राजस्थान: राज्य में 25 नवम्बर को मतदान हुआ, और 3 दिसम्बर को मतगणना होगी। मतगणना से पूर्व राजनीति के विशेषज्ञ एवं विश्लेषक राज्य सरकार के गठन को लेकर अनुमान लगा रहे हैं. सबकी अपनी समझ और अपना राजनीतिक गणित है। कोई राज्य में भाजपा को स्पष्ट बहुमत का दावा कर रहा है। कोई राजस्थान में सत्ता परिवर्तन का रिवाज बदलने की बात कर रहा है।
एक्जिट पोल के इन दावों के बीच देश की राजनीति में सरकारो के गठन के दावों पर राजस्थान के फलौदी सट्टा बाजार का अपना अलग मुकाम रहा है। मतदान से पूर्व और मतदान के बाद फलौदी सट्टा बाजार के भाव सरकार के गठन को लेकर बहुत कुछ इशारा करते हैं। सट्टा बाजार के भाव इस बार भी राजस्थान में सत्ता परिवर्तन की ओर इशारा कर रहे हैं।
हालांकि राजस्थान के मतदान प्रतिशत ने विश्लेषकों की गणित को प्रभावित किया है। इस बार गत चुनाव के मुकाबले राजस्थान में मतदान प्रतिशत बढ़ा है। बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत हमेशा भाजपा के पक्ष में माना जाता रहा है। ऐसे में अनुमान है कि राजस्थान में भापा 120 से 130 सीटों पर चुनाव जीत कर स्पष्ठ सरकार बनाने जा रही है।
दूसरी तरफ इस चुनाव में मतदान प्रतिशत को लेकर जो अनुमान लगाया जा रहा है, उसे लेकर भी विश्लेषकों को संशय है। विश्लेषण में पता चलता है कि गांवो के मुकाबले शहरों में मतदान प्रतिशत घटा है। यह भाजपा की चिंता बढ़ाने वाला है। राजस्थान का शहरी मतदाता भाजपा के पक्ष में जाता नजर आता है, लेकिन इस बार ग्रामीण मतदाता मौजूदा सरकार की गारंटियों के साथ जाता दिखाई दिया। ऐसे में कांग्रेस ग्रामीण क्षेत्र में बढ़े मतदान प्रतिशत को अपने पक्ष में मान कर सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाए बैठी है। हालांकि सरकार की किसी बनेगी यह 3 दिसम्बर को ही स्पष्ट हो पाएगी।
दक्षिण राजस्थान में इस बार नवगठित भारतीय अदिवासी पार्टी (बीएपी) ने दमदारी से चुनाव लड़ा है। यह 8 से 10 सीटों पर कांग्रेस-बीजेपी का गणित बिगाड़ रही है। यह भी स्पष्ट है कि बीएपी ने भाजपा से अधिक कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में दक्षिण राजस्थान में भाजपा बढ़त बना रही है। वहीं पूर्वी राजस्थान की 39 सीटों पर गुर्जर मतदाताओं के सहारे इस चुनाव में बीजेपी गत चुनाव के मुकाबले अच्छी खासी बढ़त के साथ जीतने वाली है। अनुमान है कि दक्षिण और पूर्वी राजस्थान के सहारे भाजपा सत्ता में आने वाली है।
राजस्थान तक की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान चुनाव से पहले भी कर्नाटक, गुजरात और हिमाचल में फलोदी सट्टा बाजार का अनुमान सही साबित हुआ था। फलोदी के साथ ही बीकानेर के सटोरिये भी देश ही नहीं बल्कि दुनिया की राजनीतिक, खेल की गतिविधियां और बारिश जैसे अनुमान पर अपनी नजर रखते हैं। कहा यह भी जाता है कि यहां का आंकलन बिल्कुल सटीक होता है। इस कारण फलोदी का सट्टा बाजार देश और दुनिया में अपना अलग स्थान रखता है। लगभग 500 साल से फलौदी का सट्टा बाजार चलने का दावा किया जाता है। यहां के सट्टेबाज गांव-गांव जाकर सर्वे करते हैं। ताकि जमीनी स्थिति का पता लगा सके।
इस बात का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी शेयर की थी। उसमें लिखा है, ‘फलौदी का सट्टा बाजार आज तक कभी गलत साबित नहीं हुआ।’ ऐसे में हम पहले हुए चुनाव पर सट्टा बाजार के दावों की बात कर लेते हैं। सटोरियों ने मई में कर्नाटक के लिए जो अनुमान लगाया था वो सही निकला। कांग्रेस की सरकार बनी। कांग्रेस को 135 सीटें मिली जबकि अनुमान 137 सीटों का था। बीजेपी को 55 सीटों का अनुमान था और मिलीं 66 सीटें। फलौदी के सटोरिया का गुजरात में भी बीजेपी सरकार का अनुमान सही निकला। हिमाचल में कांटे की टक्कर का अनुमान भी रिजल्ट के करीब ही था। आखिरकार वहां कांग्रेस की सरकार बनी।'
फलौदी सट्टा बाजार में यूं तो इस बार बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस का भाव ज्यादा है। मतलब भाजपा सरकार बनने की उम्मीद अधिक है, लेकिन सट्टा बाजार के कुछ सटोरियों का दावा है कि राजस्थान में बीजेपी या कांग्रेस नहीं, बल्कि इस बार बीएपी, आसपा, आरएलपी, बसपा जैसे संगठनों के साथ ही निर्दलीयों के सहयोग से मिली जुली सरकार बनेगी। ऐसे में गहलोत व वसुंधरा राजे की जुगलबंदी भी सरकार के गठन में काम आ सकती है। हालांकि यह दावा लोगो के गले नहीं उतर रहा।
इस बार फलोदी सट्टा बाजार में सटोरियों ने ना सिर्फ यह बता दिया है कि किसे बहुमत मिलेगा? बल्कि प्रदेश की कई हॉट सीट को लेकर भी दावा किया है। सट्टा बाजार के ताजा अपडेट के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, सचिन पायलट, भाजपा सांसद राजवर्धन राठौड़, दीया कुमारी, सतीश पूनिया की सीटों पर रूझान इनके पक्ष में है।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.