जयपुर। बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने ही पिछड़ों को आरक्षण दिया है। यह विचार मन में आया और जातिवादी मानिसकता से ग्रस्त आधा दर्जन असामाजिक तत्वों ने जैसलमेर शहर के बीचो बीच अम्बेडकर पार्क में लगी बाबा साहब की मूर्ति को अपमानित कर दिया। आरोपियों ने प्लास्टिक के पाइप से पहले मूर्ति को गिराने का प्रयास किया। जब मूर्ति नहीं गिरी तो सर व हाथ पर जूते दिए। यह घटना 21 अगस्त रात की है। पुलिस ने एक सप्ताह बाद बाबा साहब की प्रतिमा को अपमानित करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। घटना में शामिल शेष दो आरोपियों की तलाश जारी है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जैसलमेर राकेश राजौरा ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस ने प्रथम दृष्टया जांच के बाद डोल सिंह राजपूत, रेवत सिंह राजपूत, भूपाल सिंह राजपूत व मदत अली मणिहार को गिरफ्तार किया। घटना में शामिल गणपत सिंह व लाल सिंह की पुलिस तलाश कर रही है। शीघ्र ही दोनों आरोपियों के भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
एएसपी राकेश राजोरा ने बताया कि 22 अगस्त को नगर परिषद आयुक्त लजपाल सिंह सोढा ने अम्बेडकर पार्क में लगी बाबा साहब की प्रतिमा के साथ छेड़खानी कर अपमानित करने के आरोप में अज्ञात लोगों को खिलाफ कोतवाली पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आयुक्त ने रिपोर्ट में थी कि घटना गत 21 अगस्त रात की थी।
असामाजिक तत्वों ने जैसलमेर शहर में सामाजिक समरसता बिगाड़ने की गरज से बाबा साहब की प्रतिमा के साथ छेड़खानी की थी। सुबह जैसे ही लोगों को घटना का पता चला तो अम्बेडकर वादियों का पार्क में जमावड़ा लग गया। भीम आर्मी, भीम सेना, अम्बेडकर शिक्षक संघ सहित अन्य अम्बेडकरवादी सामाजिक संगठनों व जप्रतिनिधियों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पार्क में धरना दिया। दो दिन बाद पुलिस की समझाइश पर धरना समाप्त किया गया।
इधर, मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने शहर में पुलिस की अलग-अलग टीमों का गठन किया। एएसपी राजौरा ने बताया कि पुलिस की सभी टीमों ने शहर भर में लगे अभय कमांड व निजी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला। सैकड़ों वीडियो फुटेज का अवलोकन करने के बाद उक्त आरोपियों को संदेह के आधार पर डिटेन कर पूछताछ की तो सभी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि लगभग आधा दर्जन लोग सम रोड पर एक थड़ी के पास बैठ कर शराब पी रहे थे। इस दौरान बातचीत में बाबा साहब का जिक्र शुरू हो गया। आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने ही इस देश में पिछड़ों को आरक्षण देकर बराबरी का अधिकार भी दिलाया है। उन्हें बराबरी व आरक्षण व्यवस्था पसंद नहीं है। इस लिए नशे की हालत में उन्होंने शहर में अम्बेडकर पार्क में लगी मूर्ति को खंडित करने का मानस बनाया था।
एएसपी ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि पहले आरोपियों ने प्लास्टिक के पाइप से बाबा साहब की प्रतिमा को नीचे पटक कर खंडित करने का प्रयास किया। अपने मकसद में असफल रहे तो आरोपियों ने प्रतिमा के हाथ व सिर पर जूता रख कर अपमानित करने का कृत्य किया। पत्रकारों के सवाल के जवाब में एएसपी ने कहा कि आरोपियों का प्रारम्भिक पड़ताल में कहीं भी राजनीतिक कनेक्शन सामने नहीं आया है।
इस दौरान जैसलमेर पुलिस ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि राजस्थान में चुनाव का समय चल रहा है। असामाजिक तत्व राजनीतिम लाभ हासिल करने या सौहार्द बिगाड़ने के लिए किसी भी तरह की ओछी हरकतों को अंजाम दे सकते हैं। ऐसे में आमजन का फर्ज बनता है कि कहीं भी इस तरह की चर्चा सुने तो तत्काल पुलिस को सूचित करें जिससे असामाजिक तत्वों के समरसता बिगाड़ने के प्रयास को नाकाम किया जा सके।
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