जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर सी स्किम अशोकनगर में सरकार के योजना भवन में करोड़ों रुपए की नकदी और सोना मिलने के बाद सरकार सकते में है। सूचना पर अशोकनगर पुलिस ने योजना भवन में पहुंच कर दो करोड़ रुपये से अधिक नकद राशि और एक किलो सोना जप्त कर लिया।
उधर सरकारी कार्यालय से इतनी बड़ी रकम और सोना मिलने के बाद शुक्रवार देर रात सरकार के उच्च स्तर के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में राज्य की मुख्य सचिव उषा शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक उमेश मिश्रा, एडीजी दिनेश एमएन और जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने शुक्रवार रात 11 बजे सचिवालय में संयुक्त प्रेस वार्ता कर योजना भवन से दो करोड़ से अधिक नकदी व सोना मिलने की जानकारी पत्रकारों से साझा की।
शुक्रवार रात 11 बजे सचिवालय प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस कमिश्नर जयपुर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि योजना भवन में सूचना एवं प्रौद्योगिक विभाग का कार्यालय है। विभाग के एडिशनल डायरेक्टर महेश गुप्ता योजना भवन के प्रभारी हैं। साथ मरम्मत भी देखते हैं।
उन्होंने शाम को पुलिस को सूचना दी कि योजना भवन के बेसमेंट में रखी अलमारियों में रखी विभाग की फाइलें और कागजातों को कम्प्यूटर पर स्कैन कर ऑनलाइन करने का काम चल रहा है।
योजना भवन प्रभारी महेश गुप्ता के हवाले से जयपुर पुलिस कमिश्नर ने बताया कि फाइलों के ऑनलाइन कार्य के दौरान दो अलमीरा ऐसी थी जिनकी चाबी नहीं थी। लम्बे समय से बंद थी तो, खुल नहीं पाई। शुक्रवार शाम को टेक्नीशियन व हेल्पर को बुलाकर दोनों अलमीरा के लॉक तोड़े गए। एक अलमीरा के अंदर तो फाइल निकली और दूसरी के अंदर एक लैपटॉप बैग तथा एक सूटकेश मिला।
लैपटॉप बेग खोल कर देखा तो उसमें करंसी नोट थे। दूसरे बेग में सोना था। इतनी बड़ी रकम और सोना मिलने पर योजना भवन प्रभारी महेश गुप्ता ने उच्च अधिकारियों को सूचित किया। उच्च अधिकारियों के निर्देशन पर पुलिस को सूचना दी।
सूचना पर अशोकनगर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और करंसी को नियमानुसार विधिक प्रक्रिया कर के जप्त किया गया। जब उनकी गणना की तो कुल दो करोड़ 31 लाख 49 हकार 500 रुपये की मुद्रा पाई गई। यह 2000 और 500 के नोटों में है। इनके साथ में एक किलो का सोने का बिस्किट भी मिला है। उन्होंने कहा कि यह नोट यूज किये हुए हैं। फ्रेश करंसी नहीं है।
जयपुर पुलिस कमिश्नर ने बताया कि नकदी और सोने को 102 सीआरपीसी के तहत पुलिस ने जप्त किया है। मुख्य सचिव उषा शर्मा के निर्देश पर इसकी जांच के लिए विशेष टीम गठित की गई है। यह टीम आला अधिकारियों के निर्देशन में जांच करेगी कि यह रकम और सोना किसका है। सरकारी कार्यालय की अलमीरा तक किसने, कैसे, कब और क्यों पहुंचाया।
योजना भवन के बेसमेंट के जिस कक्ष में यह अलमीरा रखी थी यह सूचना विभाग का बताया गया है। पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार यह दोनों अलमीरा लम्बे समय से बंद थी। वर्तमान में कार्यरत कार्मिकों के पास इनकी चाबी नहीं थी। विभाग को फाइलों को ऑनलाइन अपडेशन का कार्य चल रहा है। हजारों फाइल कम्प्यूटर पर अपडेट हो चुकी है। इन बेसमेंट में रखी इन अलमारियों से भी फाइल निकलने के लिए गुरुवार को भी इन्हें खोलने का प्रयास किया था। शुक्रवार को टेक्नीशियन और हेल्पर को बुला कर लॉक तोड़ा गया। एक में फाइल निकली। जबकि दूसरी अलमीरा में दो बेग मिले। इनमें नकदी व सोना मिला।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि "यह राशि और सोना किसका है अभी इसको कोई स्वीकार नहीं कर रहा है। इसी की जांच चल रही है। यह अलमीरा किसकी थी। सरकारी अलमीरा है तो किसी को तो अलोट हुई होगी। इसकी जांच के लिए 7 से आठ लोगों को डिटेन करके उनसे पूछताछ की जा रही है। इनमें विभाग के अधिकारी कर्मचारी हैं। जो मेंटिनेंस देखते है, या जिनकी यहां तक आसानी से पहुंच है, ऐसे लोगों को भी डिटेन किया गया है। स्टोरकीपर को भी डिटेन कर पूछताछ की जा रही है। सीसीटीवी रिकोर्डिंग की जांच की जा रही है।"
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.