राजस्थान 16वीं विधानसभा का प्रथम सत्र: शिक्षा, चिकित्सा, महिला, दलित और आदिवासियों पर क्या हुई बात?

राज्यपाल के अभिभाषण में नई सरकार नितियों का उल्लेख कर विकास का दिलाया गया भरोसा.
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जयपुर। राजस्थान की सोलहवीं विधानसभा के प्रथम सत्र में राज्यपाल कलराज मिश्र के अभिभाषण में नई सरकार की नीतियों का उल्लेख करते हुए तत्कालीन कांग्रेस सरकार की जनकल्याण की योजनाओं की समीक्षा की बात कही गई है। साथ ही राज्यपाल ने आश्वस्त किया कि विगत सरकार की जनकल्याण की योजनाओं को बंद नहीं किया जाएगा, लेकिन कांग्रेस की कल्याणकारी योजनाओं को तथाकथित बताकर योजनाओं की सार्थकता पर भी सवाल खड़ा कर दिया। अब चुनाव से ठीक पहले शुरू की गई योजनाओं की छानबीन के बाद ही वित्तीय आधार देने की बात कही गई है।

छान-बीन के बाद ही वित्तीय आधार देकर धरातल पर लागू योजनाएं

राज्यपाल कलराज मिश्र ने 16वीं विधान सभा के प्रथम सत्र में अपने अभिभाषण में कहा कि हमारी सरकार का यह नीतिगत निर्णय है कि विगत सरकार द्वारा संचालित जनकल्याण की योजनाओं को बंद नहीं किया जाएगा, लेकिन चुनावी वैतरणी पार करने के उद्देश्य से अपने कार्यकाल के आखिरी समय में बिना बजटीय प्रावधानों के आनन फानन में घोषित की गई इन तथाकथित जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा अवश्य की जाएगी। विशेषज्ञों द्वारा गहन छानबीन के बाद ही इन कथित कल्याणकारी योजनाओं को समुचित वित्तीय आधार देकर ठोस एवं व्यवहारिक नए रूप में जमीनी धरातल पर लागू करने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे लोकतंत्र का असली उद्देश्य - जनता का, जनता के द्वारा और जनता के लिए शासन सार्थक होगा। केवल भ्रामक प्रचार के बजाय सचमुच में जनता का सेवा कार्य सुनिश्चित हो सकेगा।

आमजन के कल्याण की गारंटी का ध्येय

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि केन्द्र सरकार की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए राज्य की नई सरकार एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन करेगी। गरीबी उन्मूलन के संकल्प के साथ राजस्थान सरकार हर गरीब को निशुल्क अन्न की गारंटी, हर हाथ को काम की गारंटी, हर घर में बिजली की गारंटी, हर खेत को पानी की गारंटी, हर महिला को सुरक्षा की गारंटी और हर अपराधी को सजा की गारंटी के ध्येय के साथ काम करेगी।

प्रदेश में अब ना नौकरियों की लूट होगी और ना ही पेपर लीक

राज्य में पेपर लीक मामले पर बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के समस्त विद्यार्थियों को पूर्णतः आश्वस्त करती है कि प्रदेश में अब ना तो नौकरियों की लूट होगी और ना ही पेपर लीक होगा। विद्यार्थियों को केजी से पीजी यानी प्राथमिक विद्यालय से विश्वविद्यालय तक की मुफ्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की गारंटी सरकार के संकल्प पत्र में निहित है, जिसे समयबद्ध रूप से पूरा किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि विगत सरकार के समूचे कार्यकाल के दौरान पेपर लीक माफिया सक्रिय रहा, जिसके कारण लाखों प्रतिभावान युवाओं का भविष्य अंधकारमय बन गया। स्थिति यहां तक बिगड़ी कि एक भी भर्ती परीक्षा बिना पेपर लीक और पूर्ण पारदर्शिता के साथ सम्पन्न नहीं हो सकी। पेपर लीक घोटालों के मुख्य सरगनाओं को गत सरकार पर्दे के सामने लाने में विफल रही। पूरे 5 साल तक प्रदेश के युवाओं में निराशा, असंतोष एवं आक्रोश व्याप्त रहा।

