयोग

जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक नाथूलाल खटीक के निर्देश पर घटना की जांच के लिए विद्यालय पहुंचे ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी खण्डार राजेन्द्र प्रसाद मीना ने शिक्षक पर जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने का आरोप लगाने वाली छात्रा के साथ ही अन्य सहपाठियों से भी पूछताछ की है। प्रारंभिक पूछताछ में विद्यार्थियों ने आरोपी शिक्षक पर जाति के आधार पर दुर्व्यहार करने के आरोप लगाए हैं। विद्यार्थियों ने कहा कि जाति को टारगेट कर अपमानित करने वाले शब्द को आरोपी शिक्षक द्वारा बार-बार उपयोग किया जाता है। इससे उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचती है। इस दौरान सीबीईओ ने आरोपी शिक्षक के व्यवहार को लेकर भी स्टाफ से पूछताछ की। सीबीईओ ने बताया कि सोमवार को आरोपी शिक्षक अवकाश पर है। ऐसे में आरोपी शिक्षक से पूछताछ नहीं हो सकी है।

ग्रामीणों की माने तो आरोपी शिक्षक पहले से अनुसूचित समाज के विद्यार्थियों को अपमानित करता रहा है। गत शनिवार को एक छात्रा को कक्षा में पढ़ाते हुए जातिसूचक शब्द से सम्बोधित किया था। इस बारे में छात्रा ने शनिवार को स्कूल बंद होने के बाद घर जाकर अभिभावकों के उसके साथ हुए व्यवहार के बारे में बताया था। रविवार को अवकाश होने से अभिभावक व ग्रामीण स्कूल नहीं पहुंच सके। सोमवार को स्कूल खुला तो विरोध दर्ज कराने स्कूल पहुंचे, लेकिन आरोपी शिक्षक स्कूल ही नहीं पहुंचा। ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षक को यह पता चल गया था कि उसके खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। इसलिए उसने बहाना बनाकर स्कूल से अवकाश ले लिया।

आरोपी शिक्षक को स्कूल से हटाया

ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी खण्डार राजेन्द्र प्रसाद मीना ने द मूकनायक को बताया कि आरोपी शिक्षक को स्कूल से हटाने के मौखिक आदेश दे दिए हैं। मंगलवार को लिखित आदेश जारी कर देंगे। पूरे प्रकरण की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है। समिति में तीन अलग-अलग स्कूलों के प्रधानाचार्य व एक व्यख्याता को शामिल किया गया है। यह समिति चार दिन में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। रिपोर्ट आने के बाद शिक्षक के खिलाफ निमानुसार कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक नाथूलाल खटीक ने बताया कि खण्डार ब्लाक के मैई खुर्द के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक शिक्षक द्वारा अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के साथ जाति सूचक शब्दों का उपयोग करने के कारण स्कूल में तालाबंदी की सूचना मिली थी। इस पर खण्डार के मुख्य ब्लाक शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद को जांच के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही आरोपी शिक्षक पर कार्रवाई को लेकर कुछ कह सकते हैं। फिलहाल ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की प्रारंभिक जांच के बाद शिक्षक को एपीओ कर दिया जाएगा।

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