MP में मानव तस्करी का मामला: तीन महिलाएं और एक खरीददार गिरफ्तार, राजस्थान में पीड़िता की जबरन कराई शादी!

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 23 (1) के तहत मानव या व्यक्तियों की तस्करी प्रतिबंधित है।भारत में मानव तस्करी के खिलाफ कई सख्त कानून बनाए गए हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 370 के तहत मानव तस्करी के अपराधी को 7 से 10 साल की कैद और जुर्माने का प्रावधान है।
मानव तस्करी
मानव तस्करीग्राफिक- द मूकनायक
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भोपाल। मध्य प्रदेश में मानव तस्करी के मामले लगातार सामने आरहे हैं। हाल ही में भोपाल की हबीबगंज पुलिस ने एक गंभीर मानव तस्करी मामले में तीन महिलाओं और एक खरीददार को गिरफ्तार किया है। ये महिलाएं अपनी सहकर्मी को काम के बहाने राजस्थान के राजसमंद ले गईं और वहां उसे 50 हजार रुपए में बेच दिया। खरीददार ने पीड़िता से शादी की और डेढ़ महीने से उसका शारीरिक शोषण कर रहा था। इस मामले में पुलिस एक अन्य आरोपी की तलाश में जुटी है। फिलहाल मानव तस्करी मामले में अब मध्य प्रदेश के सीमावर्ती राज्य महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात और अब राजस्थान से भी मानव तस्करी के तार जुड रहे हैं!

ऐसे हुआ खुलासा?

हबीबगंज थाना प्रभारी अजय कुमार सोनी ने बताया कि पिछले महीने भोपाल के पीसी नगर, 12 नंबर स्टॉप की निवासी 25 वर्षीय महिला के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। महिला अपने पति से अलग होकर अपनी मां के साथ रह रही थी और शादी-पार्टियों में बर्तन साफ करने व खाना बनाने का काम करती थी। जब महिला अचानक लापता हो गई, तो परिवार ने पुलिस से मदद मांगी।

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि महिला को राजस्थान के राजसमंद जिले में ले जाया गया है। पुलिस की एक टीम तुरंत कार्रवाई करते हुए वहां पहुंची और महिला को सुरक्षित वापस भोपाल लाया गया।

पीड़िता ने की शारीरिक और मानसिक शोषण की शिकायत

महिला से पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि उसे उसके पड़ोस में रहने वाली और साथ काम करने वाली तीन महिलाओं - छाया देशमुख, पूजा धानक और संतोष मनोज भालेराव ने बहला-फुसलाकर काम का लालच दिया। ये महिलाएं उसे राजस्थान के राजसमंद ले गईं, जहां उसका जबरन विवाह एक व्यक्ति देवीलाल से करा दिया गया। शादी के बदले में देवीलाल ने इन महिलाओं को 50 हजार रुपए दिए थे।

पीड़िता ने बताया कि विवाह के बाद से देवीलाल उसका लगातार शारीरिक शोषण कर रहा था। इस दौरान उसने कई बार विरोध किया, लेकिन उसे बंदी बनाकर रखा गया और मानसिक प्रताड़ना भी दी गई।

पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया और हबीबगंज स्थित बीडीए मल्टी से छाया देशमुख और पूजा धानक को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, टीटी नगर दशहरा मैदान निवासी संतोष मनोज भालेराव को भी पकड़ लिया गया। इसके अलावा, राजसमंद के ग्राम मैलोला निवासी देवीलाल को भी गिरफ्तार किया गया है। चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

गिरोह का एक सदस्य फरार

पुलिस अभी भी संतोष के पति मनोज की तलाश कर रही है, जो इस मानव तस्करी गिरोह का प्रमुख सदस्य बताया जा रहा है। थाना प्रभारी अजय कुमार सोनी के अनुसार, "मनोज इस गिरोह का मुख्य कड़ी हो सकता है और उसकी गिरफ्तारी के बाद और भी खुलासे हो सकते हैं।" पुलिस उसकी तलाश में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर रही है।

इस मामले ने भोपाल के नागरिकों में गहरी चिंता उत्पन्न कर दी है। महिला अधिकार संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की है। उन्होंने सरकार से महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कठोर कदम उठाने की मांग की है ताकि इस तरह की घटनाएं फिर न हो सकें।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य संगीता शर्मा ने कहा, "इस तरह की घटनाएं महिलाओं में असुरक्षा का भाव पैदा करती हैं। हमारी मांग है, की आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।"

यह है कानून

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 23 (1) के तहत मानव या व्यक्तियों की तस्करी प्रतिबंधित है।भारत में मानव तस्करी के खिलाफ कई सख्त कानून बनाए गए हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 370 के तहत मानव तस्करी के अपराधी को 7 से 10 साल की कैद और जुर्माने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त, पीड़ितों के पुनर्वास और सुरक्षा के लिए भी विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं।

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि भोपाल जैसे बड़े शहरों में भी मानव तस्करी जैसी अमानवीय घटनाएं हो रही हैं। लोगों को इस प्रकार के गिरोहों से बचने के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है की, पुलिस और समाजसेवी संगठनों को मिलकर ऐसे मामलों पर जागरूकता फैलाने की जरूरत है ताकि भोले-भाले लोग इन धोखाधड़ी के जाल में न फंसें।

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