जयपुर। राजस्थान में माली, सैनी, कुशवाह, शाक्य और मौर्य जाति का आरक्षण आंदोलन मंगलवार 12वें दिन समाप्त हो गया। फूले आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक मुरारी लाल सैनी ने आंदोलन स्थगन की घोषणा कर आंदोलित समाज को शांति से अपने घर जाने का आह्वान किया।
संयोजक के आह्वान पर आगरा - जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 21 को खाली कर दिया गया। आपको बता दें की राजस्थान में अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर माली, सैनी, कुशवाह, शाक्य और मौर्य जाति के लोग भरतपुर जिले में जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर 21 अप्रैल से धरना देकर बैठे थे।
बीते दिवस सोमवार को पिछड़ा आयोग और फूले आरक्षण संघर्ष समिति के बीच आरक्षण की मांग कर रही जातियों की गणना सहित सामाजिक और आर्थिक स्थिति के परीक्षण सहित विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई थी। चर्चा बाद पिछड़ा वर्ग आयोग ने राज्य के सभी जिला कलक्टरों को पत्र लिख कर राजस्थान में माली, सैनी, कुशवाह, शाक्य, मौर्य जातियों के आरक्षण की मांग को लेकर दिए ज्ञापन का परीक्षण कर 10 दिन में रिपोर्ट मांगी थी।
पिछड़ा आयोग द्वारा कलक्टरों को पत्र लिखने के बाद फूले आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक की और से आंदोलन स्थगन की आधिकारिक घोषणा की गई। यह बात अलग है कि कुछ लोग अभी भी आंदोलन स्थगन का विरोध कर रहे हैं, लेकिन मौके पर भीड़ नहीं है।
राजस्थान के भरतपुर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 21 पर 12 दिन से चल रहे आंदोलन समाप्ति के बाद आंदोलित समाज ने हाईवे खाली कर दिया। भीड़ के हटने के बाद हाईवे ऑथरिटी ने ट्रैक्टर, जेसीबी मशीनों से एनएच 21 पर पड़े पत्थर, मिट्टी व अन्य अवरोधक हटा कर सफाई की।
गौरतलब है कि आंदोलन के चलते हाईवे जाम के दौरान भीड़ ने सड़क पत्थर, मिट्टी, लकड़ी आदि डाल दिये थे। साथ ही बीच सड़क पर तम्बू गाड़ कर मंच भी बनाया था। लगभग एक किलोमीटर से अधिक दूरी तक अवरोधकों व ईंट-पत्थरों से सड़क को क्षति हुई है।
फूले आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक मुरारी लाल सैनी ने कहा कि 12 दिन से माली, सैनी, कुशवाह, शाक्य, मौर्य और सुमन जातियों के लोग 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग 21 जयपुर- आगरा हाईवे पर जाम लगा कर आंदोलन कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि फूले आरक्षण संघर्ष समिति इस आंदोलन का नेतृत्व कर रही थी। एक दिन पूर्व सोमवार को आरक्षण की मांग को लेकर पिछड़ा आयोग के साथ जयपुर में संघर्ष समिति की सकारात्मक चर्चा हुई थी। मांग के अनुसार राज्य सरकार ने आरक्षण को लेकर कार्य शुरू कर दिया है। ऐसे में समाज ने निर्णय लिया है कि कलक्टरों की रिपोर्ट आने तक आंदोलन स्थगित किया जाता है। 10 दिन तक समाज के बन्धु अपने-अपने जिलों में रहकर कलक्टरों से मिलकर कार्यवाही करेंगे।
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