अजमेर जिले के रूपनगढ़ तहसील के ओमप्रकाश रैगर की मौत से जुड़ा मामला, सरकार ने नहीं पूरी की मांगे, अब होगा उग्र प्रदर्शन, दलित संगठनों ने सौंपा ज्ञापन।
जयपुर। राजस्थान के अजमेर जिले के रूपनगढ तहसील के नौसल गांव में पुलिस व प्रशासन की अनदेखी के चलते न्याय पाने की उम्मीद खत्म होने पर ओमप्रकाश रैगर ने परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी। घटना के बाद उपजे आक्रोश के चलते प्रशासन ने परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने व आरोपियों की गिरफ्तारी सहित कई वादे किए थे, लेकिन उन वादों को पूरा नहीं किया गया। इस पर भीम आर्मी के नेतृत्व में गत दिनों बहुजन समाज के लोग वृत कार्यालय किशनगढ़ पहुंचे। जहां उपाधीक्षक मनीष शर्मा को ज्ञापन सौंप कर ओमप्रकाश प्रकरण में शामिल सभी आरोपियों को अविलम्ब गिरफ्तार करने व मृतक के परिवार को सुरक्षा उपलब्ध करवाने की मांग दोहराई। उल्लेखनीय है ओमप्रकाश रैगर के शव को भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया था। वहीं प्रशासन को मांगें पूरी करने के लिए कुछ वक्त का समय दिया था।
भीम आर्मी प्रदेश सचिव मटरू बन्ना ने बताया कि उक्त प्रकरण में भीम आर्मी चीफ एडवोकेट चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में रूपनगढ़ सामुदायिक चिकित्सालय परिसर में धरना दिया गया था। इस दौरान प्रशासन ने प्रारम्भिक स्तर पर मांगे मानते हुए उस समय रूपनगढ़ थानाधिकारी को तत्काल प्रभाव से हटाया था। पीड़ित परिवार की सुरक्षा के लिए 2 पुलिसकर्मी भी लगाए गए। साथ ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए 9 दिन की मोहलत दी गई थी। इसपर सहमति बनने के बाद धरना समाप्त कर शव का अंतिम संस्कार किया गया था, लेकिन आज तक कोई गिरफ्तारी नहीं की गई। खास बात यह है रूपनगढ़ से हटाए गए एसएचओ को वापस इसी थाने पर तैनात कर दिया गया। साथ ही दोनों सुरक्षाकर्मियों को पीड़ित परिवार के घर से हटा लिया गया।
"पुलिस प्रशासन के रवैये से बहुजन समाज में रोष है। पुलिस प्रशासन व शासन बहुजन समाज से हुए समझौते को लागू नहीं कर पा रहा है। यह गलत है। इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। बन्ना कहते है कि पीड़ित परिवार को सुरक्षा नहीं दी गई व जनप्रतिनिधि व अन्य आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया तो अब बहुजन समाज उग्र आंदोलन करेगा। इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी," सचिव मटरू बन्ना ने कहा।
यह भी रहे साथ
ज्ञापन सौंपने के दौरान भीम आर्मी प्रदेश सचिव मटरु बन्ना के साथ मनोनीत पार्षद उगमाराम बालोटिया, अम्बेडकर क्लब अध्यक्ष अशोक भाटी, दिनेश खोरवाल, रेदासपुत यूथ पावर के दीपक परसोया, दीपक बिड़ला, जेपी सेलवाड़ युवा नेता मकराना, श्रीराम मलिंडा, नीतू रैगर नोसल, नारायण लाल रैगर, अन्जु रैदास, सरिता रैदास, ओमप्रकाश भूपारिया, विशाल खेनीवाल, धर्मराज नोगिया, सम्पत मेघवाल, गणेश बैरवा, प्रकाश जीनगर, एडवोकेट गोविंद नाराणिया व नन्दकिशोर सेजू आदि मौजूद थे।
यह है पूरा मामला?
