जयपुर। राजस्थान में सैनी, माली, कुशवाह और काछी जातियों का आरक्षण आंदोलन पांचवें दिन मंगलवार को भी जारी रहा। हजारों की संख्या में आंदोलनकारी एनएच-21 जयपुर-आगरा हाइवे पर तम्बू गाड़ कर बैठे रहे। हाइवे के अलावा सड़क के दोनों और पेड़ों की छांव में भी लोगों का हुजूम नजर आया।
सैनी-माली आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक मुरारी लाल सैनी सहित 11 आंदोलनकारियों की एक दिन पूर्व जेल से रिहाई के बाद मंगलवार को संघर्ष समिति की संयोजक मुरारी लाल सैनी के नेतृत्व में सरकार से टेबल वार्ता हुई। एक घण्टे चली वार्ता के बाद बाहर निकले संघर्ष समिति सदस्यों ने कहा कि सरकार के साथ सौहार्दपूर्ण माहौल में सार्थक चर्चा हुई है। समिति सदस्यों ने मीडिया से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समाज की मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेंगे। एक सदस्य ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्व प्रथम वह जातीय कल्याण बोर्ड को पत्र लिख कर सैनी-माली समाज सहित आरक्षण की मांग कर रही सभी जातियों का आर्थिक सर्वे करवाने के लिए पत्र लिखेंगे। इसके अलावा एक पत्र जातीय गणना कराने के लिए केंद्र सरकार को भी लिखने की बात हुई है। वार्ता की बातों को कागज पर लिखित दिया गया है। हालांकि आंदोलन समाप्ति को लेकर निर्णय नहीं हुआ है।
आंदोलन स्थल के पास एक व्यक्ति का शव पेड़ से लटका मिला है। जानकारी के अनुसार मृतक आंदोलन स्थल के नजदीकी गांव ललिता मुड़िया निवासी मोहन सिंह सैनी बताया गया है। मृतक की जेब से पुलिस को एक चिट्ठी भी मिली है। इस चिट्ठी में ज्योतिबा फुले अमर रहे, 12 प्रतिशत आरक्षण लेकर रहेंगे लिखा था।
सूचना पर आंदोलन स्थल अरोदा गांव के पास चह गांव में नेशनल हाईवे-21 के किनारे पहुंची पुलिस ने पेड़ पर लटका शव कब्जे में लेकर एंबुलेंस से पहले नदबई अस्पताल पहुंचाया। यहां से जिला मुख्यालय के आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी में शव रखवाया है। हालांकि युवक की संदिग्ध मौत पर पुलिस कुछ भी कहने से फिलहाल बच रही है। उधर आंदोलनकारी युवक के आरक्षण मांग को लेकर आंदोलन स्थल के समीप आत्महत्या की बात कहते हुए राजस्थान प्रदेश माली-सैनी महासभा प्रदेश महामंत्री एवं जिलाध्यक्ष महात्मा ज्योतिबा फुले राष्ट्रीय संस्थान सवाई माधोपुर कन्हैया लाल सैनी ने मृतक मोहन सिंह सैनी के परिवार को आर्थिक मदद के साथ संविदा नौकरी की मुख्यमंत्री से मांग की है।
राजस्थान के भरतपुर में आरक्षण की मांग को लेकर सैनी-माली समाज के आंदोलन के मद्देजनर भरतपुर जिले में नंदबई, वैर एवं भुसावर तहसील क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा मंगलवार पांचवें दिन भी बंद रही। सम्भागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने 25 अप्रैल रात्रि 12 बजे तक अस्थाई रूप से इंटरनेट सेवा निलम्बित करने के आदेश जारी किए थे। इन आदेशों को आगे बढ़ाया जा सकता है।
गौरतलब है कि 21 अप्रैल बीते शुक्रवार देर शाम आरक्षण की मांग को लेकर सैनी-माली समाज की विभिन्न जातियों से जुड़े लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 21 के हलेना वैर रोड पर बेरी गांव के पास जाम कर दिया था।
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