जयपुर। राजस्थान में आदिवासी और दलित वर्ग पर लगातार बढ़ते हमलों के खिलाफ बहुजनों में आक्रोश बढ़ रहा है। बहुजनों की सुरक्षा में राज्य सरकार की विफलता के खिलाफ मुख्यमंत्री के गृह जिला जोधपुर से बहुजन विरोध की चिंगारी उठने लगी है।
दलित शोषण मुक्ति मंच के बैनर तले विभिन्न बहुजन व अमन पसंद संगठन के लोगों ने विरोध-प्रदर्शन कर राज्य के मुख्यमंत्री के नाम जोधपुर अतिरिक्त जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंप कर दलित, आदिवासी और मुस्लिमों पर बढ़ती अत्याचार की घटनाओं पर अंकुश लगाते हुए इन समुदायों की सुरक्षा की मांग की गई।
इस दौरान दलित शोषण मुक्ति मंच (डीएसएमएम) के राज्य संयोजक एडवोकेट किशन मेघवाल ने आरोप लगाया कि राजस्थान में आदिवासी, दलित और बहुजनों पर उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं ने कांग्रेस सरकार के संवेदनशील और बहुजन हितैषी होने के सरकार के दावों की पोल खोल दी है।
उन्होंने कहा राजस्थान में दलित, आदिवासी और मुस्लिमों की आए दिन हत्या हो रही है। लगातार बढ़ती ऐसी घटनाओं पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से इन समुदायों में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो रही है।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में 24 घंटों के अंतराल में असामाजिक तत्वों द्वारा किए गए प्राणघातक हमलों में एक दलित और एक आदिवासी को अपनी जान गवानी पड़ी। यह सरकार के लिए शर्मनाक हैं।
बाड़मेर जिले के चौहटन थाना क्षेत्र के सणाऊ गांव में में पेमाराम भील पर असामाजिक तत्वों ने तलवारों से हमला कर हत्या कर दी। दूसरी घटना पाली के ट्रांसपोर्ट नगर थानांतर्गत एक मौहले की है जहां अजय सरगरा नाम के दलित युवक पर षड्यंत्र पूर्ण तरीके से कातिलाना हमला किया गया। इस प्रकरण में भी गंभीर रूप से घायल अजय को जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में रैफर किया गया जहां उपचार के दौरान 17 जून को सुबह उसकी मौत हो गई। आरोप है कि इन दोनों मामलों में पुलिस प्रशासन हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी करने से बच रहा है।
आंदोलनकारियों ने कहा दोनों हमले जातीय मानसिकता से ग्रसित लोगों के द्वारा किये गए हैं। इन आरोपियों की शासन-प्रशासन में गहरी दखल है। एवं सरकार में उच्च पदस्थ लोग भी ऐसे अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं।
एडवोकेट किशन मेघवाल ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि इस प्रकार की घटनाओं से राजस्थान में सत्ताशीन कांग्रेस और विपक्षी भाजपा को किसी भी तरह का बयान देने की भी फुर्सत तक नहीं है। इसका अर्थ यह निकाला जाना चाहिए कि इन दोनों राजनीतिक दलों की नजरों में दलित व्यक्ति की कीमत मवेशी से ज्यादा नहीं हैं।
राजस्थान में बढ़ती दलित, आदिवासी अत्याचार की घटनाओं के विरोध में मंगलवार को अमन पसंद सामाजिक संगठनों ने ज़िला कलेक्ट्रेट जोधपुर के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। पत्र में राजस्थान भर में आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी गई है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान विष्णु सरगरा, राहुल बामणिया, मंजु मेवाङा, खींवराज, एडवोकेट महिपाल सिंह चारण, आशा मीणा, एडवोकेट पूजा भाटी, बुधाराम , एडवोकेट गणपत मेघवाल, एडवोकेट कंवरराज जयपाल, एडवोकेट गौतम गोदारा, खुशाल जयपाल, प्रेमाराम सरगरा, एडवोकेट अंकुश राठौड़, एडवोकेट देवेंद्र सरगरा, राहुल सोलंकी, एडवोकेट लालचंद पंवार, हुकमाराम भाटी, शेराराम मेघवाल मथानियाँ, एडवोकेट श्याम सुंदर बुन्देला, एडवोकेट भंवराराम परमार, एडवोकेट बाबुलाल मेहरा, एडवोकेट खैराज राज बोस, एडवोकेट ओमाराम भील, नारायणराम सरगरा, जे पी सागर, भीयाराम बूंगङी सहित विभिन्न संगठनों के अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।
हनुमानगढ़ जिले के धोलीपाल गांव में दलित परिवार के घर में घुसकर मारपीट व फायरिंग के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जनवादी नौजवान सभा ने हनुमानगढ़ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
नौजवान सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रघुवीर वर्मा ने कहा कि अपराधी प्रभावशाली हैं। प्रशासन इस घटना को हल्के में ले रहा है। इस तरह आए दिन घटनाएं दलितों के साथ प्रदेश मे चिंता का विषय है।
नौजवान सभा प्रदेश अध्यक्ष जगजीत जग्गी ने कहा कि तीन दिन में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो भगत सिंह चौक पर मशाल जुलूस निकाला जाएगा। 23 जून को गांव धोलीपाल में पंचायत कर आंदोलन को तेज किया जाएगा।
इस दौरान दलित शोषण मुक्ति मंच के प्रदेश संयोजक डॉ. संजय माधव ने कहा कि हनुमानगढ़ जिले में जिस तरह से दलितों पर हमले बढ़ रहे हैं, पूरे प्रदेश में इसी तरह के हालात हैं। आए दिन दलितों की हत्या , उनके घरों पर हमले किये जा रहे हैं। हनुमानगढ़ जैसी जगह में दलितों के साथ इस तरह का अत्याचार सहन करने लायक नहीं है। इसलिए आज हमारा संगठन पूरे प्रदेश में इस घटना को लेकर ज्ञापन दे रहा है। अगर समय रहते हुए कोई कार्रवाई नहीं हुई तो धोलीपाल गांव की घटना को लेकर प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
दलित शोषण मुक्ति मंच के जिला संयोजक मनीराम मेघवाल ने कहा कि आज घटना के 17 दिन बाद भी कोई भी गिरफ्तारी नहीं होना है यह साबित करता है कि स्थानीय जिला प्रशासन व राज्य सरकार सोई हुई है। दलितों का कोई भी मामला हो इसी तरह का रवैया प्रशासन का रहता है। अब हम आंदोलन तब तक करेंगे जब तक सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती है।
प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन लोहरा ने कहा कि आरोपी मेडिकल नशा, शराब के तस्कर हैं। हार्डकोर अपराधी है। पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर इलाके को नशेड़ी का गढ़ बना दिया है। जिससे आए दिन गंभीर घटनाएं हो रही है।
विरोध प्रदर्शन में देवीलाल धोलीपाल, वेद मक्कासर, शेर सिंह शाक्य, संजय माधव, सुरेश जोड़कियां, रामकुमार जोरावरपुरा, ब्रिज प्रकाश, सहदेव, रामकुमार, विनोद वर्मा, कृपाराम, लाल चंद वर्मा, पवन कुमार, सुनील गोठवाल, संदीप शर्मा, सुभाष रॉयल, विनोद मेघवाल एवं प्रह्लाद सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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