राज्यपाल ने कहा कि हमारी सरकार ने निर्णय कर पेपर लीक मामलों की कड़ी जांच हेतु एसआईटी का गठन कर दिया है। साथ ही अब भर्ती परीक्षाओं की मॉनिटरिंग मुख्य सचिव और डीजीपी लेवल के अधिकारियों से करवाने तथा नकल माफियाओं के खिलाफ केस ऑफिसर स्कीम के तहत मुकदमा चलाने का फैसला लिया गया है। हमारी सरकार भ्रष्टाचार और माफिया राज का अंत करने के लिए संकल्पशील है।

मातृशक्ति को समुचित सुरक्षा का वादा

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि राजस्थान में पिछली सरकार के कार्यकाल में महिला उत्पीड़न एवं दुष्कर्म के मामले बड़े पैमाने पर सामने आए, जिससे राजस्थान महिला दुष्कर्म के मामले में देशभर में पहले पायदान पर रहा। इसके फलस्वरूप, वीरों और विभूतियों की यह गौरव भूमि बार-बार कलंकित एवं शर्मसार हुई। हमारी मुख्य प्राथमिकता मातृशक्ति को समुचित सुरक्षा देकर प्रदेश का ऐतिहासिक मान-सम्मान और गौरव पुन: लौटाना है।

उन्होंने ने सदन में कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को सख्ती से रोकेगी। हमारी सरकार ने संकल्प लिया है कि राजस्थान को महिलाओं के लिए देश का सर्वाधिक सुरक्षित प्रदेश बनाएंगे। सभी प्रमुख शहरों में एंटी रोमियो स्क्वॉड के गठन को पूरी मजबूती और मुस्तैदी से लागू किया जाएगा। साथ ही पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के भी प्रयास किए जाएंगे।

घुमंतू परिवार पर फोकस

राजस्थान की 16वीं विधानसभा के प्रथम सत्र में राज्यपाल ने कहा कि हमारी सरकार घुमंतू समुदाय के आवश्यक दस्तावेज जैसे वोटर आई.डी. कार्ड, आधार कार्ड, जाति प्रमाण-पत्र, मूल निवास प्रमाण-पत्र आदि बनाने के लिये शिविर लगायेगी। उक्त समुदाय के परिवारों के लिये आवासीय पट्टे, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, शिक्षा और स्वास्थ्य बीमा जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करेगी।

दलित आदिवासियों के रोजगार का वादा

राज्यपाल कलराज मिश्र ने अभिभाषण में यह भी कहा कि हमारी सरकार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित सभी सरकारी पदों को प्राथमिकता से भरेगी। हम केन्द्र सरकार के साथ मिलकर नमस्ते योजना के अंतर्गत सभी मैनुअल स्कैवेंजिंग से जुड़े हुए मजदूरों के पुन: रोजगार के लिये प्रशिक्षण अथवा स्वरोजगार के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे।

अंग्रेजी माध्यम स्कूलों पर संकट? समीक्षा की कही बात

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि गत सरकार द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम से माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों को मात्र साइन बोर्ड बदलकर कथित अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों के रूप में प्रारम्भ करने का कार्य किया गया। इन विद्यालयों में न तो अंग्रेजी माध्यम प्रशिक्षित शिक्षक पदस्थापित किए गए, न ही विद्यालयों में कक्षा कक्षों का निर्माण किया गया और न ही आवश्यक बजटीय प्रावधान किए गए। प्रदेश में इस अव्यावहारिक निर्णय का आम जनता, शिक्षकों और शिक्षाविदों की ओर से व्यापक स्तर पर विरोध भी हुआ। इतना सब होने पर भी सरकार विद्यार्थियों को मझधार में छोडक़र अनिर्णय की स्थिति में बनी रही। हमारी सरकार इन विद्यालयों की समीक्षा कर विद्यार्थी हित सर्वोपरि रखते हुए इस संबंध में निर्णय लेगी।

स्वास्थ्य पर सरकार की मंशा?

