राजस्थान: कार्तिक भील के बाद अब हरीश ईणखिया पर जानलेवा हमला

सामाजिक उत्पीड़न व अपराध के खिलाफ आवाज उठाने वाले बहुजन युवाओं को दबाने का सिलसिला जारी, पुलिस भी संदेह के घेरे में
भीम आर्मी जैसलमेर जिलाध्यक्ष
भीम आर्मी जैसलमेर जिलाध्यक्ष
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जयपुर। राजस्थान में सामाजिक उत्पीड़न के खिलाफ मुखर होती आवाज को दबाने का सिलसिला जारी है। प्रदेश में पहले समाज के लिए आवाज उठाने वाले कार्तिक भील की आवाज को हमेशा के लिए शांत किया गया। अभी कार्तिक भील के परिवार को पूरी तरह न्याय भी नहीं मिल पाया था कि गत रविवार को जैसलमेर में सामाजिक उत्पीड़न के विरोध के साथ समाज की युवा पीढ़ी को तेजी से जकड़ते नशा व ऑनलाइन जुआ के मकड़जाल से बचाने के लिए मुखर होते भीम आर्मी जिलाध्यक्ष हरीश ईणखिया पर हमला कर आवाज दबाने का प्रयास किया गया।

हरीश ईणखिया तेजी से फैलते नशे व ऑनलाइन जुआ कारोबार के खिलाफ सोमवार 20 मार्च को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने वाले थे।

आरोप है कि प्रदर्शन से एक दिन पूर्व ही कथित तौर पर पुलिसकर्मियों ने षड़यंत्र रचकर ऑनलाइन जुआ व नशे के कारोबार से जुड़े लोगों के साथ मिलकर हरीश ईणखिया पर जानलेवा हमला करवा दिया। हमले में ईणखिया के गम्भीर चोट आई है। घायल अवस्था में जैसलमेर जिले अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इधर, मामले की जांच कर रहे वृत्ताधिकारि एससी, एसटी सेल जैसलमेर अशोक आंजना ने पुलिस की मिलीभगत के आरोपों को नकारते हुए हमले के तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने की बात कही है।

आंजना ने कहा कि हरीश ईणखिया के पर्चा बयान के आधार पर दर्ज मामले में नामजद किये गए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपी माधव धरा उर्फ माधु पुत्र राजेन्द्र निवासी भील बस्ती जैसलमेर, महिपालदान पुत्र जीवणदान निवासी झांपली हाल निवासी बबर मगरा जैसलमेर व गेनाराम पुत्र अर्जुनराम निवासी भैरवा सदर पुलिस थाना जैसलमेर है।

पुलिस का कहना है कि जैसलमेर जिले अस्पताल में भर्ती हरीश ईणखिया ने पर्चा बयान में जो घटना बताई है उसी आधार पर तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हरीश ईणखिया ने हमला करने वालो में गेनाराम भील, माधु लोहार व अमिया हजूरी तथा महिपाल सिंह हरसाणी व चार पांच अन्य पर हमले का आरोप लगाया है।

घटना के विरोध में कलक्टर को सोंपा ज्ञापन

भीम आर्मी जिलाध्यक्ष हरीश ईणखिया पर हमले के विरोध में भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी व बहुजन संगठनों से जुड़े लोगों ने विरोध प्रदर्शन कर जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर कर हमले की निंदा करते हुए हमलावरों के साथ ही हमले की साजिश रचने वाले कथित पुलिसकर्मी व पत्रकारों को भी गिरफ्तार करने की मांग की है।

भीम आर्मी ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि वह हरीश ईणखिया भीम आर्मी जिलाध्यक्ष जैसलमेर जिले में ऑनलाइन जुआ घरों व नशे के कारोबार में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता के आरोपों के चलते तथा एससी, एसटी एक्ट में जिले भर में दर्ज मामलों में त्वरित एवं सही अनुसंधान की कार्रवाई नहीं होने के कारण जैसलमेर जिला पुलिस के खिलाफ सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करने वाला था।

तय कार्यक्रम के अनुसार प्रदर्शन के दौरान जिला पुलिस अधीक्षक का पुतला दहन का कार्यक्रम पूर्व से निर्धारित था। इसकी सूचना जिला कलक्टर कार्यालय को भी दी गई थी।

ज्ञापन के माध्यम से आरोप लगाया गया कि पूर्व से निर्धारित पुतला दहन कार्यक्रम को रोकने के लिए पुलिस ने भिन्न तरीके अपनाए।

