जयपुर। राजस्थान (RAJASTHAN) के चुनावी रण में दलित मतदाता (DALIT VOTERS) की अहम भूमिका होने वाली है। प्रदेश का दलित मतदाता चुनावी समीकरण के हिसाब से सत्ता में भागीदारी पाने का मन बुना चुका है। भीम आर्मी प्रमुख व आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट चन्द्रशेखर आजाद संविधान बचाओ संकल्प यात्रा के बहाने प्रदेश के दलित मतदाता को चुनावी समीकरण का पाठ पढ़ा रहे हैं। भीम आर्मी प्रमुख प्रदेश के दलित मतदाता को चुनावी समीकरण का गणित समझाने में कामयाब रहे तो प्रदेश के प्रमुख दलों का गणित बिगड़ते देर नहीं लगेगी।
संविधान बचाओ यात्रा के दौरान बीते दिनों राजस्थान के नीमराणा (अलवर) में चन्द्रशेखर आजाद ने संविधान बचाओ संकल्प यात्रा में उमड़े जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि था कि जब आपको खबर मिले कि आपके बीच आजाद समाज पार्टी का अमुक उम्मीदवार है। उस उम्मीदवार की जगह खुद को प्रत्याशी मान कर गली-गली गांव-गांव जाकर प्रचार करना। एक-एक वोट संगठित करना। ये क्रम यहीं नहीं थमा। मंगलवार को जालौर में शाम को हुई जनसभा में भी आजाद ने यही अपील दोहराई।
साथ ही आजाद ने कहा कि राजनीति के रण में हमें चुनावी समीकरण के गणित को समझना होगा। वोट ट्रांसफर का अपना समीकरण है। निकाय चुनावों से लेकर विधानसभा व लोकसभा चुनावों तक समझदारी से साझेदारी निभाने की बात कही। यह बात अलग है कि चन्द्रशेखर के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। भीम आर्मी प्रमुख के वोट ट्रांसफर समीकरण वाले इस बयान के बाद आजाद समाज पार्टी के चुनावी गठबंधन के कयास भी लागाए जा रहे हैं। यह गठबंधन किसके साथ किन शर्तों पर होगा तय नहीं है।
आजाद ने कहा कि मैं आपको जगाने आया हूं। आगे लड़ाई आपको खुद लड़नी होगी। ताकत आपको लेनी है। वोट आपके पास है। मेरे पास यहां वोट नहीं है। मेरे पास वोट होती, तो में वोट ही नहीं अपने खून का आखरी कतरा भी आपको ताकतवर बनाने के लिए लगा देता। सत्ता में हमारे अपने होंगे तो फिर राजनीति में हमारे मुद्दों की भी बात होगी। आपको रोजगार भी मिलेगा। आपको न्याय के लिए महीनों सड़क पर नहीं बैठना पड़ेगा।
भीम आर्मी व आजाद समाज पार्टी की संविधान बचाओ संकल्प यात्रा नीमराणा से दोसा, रेनवाल, डीडवाना, फुलैरा होते हुए नागौर पहुंची। मंगलवार को जोधपुर जालौर में रही। इसके बाद भीनमाल के बाद हाड़ौती क्षेत्र में यात्रा प्रवेश करेगी। यात्रा के दौरान भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि पहले चुनाव आते ही वोट का खरीददार रात को अंधेरे में थैला लेकर वोट खरीदने आता था। तब हम वोट की वैल्यू नहीं समझते थे। खरीददार चुपचाप आकर पैसे देकर कहता था मेरे पक्ष में वोट कर देना। वोट तो आपको देना है। मुझे दे देना आपको पैसे भी मिलेंगे। हमारे लोग सीधे साधे जिन पर पैसे नहीं होते थे पैसे लेकर वोट दे देते थे।
आजाद ने कहा हम हमारे वोट का सौदा नहीं होने देंगे। यह लोकतंत्र है, जिसके पास वोट होगा उसका राज होगा। अगर अमीर लोग आगे बढ़ सकते हैं, तो हमारे गरीब लोग भी विधानसभा में चुनकर क्यों नहीं जा सकते। आपके लोग चुनकर जाएंगे तो यह आपकी आवाज बन सकते हैं।
जब आपके लोगों पर अन्याय और अत्यचार हुआ। कांग्रेस और बीजेपी सरकारों में शामिल लोग ने बैठकर तमाशा देखा। तब सदन में आपके लिए कौन लड़ रहा था। यह भी देखना होगा। सब जानते हैं सदन में एससी/एसटी के अधिकारों के लिए एक भी व्यक्ति नहीं बोला।
इस बार भूलोगे तो कितने इंद्र और जितेंद्र मेघवाल की बलि चढ़ाई जाएगी। याद रखना कितने ओमप्रकाश रैगर को फंदे पर लटकाया जाएगा। कितने कार्तिक भील (KARTIK BHEEL) के परिवार 8 महीनों तक न्याय के लिए सड़कों पर बैठे रहेंगे, लेकिन न्याय नहीं मिलेगा। अब हमें इसी अन्याय के खिलाफ लड़ना होगा। हम बहुजनों को अपने हक और अधिकार का संकल्प दिलाने आए हैं। जब तक एक-एक व्यक्ति हक और अधिकार लेने के लिए तैयार नहीं होता अपना काम जारी रखेंगे।