विधानसभा के प्रथम सत्र में स्वास्थ्य पर भी बात हुई। इस दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र ने अभिभाषण में कहा कि गत सरकार द्वारा 'राइट टू हेल्थ' के नाम पर फौरी तौर पर मात्र औपचारिकता की गई जिसका चिकित्सकों और निजी अस्पतालों द्वारा व्यापक स्तर पर विरोध किया गया। अब हमारी सरकार "सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया" के ध्येय वाक्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। चिकित्सकों और निजी अस्पतालों को विश्वास में लेकर सही मायने में प्रदेश के हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाना राज्य सरकार सुनिश्चित करेगी।

मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना अब होगी आयुष्मान योजना

राज्यपाल कलराज मिश्र ने सदन में कहा कि गत सरकार द्वारा केंद्र की आयुष्मान योजना को चिरंजीवी योजना का नाम देकर वाहवाही लूटने का प्रयास किया गया। हमारी सरकार "सभी को स्वास्थ्य सेवाएं" सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार अब चिरंजीवी योजना की समीक्षा करेगी और आयुष्मान योजना को जन केन्द्रित बनाकर प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कल्याण केन्द्र योजना के तहत उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह आरोग्य मंदिर जन स्वास्थ्य की धुरी के रूप में कार्य करते हुए रोग उपचारात्मक सेवाओं के साथ प्रिवेंटिव एवं प्रमोटिव हेल्थ सर्विस भी उपलब्ध करवाएंगे। जिससे आमजन स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित हों। यहां आमजन को बारह प्रकार की निशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ योग एवं वैलनेस गतिविधियों का संचालन करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।

राज्य में 350 जन औषधि केन्द्र खोलेंगे

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर में सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध करवाने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र की स्थापना की अनूठी पहल की है। प्रदेश में भी ऐसे 350 नए जन औषधि केन्द्र स्थापित किये जायेंगे ताकि नागरिकों को कम कीमत में जरूरी दवाइयां मिल सके। राज्यपाल ने कहा कि हमारी सरकार ने अपने संकल्प पत्र में आम जनता के स्वास्थ्य को सर्वोपरि रखकर प्रतिवर्ष हर ब्लॉक में दो स्वास्थ्य मेलों के आयोजन का संकल्प लिया है। इन मेलों में नागरिकों के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें जागरूक किया जायेगा।

आपको बता दें कि राजस्थान में पहले से कांग्रेस सरकार की मुख्यमंत्री निशुल्क दवा वितरण योजना चल रही है। इस योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में निशुल्क दवाई उपलब्ध करवाई जाती है। सरकार की इस योजना की देशभर में तारीफ हुई थी।

मजदूरों की भी हुई बात

विधान सभा के प्रथम सत्र में मजदूर वर्ग की बात की गई। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि श्रमिकों की राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में अहम भूमिका होती है। श्रमिकों को उनकी मेहनत का उचित पारिश्रमिक मिले, इसके लिए श्रमिकों का ई-श्रम पोर्टल पर शत प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित किया जायेगा। हमारी सरकार असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का आयुष्मान भारत, पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना, पीएम श्रमयोगी मानधन योजना के माध्यम से श्रम कल्याण की दिशा में संकल्पशील रहेगी।

तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर कसा तंज

राज्यपाल ने अभिभाषण में कहा कि इससे पूर्व की सरकार अपने अंतर्विरोधों एवं अहम की लड़ाई में व्यस्त रहने के कारण प्रदेश की विकासोन्मुखी नीति बनाने एवं निर्णय लेने में कामयाब नहीं हो पाई और जनता की आकांक्षाओं पर खरी नहीं उतर सकी। विगत सरकार के पांच साल के कार्यकाल में अंतर्विरोध और खींचतान के कारण शासन की गाड़ी बेपटरी बनी रही।

राज्यपाल ने आगे कहा कि अब पूर्व बहुमत व डबल इंजन की सुस्थिर सरकार राज्य में विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर ना केवल नए राजस्थान का निर्माण करेगी, बल्कि विकसित राजस्थान व विकसित भारत 2047 के संकल्प को साकार करेगी। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास हमारी सरकार का मूल मंत्र होगा।

किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करने की प्रतिबद्धता

राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान लगभग 30 प्रतिशत है। हमारे किसान अन्नदाता हैं, उनको आर्थिक संबल प्रदान करने और सशक्त बनाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। ‘आपणो अग्रणी राजस्थान’ के संकल्प को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि को दोगुना कर अब 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष करने की प्रस्तावित योजना हमारे किसान भाइयों के लिए बहुत बड़ा संबल होगा।

