जयपुर। राजस्थान में जयपुर नगर निगम हेरिटेज महापौर श्रीमती मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को पट्टों की एवज में दो लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद राजस्थान सरकार ने सख्ती दिखाते हुए शनिवार आधी रात बाद हेरिटेज नगर निगम महापौर मुनेश गुर्जर को महापौर पद के साथ ही वार्ड सदस्य (पार्षद) पद से भी निलम्बित कर दिया है। निलम्बन का आदेश राजस्थान स्वायत्त शासन विभाग जयपुर निदेशक एवं विशिष्ठ सचिव हृदेश कुमार शर्मा ने जारी किए।
आपकों बता दें कि हेरिटेज नगर निगम महापौर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो टीम ने पट्टे बनाने की एवज में परिवादी से दो लाख रुपए रिश्वत राशि लेते हुए शुक्रवार 4 अगस्त को जयपुर आवास से गिरफ्तार किया था। इस दौरान दो दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे को भी गिरफ्तार किया गया था। परिवदी से जिस वक्त रिश्वत राशि ली गई उस समय महापौर श्रीमती मुनेश गुर्जर के पति के साथ घर पर मौजूद होने की बात कही गई है। ऐसे में एसीबी द्वारा महपौर से पूछताछ करने की बात से भी इनकार नहीं कर सकते।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी के अनुसार रिश्वत प्रकरण में गिरफ्तार आरोपी सुशील गुर्जर (मेयर पति), दलाल नारायण सिंह व अनिल दुबे को शनिवार शाम को न्यायालय में पेश कर एसीबी ने तीन दिन के रिमांड पर मांगा था, लेकिन न्यायालय ने आरोपियों को दो दिन के रिमांड पर सौंपा है। एसीबी डीजी प्रियदर्शी ने मीडिया से कहा कि इस मामले में अनुसंधान चल रहा है। उन्होंने कहा कि अभी कई भ्रष्ट लोग बाहर हैं, इनका सत्यापन किया जारहा है। सत्यापन के बाद कार्रवाई की जाएगी। डीजी के इस बयान के बाद भ्रष्टचारियों का ब्लड प्रेशर बढ़ गया है।
जयपुर हेरिटेज नगर निगम मेयर श्रीमती मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर ने पट्टों की एवज में रिश्वत ली। एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया। दलाल भी पकड़े गए। ऐसे में आरोपी की मेयर पत्नी पर सरकार ने कार्रवाई क्यों की है। यह सवाल भी कई लोगों के मन में है। स्वायत्त शासन विभाग जयपुर के निलम्बन आदेश में हेरिटेज नगर निगम मेयर श्रीमती मुनेश गुर्जर पर कार्रवाई का कारण भी बताया गया है।
राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन विभाग जयपुर निदेेशक एवं विशिष्ट सचिव हृदेश कुमार शर्मा ने शनिवार आधी रात बाद राज्यपाल की अनुमति एक आदेश जारी कर हेरिटेज नगर निगम मेयर श्रीमती मुनेश गुर्जर को निलम्बित कर दिया। निलम्बन आदेश में हवाला दिया गया कि नगर निगम जयपुर हेरिटेज में आवेदित पट्टों की फाइल में पट्टा जारी करने की एवज में रिश्वत राशि की मांग से सम्बंधित प्रकरण भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को प्राप्त हुआ था। एसीबी ने परिवाद का सत्यापन करवाने के बाद शुक्रवार 4 अगस्त को सुशील गुर्जर (मेयर पति) नगर निगम हेरिटेज जयपुर को उसके दो दलालों के साथ दो लाख रुपए की श्वित लेते हुए गिरफ्तार किया था। कार्रवाई के दौरान आरोपी सुशील गुर्जर के आवास पर चालीस लाख रुपए से अधिक की नकदी बरामद हुई है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान किया जा रहा है।
सरकार ने माना कि परिवादी के पट्टे की फाइल मेयर पति के घर से बरामद होना, महापौर मुनेश गुर्जर की घर पर उपस्थिति में मेयर पति आरोपी सुशील गुर्जर द्वारा दो लाख रुपए रिश्वत लेने के तथ्यों के मद्देनजर मेयर श्रीमती मुनेश गुर्जर की संलिप्तता प्रतीत होती है। ऐसे में राजस्थान सरकार ने नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के तहत जांच करवाने का निर्णय लिया है।
सरकार ने माना कि हेरिटेज नगर निगम जयपुर की मेयर एवं सदस्य वार्ड 43 श्रीमती मुनेश गुर्जर का यह कृत्य गम्भीर प्रवृति का है। इनके महापौर पद पर बने रहने से विचाराधी जांच को प्रभावित करने की सम्भावना है। ऐसे में राजस्थान नगरपालिका अधिनियम की धारा 39 (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राजस्थान सरकार ने श्रीमती मुनेश गुर्जर को हेरिटेज नगर निगम जयपुर महापौर पद एंव सदस्य वार्ड 43 के पद से तत्काल निलम्बित कर दिया है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा महापौर श्रीमती मुनेश गुर्जर के घर पर शुक्रवार से शनिवार तड़के चार बजे तक चली सर्च कार्रवाई के दौरान एसीबी टीम को महापौर के आवास से 12 जमीनों के पट्टों की फाइले मिली। इन फाइलों में दो लाख रुपए रिश्वत देने वाले परिवादी के तीन पट्टों की फाइलें और एसीबी में शिकायत करने वाले अन्य शिकायतकर्ताओं के पट़्टों की फाइलें भी आवास पर मिली है।
