पशुधन में चर्म रोग ने बढ़ाई सरकार की चिंता, 16 से अधिक जिलों में फैली बीमारी
अब्दुल माहिर
सवाईमाधोपुर। राजस्थान के सरहदी जिलों में ढेलेदार त्वचा रोग (लंपी स्किन डिजीज) पशुधन में तेजी से फैल रहा है। स्थानीय मीडिया के अनुसार लंपी रोग से अब तक 30 हजार गायों की मौत हो चुकी है। वहीं करीब 50 हजार गोवंश संक्रमित है। अब यह रोग हिरणों को भी अपनी चपेट में ले रहा है। इधर, 16 से अधिक जिलों में रोग की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने हाई अलर्ट जारी किया है।
हिरणों में भी लंपी
जोधपुर जिले में गोवंश के बाद वन्यजीव हिरणों में भी लंपी रोग के लक्षण देखे गए है। ऐसे में पूर्वी राजस्थान तक संक्रमण पहुंचा तो रणथम्भौर बाघ परियोजना सहित अलवर के सरिस्का व बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व पार्क में वन्यजीवों पर संकट आने की आशंका है।
क्या है लंपी रोग
गोवंश में फैल रहा लंपी रोग अत्यंत संक्रामक है। यह तेजी से एक दूसरे गोवंश में फैल रहा है। यह बात अलग है कि पूर्वी राजस्थान के सवाईमाधोपुर, दौसा, करौली, अलवर, धौलपुर, टोंक, कोटा, बूंदी जिला लंपी रोग के प्रभाव से पूरी तरह सुरक्षित है। सवाईमाधोपुर पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. भगवान लाल गुप्ता का कहना है कि लंपी एक तरह की स्किन बीमारी है। पूर्वी राजस्थान के ज्यादातर जिलों में लंपी रोग का एक भी केस नहीं है। गुप्ता ने कहा कि यह रोग संक्रामक है, लेकिन घातक नहीं है।
रोग से निपटने के लिए अतिरिक्त बजट आवंटित
प्रभावित 16 से अधिक जिलों में विशेष पशु चिकित्सा टीम भेज कर दवाओं के लिए अतिरिक्त बजट भी आवंटन किया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पशुपालकों से धैर्य रख सावधानी बरतने की अपील की है। विशेष कर गौवंश में तेजी से फैलता लंपी नामक रोग अन्य पशुपालकों की चिंता बढ़ा रहा है। जोधपुर जिले के ओसियां क्षेत्र में वन्यजीव हिरण भी लंपी से प्रभावित है। पश्चिमी राजस्थान में इसका अधिक प्रभाव है।
यह जिले है अधिक प्रभावित
राजस्थान के पशुपालन सचिव पिसी किशन ने कहा कि बाड़मेर, जालौर, जैसलमेर, जोधपुर व सिरोही में संक्रमण का अधिक खतरा है। गुजरात से सटे डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर व राजसमंद आदि जिलों में विशेष निगरानी रखी जा रही है। इनके अलावा श्री गंगानगर, बीकानेर, नागौर, पाली, सिरोही व जयपुर में भी लंपी ने दस्तक दे दी है। राजस्थान आए भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद नई दिल्ली व राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्था भोपाल के दल के सदस्य संक्रमण से प्रभावित जिलों में सैम्पल भी ले रहे हैं। एक आंकड़े के अनुसार राजस्थान में अब तक एक लाख गोवंश लंपी से संक्रमित हुआ है।
नागौर में टीकाकरण में पशु चिकित्सकों का सहयोग कर रहे ग्रामीण
नागौर जिले के डीडवाना क्षेत्र में गायों में फैल रहे संक्रमण को लेकर ग्राम पंचायत सिंघाना के पशु चिकित्सक शिवा चौधरी ने आवारा गोवंश के टीकाकरण शुरू किया है। इस कार्य में ग्रामीण भी सहयोग कर रहे हैं।
अफ्रीका में सामने आई थी ये बीमारी
पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अफ्रीका में इस बीमारी के शुरुआती केस सामने आए थे, फिर इसने पाकिस्तान को अपना निशाना बनाया और फिर भारत में इसके केस सामने आए है। चौधरी ने कहा कि यह बीमारी मुख्य रूप से गायों, विशेषकर देसी नस्ल वाली गायों को प्रभावित कर रही है।
मुख्यमंत्री की अपील
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पशुपालकों से भी अपील की है। उन्होंने कहा- "गोवंश में फैल रहा लंपी रोग अत्यंत संक्रामक है। राज्य सरकार इसकी रोकथाम एवं बचाव के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। अपने पशुओं को इससे बचाने के लिए आवश्यक सावधानियों का पालन करें। पशुओं में इस रोग के लक्षण नजर आने पर नजदीकी पशु चिकित्सा संस्था में सम्पर्क करें। गौशाला संचालक, जनप्रतिनिधिगण एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से अपील करता हूं कि इस बीमारी के नियंत्रण एवं रोकथाम में राज्य सरकार को अपना सहयोग प्रदान करें।"
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