राजस्थान: रणथंभौर में नहीं थम रहा वन्य जीवों का शिकार

राजस्थान: रणथंभौर में नहीं थम रहा वन्य जीवों का शिकार
Published on

राजस्थान। रणथम्भौर बाघ परियोजना (Ranthambore Tiger Project) में वन्य जीवों का शिकार थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में टाइगरों के सरंक्षण को लेकर भी वन्य जीव प्रेमियों में चिंता हो रही है। ताजा मामला रणथम्भौर की फलौदी रेंज से सामने आया है। जहां वनकर्मियों को खिरखडी नागौरी स्थित एक फार्म हाउस में नीलगाय का मृत बच्चा मिला है। नीलगाय के मृत बच्चे का अवैध शिकार किया गया है। फलौदी रेंजर राजबहादुर मीणा के नेतृत्व में पुलिस ने फार्म हाउस की तलाशी ली तो वहां एक जीवित कछुआ भी मिला है।

इस वन विभाग की टीम ने जीवित कछुआ और मृत नील गाय के बच्चे को कब्जे में कर लिया। वन विभाग ने वन्य जीव शिकार प्रकरण में कार्रवाई के दौरान फार्म हाउस से ही आरोपी हिम्मत सिंह (25) पुत्र चिरंजी लाल, रवि उर्फ रविन्द्र (23) पुत्र चिरजी लाल निवासी लक्ष्मीपुरा, बनवारी (20) पुत्र सीताराम निवासी कैलाशपुरी को मौके से गिरफ्तार किया है।

नई बात नहीं शिकार

रणथम्भौर बाघ परियोजना क्षेत्र में वन्य जीवों का शिकार कोई नई बात नहीं है। पूर्व में यहां शिकार की घटनाएं हुई है। आरोपी भी गिरफ्तार हुए, लेकिन विभाग प्रभावी रोक नहीं लगा पाया है।

जब्त किए शिकार के औजार

फलौदी रेंजर राजबहादुर मीणा ने बताया कि एक फार्म हाउस पर शिकार को सूचना पर औचक दबिश दी थी। कार्रवाई के दौरान वन विभाग को शिकार के साथ- साथ फार्म हाउस पर छानबीन करने पर शिकार में प्रयोग किए गए बंदूक, छूर्रा, दांतली, बसूला आदि औजार मिले हैं। जिन्हें वन विभाग ने जब्त कर लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से वन विभाग की टीम पूछताछ कर रही है। तीनों आरोपी मोग्या जाति के हैं। इस दौरान अतुल कुमार, मुकेश गुर्जर, सुमेर गुर्जर, प्रकाश चंद जाट आदि मौजूद थे।

राजस्थान: रणथंभौर में नहीं थम रहा वन्य जीवों का शिकार
राजस्थान के सरकारी स्कूलों में 2019 से ही बंद है उर्दू तालीम, राज्य में शिक्षा की इस कदर हुई है अनदेखी!
राजस्थान: रणथंभौर में नहीं थम रहा वन्य जीवों का शिकार
देवरिया हत्याकांड ग्राउंड रिपोर्ट: प्रेमचंद यादव परिवार का पुलिस पर टॉर्चर का आरोप, दुबे पक्ष सत्ता संरक्षण में!
राजस्थान: रणथंभौर में नहीं थम रहा वन्य जीवों का शिकार
राजस्थान में दलित उत्पीड़न के मामलों में प्रभावी कार्रवाई न होने की क्यों उठ रहीं आशंकाएं!

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com