इनके अलावा महापौर के घर से 41 लाख 55 हजार चौर सौ रुपए नकद, 250 ग्राम सोने के जेवर, चार पांच बैंकों की पासबुक मिली है। इन खातों में लगभग पचास लाख रुपए जमा होने की बात कही जा रही है। बैंक लॉकर की जानकारी भी एसीबी को मिली है।
आवास पर सर्च के दौरान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को महापौर के घर से एक कार के दस्तावेज मिले हैं। यह कार किसी अन्य व्यक्ति के नाम से खरीदी गई है। और वर्तमान में इस कार को नगरनिगम में ठेके पर लगाने की बात भी सामने आई है। दलाल नारायण् सिंह के घर से भी आठ लाख 95 हजार रुपए नकद मिले हैं।
पति सुशील गुर्जर के पट्टों की ऐवज में दो लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तारी के बाद हेरिटेज नगर निगम जयपुर महापौर श्रीमती मुनेश गुर्जर पर निलम्बन के साथ गाज गिरना शुरू हुआ है। रिश्वत लेते समय श्रीमती मुनेश गुर्जर आरोपी पति के साथ घर पर मौजूद थी। पट्टों के लिए नगर निगम में आवेदित फाइलों का महापौर के आवास से मिलना, चालीस लाख से अधिक नकदी बरामदगी हुई है। विभाग भी रिश्वत मामले में महापौर की संलिप्ता की आशंका जताते हुए निलम्बन की कार्रवाई कर चुका है। ऐसे में महापौर श्रमती मुनेश गुर्जर से एसीबी पूछताछ कर सकती है।
जयपुर में पट्टे की एवज में दो लाख रुपए रिश्वत लेते हुए कांग्रेस पार्टी की मेयर श्रीमती मुनेश गुर्जर के पति की गिरफ्तारी के बाद सरकार में मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। मंत्री खाचरियावास ने कहा कि हमने कांग्रेस की मेयर लोगों की भलाई के लिए बनाई थी। भ्रष्टाचार और चोरी करने के लिए नहीं बनाई थी। उन्होंने कहा कि एसीबी की टीम इस पूरे मामले की जांच कर रही है। ऐसे में अगर जांच में यह लोग दोषी पाए जाते हैं तो बर्खास्तगी की कार्रवाई भी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में कोई भी व्यक्ति भ्रष्टाचार करता है तो उसके खिलाफ इसी तरह की सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी और आदमी ने इन्हें यहां तक पहुंचाया, इन दोनों ने उसी आदमी के साथ विश्वासघात किया। इन दोनों ने पार्टी और उस नेता की इमेज के बारे में नहीं सोचा। इससे बड़ा पाप नहीं हो सकता है। खाचरियावास ने ट्रेप कार्रवाई के दौरान रिकॉर्डिंग को सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कहा कि इससे आमजन को भी पता चले कि किस तरह यह लोग भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे थे।
आदर्श नगर विधायक रफीक खान ने कहा ने कहा कि राजस्थान सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। 24 घंटों में ही सरकार ने मेयर को निलंबित कर दिया है। खान ने कहा राजस्थान में जो भी व्यक्ति भ्रष्टाचार करेगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा।
कांग्रेस मेयर पति के द्वारा पट्टों की ऐवज में रिश्वत लेते गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में एसीबी में मुख्यमंत्री व गृहमंत्री का दखल नहीं है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री तो मैं खुद हूं। लेकिन एसीबी को भ्रष्टाचार के किसी मामले के लिए मेरे पास आने की या अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। राजस्थान में तो कलक्टर, एसपी, आरपीएससी मेंबर, मेयर के पति समेत बड़े लोग पकड़े जा चुके हैं।
राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले को लेकर कहा कि वहां तो किसी भी अफसर को इस लिए गिरफ्तार नहीं किया गया, क्यों कि वहां तो कार्रवाई से पहले मुख्यमंत्री से अनुमति मांगते हैं और वो (यूपी सीएम) अनुमति देते नहीं है। साथ ही गहलोत ने कहा कि राजस्थान में तो केन्द्र सरकार के अधिकारी भी काम कर रहे हैं। और भ्रष्टाचार करने पर उन्हें भी गिरफ्तार करने की राजस्थान एसीबी के पास पावर है।
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