शिक्षा को लेकर चन्द्रशेखर आजाद ने कहा कि शिक्षा रोजी रोटी कमाने के लिए नहीं, बल्कि शिक्षा तर्क के साथ लड़ने की शक्ति का संचार करती है। अच्छे बुरे की पहचान की समझ देती है शिक्षा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से इस देश में तमाम सरकारों ने यहां के लोगों के साथ खिलावाड़ करने का काम किया। शिक्षा को व्यापार बना दिया। निजी स्कूल खड़े कर दिए। सरकारी स्कूल में शिक्षा प्रणाली कमजोर कर दी। गरीब भी निजी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए मजबूर हो गया। चाहे उसके पास पैसा नहीं है तो जमीन भी गिरवी रख कर बच्चों को पढ़ाता है। बच्चा पढ़ लिख गया तो अब रोजगार नहीं मिल रहा है। मैं कहता हूं आपने शिक्षा रोजगार के लिए हासिल की है। इस लिए रोजगार की लाइन में खड़े हो। आप ने शिक्षा से ज्ञान हासिल नहीं किया। जिनमें ज्ञान है वो सत्ता को बदल सकते हैं। ज्ञान से ही आकलन हो सकता है कि सरकार किसान, गरीब, मजदूरों के लिए काम कर रही है या पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है।
भीम आर्मी आजाद सामज पार्टी की संविधान बचाओ संकल्प यात्रा में उम्मीद से अधिक भीड़ उमड़ रही है। हजारों की संख्या में हुजूम वोट हमारा, राज तुम्हारा, नहीं चलेगा के नारों के साथ कई किलोमीटर पैदल भी चल रहा है। भीड़ में जोश भी दिखा रहा है। नीले झण्डे तले बढ़ती भीढ़ राजस्थान के प्रमुख दलों की चिंता बढ़ा रही है। सत्ता हासिल करने के दावों के बीच चुनावी गणित गड़बड़ाने लगा है, लेकिन यह भीड़ आजाद समाज पार्टी के पक्ष में मतदान में बदल पाएगी? यह बड़ा सवाल है।
राजस्थान में अक्सर देखा गया है कि मतदान से पहले तक चुनावी सभाओं में भीड़ तो उमड़ती है, लेकिन मतदान के बाद नतीजे अलग आते हैं। हालांकि भीम आर्मी प्रमुख व आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद दलितों को इस बार सत्ता तक जाने के लिए चुनावी समीकरण का गणित भी समझने का सलाह दे रहे हैं। भीम आर्मी प्रदेश प्रभारी अनिल धेनवाल ने द मूकनायक से बात करते हुए कि इस बार आजाद समाज पार्टी राजस्थान में सभी दो सौ विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है। गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शीर्ष नेतृत्व का काम है।
राजनीतिक विश्लेषको की माने तो राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा का दबदबा रहा है। एक बार कांग्रेस, एक बार भाजपा (BJP) सत्ता पर काबिज होती रही है। इस बार कांग्रेस (CONGRESS) पार्टी ने प्रदेश के इस मिथक को तोड़ने का दावा करते हुए पुन: सत्ता में आने की बात कही है। राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी (BSP) की लोकप्रियता को भी नहीं नकारा जा सकता है। बीते दो विधानसभा चुनावों में बसपा के 6-6 विधायक जीत कर आए हैं। यह अलग बात है कि बसपा के सिंबल पर चुनाव जीत कर आए विधायकों ने जनता के भरोसे को तोड़ कर सत्ता के लालच में दूसरी पार्टी में विलय कर दिया। राजस्थान में बसपा का अपना चुनावी गणित है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) भी भाजपा और कांग्रेस के मतों में सेंधमारी कर अपना विस्तार करने से नहीं चूकेगी। आजाद समाज पार्टी राजस्थान के चुनावों में पहली बार एंट्री होगी। राजस्थान में नीमराणा से शुरू हुइ संविधान बचाओ संकल्प यात्रा अलवर, भरतपुर, दोसा, फुलरा, डीडवाना, नागौर होते हुए जोधपुर, जालौर, सिरोहीसहित हड़ौती इलाके में भी पहुंचेगी।
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