जयपुर। राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद राज्य वृक्ष खेजड़ी की अवैध कटाई पर अंकुश नहीं लग रहा है। पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रही संस्थाएं और ग्रामीण खेजड़ी की अवैध कटाई रोकने के लिए लामबंद है, लेकिन शासन-प्रशासन की बेरुखी के आगे बेबस है। पर्यावरण संरक्षण के नाम पर सरकार सोलर विद्युत उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन निजी कंपनियां सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए पेड़ों की कटाई कर पर्यावरण को क्षति पहुंचा रही है। इस सम्बंध में जीव रक्षा संस्था बीकानेर के बैनर तले दर्जनों ग्रामीणों ने सोमवार को जिला कलक्टर बीकानेर को ज्ञापन सौंपकर कर खेजड़ी के पेड़ों की अवैध कटाई रोकने की मांग करते हुए स्थानीय राजस्वकर्मियों पर लापरवाही के आरोप भी लगाए हैं।
आपको बता दें कि बीकानेर जिले में अलग-अलग कंपनियों ने सोलर प्लांट लगाने के लिए किसानों के खेतों को अनुबंध पर लिया है। इनमें से ज्यादातर सोलर कंपनियां प्लांट लगाने के लिए खेतों में खड़े हरे खेजड़ी के पेड़ों पर कुल्हाड़ी चला कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के साथ ही लोगों की आस्था पर भी आरा चला रही हैं। नालबड़ी इलाके में पहले एक कंपनी ने तीन सौ से अधिक हरे पेड़ों को काट दिया। अब इसी क्षेत्र में एक और अन्य सोलर कंपनी द्वारा खेजड़ी के पेड़ों की अवैध कटाई का मामला सामने आया है। बीकानेर जिले में सोलर कंपनियों द्वारा लगातार राज्य वृक्ष खेजड़ी की कटाई को लेकर जिला कलक्टर बीकानेर से द मूकनायक ने बात करने का प्रयास किया, लेकिन कलक्टर ने बात नहीं की।
ग्रामीणों ने बताया कि बीकानेर जिले की ग्राम पंचायत नालबड़ी इलाके की रोही में अब एक अन्य कंपनी ने सोलर प्लांट लगाने के लिए सैकड़ों खेजड़ी के पेड़ों पर आरा चलाकर जमींदोज कर दिया है। काटे गए पेड़ों को वाहनों में लोड कर अन्यंत्र भेज दिया गया। बीकानेर जिले में निरंतर खेजड़ी की अवैध कटाई को लोग पर्यावरण के लिए अपूर्णीय क्षति बता रहे हैं।
खेजड़ी की अवैध कटाई की जानकारी मिलते ही जीव रक्षा संस्था बीकानेर जिलाध्यक्ष मोखाराम धरणिया के साथ दर्जनों संस्था कार्यकर्ता, नालबड़ी उपसरपंच बीरबल सिंह, सुमेर सिंह, महेंद्र कुमार मेघवाल सहित कई पर्यावरण प्रेमी रविवार सुुबह 9 बजे नालबड़ी में काटे गए पेड़ों के पास पहुंचे। मौके की फोटो खींच कर बीकानेर जिला कलक्टर को मोबाइल पर भेजा। इस पर जिला कलक्टर ने क्षेत्रीय राजस्व अधिकारियों को मौके पर भेज कर कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन शाम तक सक्षम अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। हालांकि सूचना पाकर क्षेत्रीय वनाधिकारी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए।
धरणिया ने द मूकनायक को बताया कि काटे गए पेड़ों की संख्या इतनी थी कि हम शाम तक भी इनकी गिनती नहीं कर पाए। खेतों में अलग-अलग जंगहों पर ठूठों के ढेर लगाए गए थे। तनों को अन्यंत्र भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि जिला कलक्टर के आश्वासन पर ग्रामीण तपती दुपहरी में उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, गिरदावर और पटवारी का इंतजार करते रहे। उन्होंने बताया कि चार घंटे बाद दोपहर एक बजे नालबड़ी के भू-अभिलेख निरीक्षक अनवर अली पुलिस को साथ लेकर मौके पर पहुंचे। भू-अभिलेख निरीक्षक के पास नालबड़ी पटवार हल्के का राजस्व रिकार्ड जमाबंदी और नक्शा सीट तक नहीं था। बिना रिकार्ड गिरदावार ग्रामीणों की तरह तमाशबीन बनकर खड़े रहे।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि नालबड़ी का हल्का पटवारी प्रभूदयाल खेजड़ी के पेड़ों की अवैध कटाई में सोलर प्लांट कंपनियों से मिला हुआ है। इसलिए रविवार को जिला कलक्टर के आदेश पर भी मौके पर नहीं पहुंचा। ग्रामीणों ने बताया कि बार-बार फोन करने पर पटवारी जिले से बाहर होने की बात कहकर सभी को गुमराह करता रहा। ग्रामीणों के साथ आए सुमेर सिंह ने बताया कि रविवार को नालबड़ी हल्का पटवारी सुबह के वक्त से ही एक सोलर कंपनी के ठेकेदारों के साथ अनुबंध पर लिए गए खेतों का सीमाज्ञान कर रहा है। सुमेर सिंह ने बताया कि क्षेत्र में होते हुए नालबड़ी पटवारी जानबूझ कर मौके पर नहीं पहुंच रहा है। इस सम्बंध में जिला कलक्टर से शिकायत करेंगे।
क्षेत्रीय वनाधिकारी बीकानरे रेंज उत्तर बिशन सिंह राजपुरोहित ने द मूकनायक को बताया कि रविवार को हम मौके पर गए थे। वहां दर्जनों ग्रामीणें मौजूद थे। जिस जगह खेजड़ी के पेड़ काटे गए हैं वो कृषि खातेदारी भूमि राजस्व विभाग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इस लिए हम कोई कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। राजपुरोहित ने बताया कि राजस्व विभाग के साथ हम जाने के लिए तैयार है। खातेदारी खेत में पेड़ कट रहे हैं। हमने हमारे स्तर पर मौका पंचनामा तैयार कर विभागीय अधिकारियों को भेज दिया है। हाइकोर्ट के आदेशानुसार वन विभाग पेड़ों की कटाई की सूचना न्यायालय को समय-समय पर दे रहा है। यह बात सच है कि पटवारी ने खसरा नम्बर गलत बताया था। इससे पूर्व खेजड़ी ले जाते हुए हमने दो ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त किए थे।
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