जयपुर। राजस्थान के भरतपुर जिले के नंदबई नगर पालिका क्षेत्र के बैलारा चौराहे पर गत 14 अप्रैल को बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति स्थापना कार्यक्रम को जबरन स्थगित कर दिया गया। आरोप है कि कार्यक्रम के एक दिन पूर्व राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के पुत्र अनिरुद्ध सिंह ने कार्यक्रम स्थल पर तैयार चबूतरे पर महाराजा सूरजमल की प्रतिमा लगा दी। वहीं बाबा साहब की मूर्ति लगाने पर परिणाम भुगतने की धमकी दी। इधर, विवाद बढ़ता देख स्थानीय पुलिस ने बाबा साहब मूर्ति स्थापना के कार्यक्रम को दी अनुमति रदद कर दी। वहीं मंत्री पुत्र व उसके समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
नदबई पुलिस थानाधिकारी रामावतार मीणा ने दर्ज एफआईआर में बताया कि नगर पालिका क्षेत्र नदबई स्थित बैलारा चौराहा पर संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा अम्बेडकर जयंती को स्थापित किए जाने की स्वीकृति नियमानुसार सक्षम स्तर से नगरपालिका द्वारा प्राप्त की गई थी।
प्रस्तावित मूर्ति स्थापना स्थल पर सीमेंट-कंक्रीट का चबूतरा तैयार किया जा चुका था। अम्बेडकर जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल 2023 को विधिवत रूप से कार्यक्रम आयोजित कर मूर्ति स्थापित की जानी थी। नगरपालिका द्वारा पूर्ण विधिक प्रक्रिया अपनाई जाकर कार्यक्रम की तैयारी जारी थी।
इसी दौरान 12 अप्रैल को कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा कार्यक्रम के विरोध स्वरूप नदबई डहरा रोड पर दो तीन जगह आगजनी, रास्ता जाम व पुलिस बल पर पथराव की घटनाएं की गई थीं, जिसको देखते हुए 13 अप्रैल 2023 को कार्यक्रम स्थल व आस-पास पुलिस बल तैनात किया गया था। उसी दिन करीब दो से ढाई बजे के बीच अनिरुद्ध सिंह पुत्र विश्वेन्द्र सिंह, सन्तोष पुत्र रणवीरसिंह लखनपुर, मनुदेव सिनसिनी, मुकेश राजघराना सहित करीब 200 लोगों की भीड़ बैलारा गांव की तरफ से महाराजा सूरजमल जिंदाबाद, अम्बेडकर मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए बैलारा चौराहा मूर्ति स्थल पहुंची। वहीं पुलिस के साथ धक्का-मुक्की करते हुए चबूतरे के ऊपर चढ़ गए और महाराजा सूरजमल की प्रतिमा लगा दी। वहीं खुली चुनौती दी कि यहां अगर अम्बेडकर की मूर्ति लगाने का प्रयास किया गया तो परिणाम अच्छे नहीं होंगे। मामले में पुलिस ने मंत्री पुत्र अनिरुद्ध सिंह व उसके साथियों के खिलाफ धारा 147, 149, 186, 353, 505(2),153 के आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया है।
घटना वाले दिन मौके पर मौजूद पुलिस व प्रशासन के अधिकारी यह सब मूकदर्शक बनकर देखते रहे। पुलिस ने रोकने तक का प्रयास नहीं किया। मंत्री पुत्र का तांडव यहीं नहीं रुका। राजकार्य में बाधा डालते उसने पुलिस के साथ धक्का मुक्की भी की। अभद्रता भी हुई, लेकिन सब ने चुप्पी साध ली।
यहां आपको बता दें कि संविधान निर्माता बाबा साहब के भारत निर्माण में किए योगदान को याद कर गुणगान करने वाली कांग्रेस सरकार बाबा साहब की मूर्ति स्थापना का मंत्री पुत्र द्वारा विरोध करने पर बैकफुट पर नजर आई। कानून व्यवस्था का हवाला देकर आनन-फानन में सम्भागीय आयुक्त भरतपुर ने एक आदेश जारी कर 14 अप्रैल को प्रस्तावित डॉ. भीमराव अंबेडकर मूर्ति स्थापना कार्यक्रम स्थगित कर दिया।
मंत्री पुत्र के कारनामों पर पर्दा डालने का प्रयास करते हुए प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने चुप्पी साधइली। इतना ही नहीं मीडियाकर्मियों के सवालों से बचने के लिए फोन तक उठाना बन्द कर दिया। प्रकरण की आलोचना होने पर दबाव में आकर सम्बन्धित थानाधिकारी द्वारा मंत्री पुत्र अनिरुद्ध सहित भीड़ के खिलाफ मुकदमा दायर कर इतिश्री कर दी गई।
मामले में कार्यवाही करते हुए थानाधिकारी रामअवतार ने नामजद फरार आरोपी रविन्द्र पुत्र गोरधन उम्र 24 साल निवासी कबई थाना नदबई, हेमराज पुत्र मोहनलाल उम्र 35 साल निवासी कुन्देर थाना अटरू जिला बारां, पीतम पुत्र लक्ष्मन उम्र 60 साल निवासी बैलारा थाना नदवई, नेत्रपाल पुत्र विरजी उम्र 19 साल निवासी सोनेरा थाना कुम्हेर, लोका पुत्र पदमसिंह उम्र 65 साल निवासी बुढवारी थाना नदबई, जीतेन्द्र पुत्र सोपाली उम्र 25 साल निवासी बुडावन थाना तासगंज जिला आगरा व विजेन्द्र पुत्र मेहराम उम्र 45 साल निवासी मझावाली थाना पिगांव फरीदाबाद को गिरफ्तार किया है।
इधर, मामले में पुलिस पर निर्दोष लोगों को फंसाने के आरोप भी लग रहे हैं। आरोप है कि पुलिस मंत्री पुत्र व उसके साथियों को गिरफ्तार करने की बजाय राह चलते लोगों को पकड़ रही है। मूर्ति विवाद में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किए जाने की बात सामने आई है। आरोप है कि इनमें से पुलिस ने 3 जनों को राह चलते गिरफ्तार किया है। इनमें 35 वर्षीय हेमराज रैगर निवासी कुन्देर थाना अटरू जिला बारां, 25 वर्षीय जीतेन्द्र यादव निवासी बुडावन थाना तासगंज जिला आगरा व 45 वर्षीय विजेन्द्र यादव निवासी मझावाली थाना पिगांव फरीदाबाद के नाम शामिल हैं। सूत्रों की माने तो इन तीनों का घटना से न तो कोई सीधा ताल्लुक है और ये भरतपुर क्षेत्र के निवासी भी नहीं हैं। पुलिस पर लगे आरोपों की सत्यता जानने के लिए द मूकनायक के संवाददाता अब्दुल माहिर ने नदबई थानाधिकारी से बात करने का प्रयास किया, लेकिन सम्पर्क नहीं हो सका। इस मामले में उच्चाधिकारियों ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया।
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