इतना ही नहीं शहर में जुआ व नशे का कारोबार करने वालो तथा एससी एसटी के मामलों में वांछित आरोपियों के माध्यम से हरीश व भीम आर्मी के खिलाफ अनर्गल आरोपों के तहत ज्ञापन दिया गया। इसके बावजूद हरीश ने कार्यक्रम में बदलाव नहीं किया।

भीम आर्मी से जुड़े लोगों ने ज्ञापन में आरोप लगाया कि हरीश के इस कदम से घबरा कर आपराधिक प्रवृति के लोगों ने षड्यंत्र रच कर गांधी कॉलोनी के एक होटल में 7 लोगों ने मिलकर कातिलाना हमला कर हरीश के हाथ पैर तोड़ दिए। सर पर गहरी चोट पहुंचाई गई। इसके कारण सर में 7 टांके आए हैं।

ज्ञापन में बताया गया कि हमलावरों में शामिल माधु लोहार का रीको कॉलोनी में ऑनलाइन जुआ घर चलता है। जहां ड्रग्स, गांजा, चरस, अफीम आदि नशे का सामान भी बिकता है। इसके अलावा गफूर भट्टा पर रमेश भील का ऑनलाइन जुआ घर चलता है। यहां भी नशे का कारोबार चलता है। इसमें गेनाराम भी शामिल है।

इन ऑनलाइन जुआ घरों व नशे के कारोबार से कई घर उजड़ चुके हैं। गरीब घर के युवा जुआ व नशे की लत में अपराधी बन रहे हैं। युवाओं को जुआ व नशे की लत से मुक्त कराने के लिए जुआ घर व नशे के कारोबार पर लगाम लगाने की जरूरत है।

ज्ञापन में मांग की गई कि जिले के समस्त थानों में दर्ज एससी, एसटी प्रकरणों की त्वरित जांच कर दोषियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करे।

यह भी लगाए आरोप

ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि हरीश ईणखिया पर हुए हमले में कुछ पुलिसकर्मी व पत्रकारों तथा जुआघर संचालक रमेश भील के शामिल होने की आशंका है। हमलावर आरोपियों की पिछले पांच दिनों की मोबाइल फोन पर बातचीत का रिकॉर्ड भी लिया जाए। जांच में दोषी पाए जाने पर पत्रकार व पुलिसकर्मियों को भी हमले का आरोपी बनाया जाए।

भीम आर्मी प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय कमेटी सदस्य अनिल धेनवाल ने कहा कि राजस्थान में अपराध के खिलाफ मुखर होने वालों की आवाज को दबाया जा रहा है। धेनवाल कहते हैं कि हरीश ईणखिया भी एससी, एसटी के दर्ज प्रकरणों में त्वरित न्याय की मांग के साथ ही जैसलमेर में जुआ व नशे के खिलाफ आवाज उठा रहा था। हम जानते हैं नशे व जुआ से सबसे ज्यादा गरीब व पिछड़े परिवार तबाह हो रहे हैं। बर्बाद होते परिवारों को बचाने की मुहिम इन लोगों को रास नहीं आई।

उन्होंने कहा कि यह भी कड़वा सच है कि खाकी की सह के बिना अवैध कारोबार नामुमकिन है। यहां पुलिस की भूमिका संदिग्ध है तो जांच होनी चाहिए।

आगे कहा कि प्रदेश कांग्रेस सरकार के शासन काल में दलितों की स्तिथि दयनीय है। प्रदेश में sc/st/माइनॉरिटी के लिए प्रदेश क़ब्रगाह बनता जा रहे है। यहां कोई सुरक्षित नहीं है। जो इनकी आवाज़ उठाता है उनपर भी हमले किए जाते रहे है।

जांच अधिकारी एवं वृत्ताधिकारी अशोक आंजना जैसलमेर ने द मूकनायक से बात करते हुए कहा कि पुलिस ने हरीश ईणखिया के पर्चा बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज की है। पर्चा बयान में जिन लीगों का नाम लिया है उनमें से तीन को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की जांच अभी जारी है। पर्चा बयान में हरीश ईणखिया ने किसी पुलिसकर्मी का नाम नहीं लिया है। ना ही आरोपियों के साथ मिली भगत के आरोप लगाए हैं। फिर भी हम जांच कर रहे हैं।

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