रिपोर्ट- अब्दुल माहिर
शाहजहांपुर के पास लगाए बैरिकेट्स, आज दिल्ली के अम्बेडकर भवन में था कार्यक्रम। यात्रा में शामिल 15 राज्यों के लोग, बार्डर पर डाला डेरा।
जयपुर। बाबा साहब भीम राव आंबेडकर के छुआछूत और जातीय भेदभाव को मिटाने का सपना आजादी के 75वें साल में भी पूरा नहीं होने पर गुजरात के अहमदाबाद से चली 'भीम रुदन यात्रा' को गत रविवार शाम राजस्थान-हरियाणा बार्डर के पास शाहजहांपुर में रोक दिया गया। आरोप है कि केन्द्र सरकार के इशारे पर यात्रा को रोका गया है। इधर, हरियाणा पुलिस की दमनकारी नीति के विरोध में रैली में शामिल लोग हाइवे पर ही धरना देकर बैठ गए जो सोमवार शाम तक मौके पर ही डटे हैं।
रैली में शामिल प्रवीण भाया बताते हैं कि, "यात्री जत्था 1 अगस्त को अहमदाबाद से रवाना हुए था। हमें राजस्थान से हरियाणा सीमा में प्रवेश कर दिल्ली जाना है। रविवार रात 8 बजे हरियाणा पुलिस ने राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर रोक दिया। बेरिकेट्स लगा कर यातायात भी रोक दिया। हरियाणा सरकार रैली को हरियाणा सीमा में प्रवेश की अनुमति नहीं दे रही है। पुलिस ने 15 अगस्त की तैयारियों के चलते किसी भी रैली को दिल्ली तक नहीं जाने के आदेशों का हवाला दिया है।"
वार्ता हुई विफल
सूत्र बताते हैं कि, रैली में शामिल लोगों के साथ हरियाणा पुलिस के आईजी, रेवाड़ी एसपी राजेश कुमार, बावल एसडीएम संजीव कुमार सहित राजस्थान से एसपी शांतनु कुमार सिंह, नीमराणा एसडीएम मुकुट सिंह व एडिशनल एसपी जगराम मीणा के साथ वार्ता हुई थी। रात करीब 8 बजे रैली को शाहजहांपुर टोल पर रोककर प्रतिनिधि मण्डल वार्ता के लिए पहुंचा, लेकिन वार्ता सफल नहीं हुई।
यात्रा का संचालन कर रहे मार्टिन मैकवान ने बताया कि, "शाहजहांपुर टोल टैक्स के पास हरियाणा प्रशासन ने हमें दो ऑर्डर दिखाए हैं। ऑर्डर में किसी भी तरह रैली को हरियाणा में नहीं घुसने देने की बात कह रहे हैं। हमारे साथ महिलाएं भी हैं। बच्चे भी हैं। हमने बोला ये आंदोलन है। आप हमें रोक दीजिए। जहां रोकोंगे। वहां हम 24 घंटे रुक जाएंगे।" मैकवान ने बताया कि, 1111 किलो पीतल के सिक्कों से बाबा साहब व गौतम बुद्ध की मूर्ति बनाने व संविधान की प्रतिकृति को स्थापित करने की मांग को लेकर गुजरात से दिल्ली की यात्रा कर रहे हैं। यात्रा में गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, उड़ीसा सहित 15 राज्यों के लोग शामिल है। इधर, मौके पर भारी बैरिकेटिंग की गई है। वहीं पुलिस जाप्ता तैनात है।
किसान आंदोलन जैसा नजारा
किसान आंदोलन के दौरान भी राजस्थान सहित गुजरात, तमिलनाडु व महाराष्ट्र से आए किसानों को हरियाणा पुलिस ने इसी तरह साहजहांपुर बॉर्डर पर बैरिकेट लगा कर रोक दिया था। तब भी एक वर्ष तक दिल्ली-जयपुर हाइवे पर किसान धरना देकर बैठे रहे थे। अब भीम रुदन राष्ट्रीय रैली में शामिल लोग 20 घण्टे से साहाजहांपुर बॉर्डर पर बैठे हैं।
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