अजमेर के रूपनगढ़ तहसील के नोशल गांव में गत 24 अक्टूबर 2022 को ओमप्रकाश रैगर के खेत में गांव के ही गुर्जर समाज के कुछ लोग मवेशी घुसा कर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। विरोध करने पर उसके पिता को पीटते हैं। पीड़ित परिवार थाने में रिपोर्ट देने जाता है तो पुलिस पहले तो मुकदमा दर्ज करने से ही मना कर देती है। न्यायालय की दुहाई देने पर दूसरे दिन मुकदमा दर्ज किया जाता है। पुलिस एक पूर्व सरपंच के दबाव में उलटा पीड़ित परिवार पर झूठा मुकदमा दर्ज कर प्रताड़ित करती है। राजनैतिक दबाव के चलते पुलिस पीड़ितों को ही धमकाती रही। पुलिस की मनमानी से आहत होकर न्याय की उम्मीद छोड़ चुके ओमप्रकाश ने 1 नवम्बर 2022 को अपने मकान के कमरे में फांसी का फंदा लगा कर जीवनलीला समाप्त कर ली थी। आत्महत्या से पूर्व ओमप्रकाश ने 3 पन्ने का सुसाइड नोट लिखा था।
नोट में तीन स्थानीय लोगों सहित एक पूर्व जनप्रतिनिधि व दो पुलिस अधिकारियों के नाम लिखते हुए उन पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाने के साथ ही अंतिम पंक्तियों में लिखा कि मेरी एक लास्ट इच्छा है। भीम आर्मी के संस्थापक से कि मेरे साथ जो हुआ उसका न्याय दिलाएं। इसके बाद चन्द्रशेखर आजाद रात को ही रूपनगढ़ पहुंच गए थे। शव लेने से इंकार करते हुए धरना-प्रदर्शन किया गया। इस दौरान पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से समझाइश कर शव का अंतिम संस्कार करने की बात कही, लेकिन बहुजन समाज आरोपी व दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने, मृतक के परिवार में एक सरकारी नौकरी सुनिश्चित करने, मृतक आश्रित परिवार को आर्थिक सहायता राशि 50 लाख रुपए तत्काल स्वीकृत करने, मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने व निष्पक्ष जांच एजेंसी से पूरे घटनाक्रम की जांच करवाने की मांग पर अड़े थे।
इसके बाद पुलिस प्रशासन ने 3 मांगें मानी थी, लेकिन अब मुकर गए। तत्समय ओमप्रकाश के अंतिम संस्कार के बाद नोसल गांव में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने मीडिया से कहा कि यहां की सरकार बड़ी निकम्मी व निर्दयी है। देश में इतनी बड़ी घटना हुई। लोगों में दुख के साथ आक्रोश भी है, लेकिन सरकार ने पीड़ित परिवार की सुध तक नहीं ली।
अंतिम संस्कार के समय भीम आर्मी चीफ ने कहा था... ..
राजस्थान के अजमेर जिले के रूपनगढ़ सीएचसी में चार दिन न्याय के लिए संघर्ष के बाद ओमप्रकाश रैगर के शव का दोपहर जिला प्रशासन द्वारा तीन मांगें मानने का आश्वासन देने के बाद अंतिम संस्कार किया गया था। इस दौरान भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने चिता को मुखाग्नि देते हुए भावुक होकर परिवार से कहा था कि "चाहे सब कुछ बिक जाए, लेकिन समझौता मत करना। यही न्याय व इंसाफ होगा।" उन्होंने आगे कहा, "पुलिस प्रशासन ने हमसे सहयोग मांगते हुए कहा कि हमें एक सप्ताह का समय दिया जाए। 7 दिन में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हमने उन्हें 9 दिन का समय दिया है। हमारा समाज कमजोर नहीं है। सरकार सबकी होती है। सरकार में सबकी हिस्सेदारी होती है। हमें मुख्यमंत्री से उम्मीद है कि वह रैगर समाज के सम्मान के साथ खिलवाड़ नहीं करेंगे। सभी मांगों को मानेंगे। अगर नहीं मानते हैं तो समाज सक्षम है। अपनी तरफ से मदद करके परिवार को हाथ पकड़ कर खड़ा रख सकता है।"
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