गेहूं खरीद पर बोनस का वादा

गेहूं उत्पादन में देश में राजस्थान का प्रमुख स्थान है। किसान भाइयों की फसल का सही दाम सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित गेहूं की एमएसपी के ऊपर राज्य सरकार बोनस देकर 2700 रु. प्रति क्विंटल पर गेहूं खरीदने की योजना बनायेगी।

मोटा अनाज उत्पादन को बढ़ावा

भारत विश्व में सबसे ज्यादा बाजरा यानी श्रीअन्न (मिलेट) उत्पादन करने वाला देश है। इसमें भी राजस्थान देश में सिरमौर है। राज्यपाल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज श्रीअन्न (मिलेट) वर्ष घोषित किया गया है। इस मिलेट-क्रांति के फलस्वरूप अब हमारे ज्वार-बाजरे को देश दुनिया में सबसे लोकप्रिय खाद्यान के रूप में पहचाना जाने लगा है।

किसान कर्ज माफी पर क्या बोले राज्यपाल

राज्य में किसान कर्ज माफी बड़ा मुद्दा रहा है। चुनावों में भाजपा ने इस मुद्दे को भी भुनाया था। सरकार गठन के बाद प्रथम सत्र में विधानसभा में राज्यपाल कलराज मिश्र ने अभिभाषण में कहा कि गत सरकार द्वारा किसानों की कर्जमाफी को लेकर बड़े-बड़े दावे किये गये। कल्ला कमेटी बनाई गई, कृषकों की ऋण माफी हेतु वन टाइम सेटलमेंट करने की बात कही गई, लेकिन सरकार ने वादाखिलाफी करते हुए किसानों की कर्जमाफी के स्थान पर 19 हजार से ज्यादा किसानों की जमीनें कुर्क और नीलाम कर दीं। अत्यन्त दुख का विषय है कि विगत सरकार की इस दोषपूर्ण कृषक नीति के कारण हमारे कई किसान भाई आत्महत्या करने तक को मजबूर हुए। किसान भाइयों के हितों की रक्षा वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पिछली सरकार के कार्यकाल में जिन किसानों की जमीनें नीलाम हुई थीं, उनको बिना विलंब किए उचित एवं सम्मानजनक मुआवजा देने के लिए व्यावहारिक मुआवजा नीति निर्धारित की जायेगी।

ईआरसीपी पर बोले

राजस्थान में पूर्वी नहर परियोजना भी बड़ा मुद्दा है। चुनावों से पहले ईआरसीपी को लेकर कांग्रेस व भाजपा एक दूसरे पर दोष मडती रही है। इसे लेकर राज्य में कई आंदोलन भी हुए। यह योजना पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की लाइफ लाइन साबित होगी। सदन में राज्यपाल कलराज मिश्र ने ईआरसीपी का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पेयजल उपलब्धता और 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना (ईआरसीपी) की डीपीआर तैयार की गई थी, लेकिन इस पर गत सरकार ने ठोस कार्य करने की बजाय इस परियोजना पर केवल राजनीति करने का काम किया।

गत कांग्रेस सरकार द्वारा 23 जनवरी 2023 को महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण के पैरा 170 में ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना (ईआरसीपी) को वर्ष 2051 तक पूरा करने की बात कही गई थी, जो इस बात का द्योतक है कि सरकार 28 वर्षों तक इस योजना को लटकाना, भटकाना चाहती थी। इतने लंबे अरसे में तो दो-दो पीढ़ियां बदल जाती हैं।

राज्यपाल ने कहा कि हमारी सरकार ईआरसीपी को पूर्वी राजस्थान की जीवन रेखा के रूप में विकसित करेगी और इस योजना का क्रियान्वयन मिशन मोड पर त्वरित गति से किया जायेगा। अब राजस्थान व मध्यप्रदेश, दोनों राज्यों में डबल इंजन की सरकार आने से ईआरसीपी के संबंध में एमओयू कर परियोजना को शीघ्र-अति शीघ्र मूर्त रूप दिया जाना आसान होगा।

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