ग्राउंड रिपोर्टः सुराणा गांव में तनावपूर्ण शांति, घटना को लेकर बयान देने से बच रहे लोग

इंद्र मेघवाल का सुराणा गांव [फोटो- अजरुद्दीन, द मूकनायक]
इंद्र मेघवाल का सुराणा गांव [फोटो- अजरुद्दीन, द मूकनायक]
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इंद्र मेघवाल हत्याकांडः द मूकनायक की टीम सुराणा गांव पहुंची

सुराणा (जालौर)। राजस्थान के जालौर जिला मुख्यालय से सुराणा गांव की दूरी करीब 70 किलोमीटर है। पहले जालौर से सायला करीब 40 किलोमीटर का सफर और फिर मुख्य रोड से सुराणा गांव को जाती करीब 30 किलोमीटर छोटी पर व्यवस्थित सड़क से होकर द मूकनायक सुराणा गांव के नजदीक पहुंचा। गांव से करीब दो किलोमीटर पहले ही एक अस्थायी चेकपोस्ट पर खड़े पुलिसकर्मियों ने हमें रोक लिया, लेकिन प्रेसकार्ड दिखाने के बाद उन्होंने गांव में जाने की अनुमति दे दी। जब गांव पहुंचे तो दोपहर के दो बज चुके थे।

हल्की बूंदाबांदी हो रही थी। मुख्य सड़क सूनी थी और अजीब सा सन्नाटा पसरा था। गांव के शुरुआत में ही करीब 25 से 30 पुलिसकर्मियों की टुकड़ी खड़ी नजर आई। इनको पार कर हम गांव में प्रवेश कर गए। सड़क किनारे बने घरों की खिड़कियों से लोग आने-जाने वाले वाहनों को अजनबी नजरों से देख रहे थे। गांव के बीचों बीच एक पुराने पेड़ के नीचे कुछ युवा खड़े दिखाई दिए। वहीं कुछ बुजुर्ग मटमैले साफे बांधे वहां बैठे बाते करते नजर आए।

द मूकनायक टीम उनके पास पहुंची। वहीं इंद्र मेघवाल हत्याकांड को लेकर बातचीत शुरू की तो लोग कैमरे पर बोलने को तैयार नहीं हुए। घटना वाले दिन के बारे में भी किसी ने कुछ नहीं बताया। ज्यादा जोर डालने पर वहां मौजूद बुजुर्गों और युवाओं ने कहा, "साहब हम तो सुबह होते ही खेतों पर चले जाते हैं, पीछे गांव में क्या हुआ, हमें नहीं मालूम।" खैर इनसे हम मृतक इंद्र मेघवाल के घर का पता पूछ आगे बढ़ गए। इंद्र का परिवार सुराणा गांव से करीब चार किलोमीटर दूर ढाणी में खेतों में बसा है। कच्ची सड़क पर चलकर हम इंद्र के घर पहुंचे, जहां करीब 50 की संख्या में परिजन, रिश्तेदार व अन्य लोग एक बरामदे में बैठे नजर आए। यहां एक छोटी टेबल पर इंद्र का एक चित्र रखा था। बाहर से आ रहे लोग पहले इंद्र के चित्र पर पुष्प अर्पित करते फिर परिवार को सांत्वना दे रहे थे।

द मूकनायक टीम ने नरेश (इंद्र का भाई) से बात की जो इंद्र के स्कूल में ही अध्ययनरत् है। नरेश ने कहा, "इन्द्र ने ऑफिस में नहीं, सर के रूम से पानी पिया था।" उनके चाचा ने भी इस बात की पुष्टि की। इंद्र के पिता ने कहा, "इंद्र बड़ा होकर कलक्टर-एसपी बनना चाहता था। उसको अच्छा खाना पसंद था।" उन्होंने आरोप लगाया कि, मटकी से पानी पीने पर स्कूल के संचालक छैलसिंह ने इंद्र की पिटाई की, जिससे उसको गंभीर चोट आई। उन्होंने कहा, "इंद्र के सिर में चोट थी, हम उसको एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल लेकर भागते रहे, लेकिन उसे बचा नहीं पाए।"

मृतक इंद्र के भाई नरेश व परिजनों के आरोपों को सुनने के बाद द मूकनायक टीम उस स्कूल के लिए निकल पड़ा, जहां यह हादसा हुआ था। द मूकनायक को सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल शिक्षक मावाराम ने बताया, "छैलसिंह व अन्य कई शिक्षक स्कूल परिसर में रहते हैं। हमने छात्र-छात्राओं से कभी भेदभाव नहीं किया न देखा।" शिक्षक व बच्चे सच बोल रहे हैं या किसी के दबाव में यह जांच का विषय है। हालांकि इंद्र के घर से स्कूल की ओर आते हुए रास्ते में हमें तीन बच्चे मिले, जिनकी उम्र 9 से 12 साल की होगी। उन्होंने पूछने पर बताया कि वे भी उसी स्कूल में ही पढ़ते है। इनमें से एक छात्र विक्रम (बदला हुआ नाम) ने बताया कि इन्द्र ने पानी सर के रूम से पिया था। तभी उसकी पिटाई हुई।

द मूकनायक की पड़ताल में यह भी निकलकर आया कि सुराणा सहित आस-पास के गांवों में भौमिया राजपूतों का बाहुल्य है। अधिकांशतः जमीनें राजपूत समाज के लोगों की हैं, जिनपर दलित समाज के लोग सिजारेदारी (बंटाई पर खेती करना) करते हैं। कई दलित परिवार गांव से बाहर खेतों के आस-पास ही मकान बनाकर रहते हैं।

इसलिए सुराणा है सुर्खियों में

जालौर जिले के सायला थाना क्षेत्र के सुराणा गांव स्थित सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में गत 20 जुलाई 2022 को स्कूल संचालक छैलसिंह की पिटाई से तीसरी कक्षा का छात्र इंद्र मेघवाल गंभीर घायल हो गया था, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। परिजनों ने शिक्षक पर छुआछूत बरतने व मटकी से पानी पीने पर पिटाई का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की थी। छात्र की मौत के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। इसके बाद से सुराणा गांव चर्चा के केन्द्र में है।

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