राजस्थान: चुनावी मैदान में उतरेंगे 80 शिक्षक, पहली बार इतनों ने मांगी एनओसी

राजस्थान यूनिवर्सिटी: सिंडिकेट की बैठक में लिया निर्णय, पहले भी कई शिक्षक लड़ चुके है चुनाव.
राजस्थान: चुनावी मैदान में उतरेंगे 80 शिक्षक, पहली बार इतनों ने मांगी एनओसी
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जयपुर। पढ़े लिखे लोग राजनीति में आए इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग तमाम जनजागरण के अभियान चलाता है, लेकिन राज्य विधानसभा चुनाव में इस बार बच्चों को पढ़ाने लिखाने की जिम्मेदारी निभाने वाले 'मा साब' कुछ और ही कारण से चुनाव मैदान में उतरने जा रहे है।

राजस्थान यूनिवर्सिटी के शिक्षकों की ड्यूटी चुनाव में लगाए जाने के बाद अब शिक्षकों ने चुनावी मैदान में उतरने की मंशा बना ली है। यूनिवर्सिटी के 80 शिक्षक विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।

इसके लिए शिक्षकों ने विश्वविद्यालय से अनुमति मांगी थी। इसको लेकर मंगलवार को सिंडिकेट की बैठक हुई। बैठक में 80 शिक्षकों और एक अशैक्षणिक कार्मिक को चुनाव लड़ने की सशर्त अनुमति दी गई। ये सभी 30 अक्टूबर से पांच दिसंबर तक अवैतनिक अवकाश पर रहेंगे। बताया जा रहा है कि पहली बार इतनी तादाद में शिक्षकों ने चुनाव लड़ने के लिए एनओसी मांगी है। इससे पहले तक चार से पांच शिक्षकों ने ही चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी है।

गौरतलब है कि राजस्थान विश्वविद्यालय के शिक्षकों की ड्यूटी पहली बार चुनाव में लगाई गई है। ड्यूटी लगाने का शिक्षकों की ओर से विरोध किया गया, लेकिन जिला प्रशासन ने नियमों का हवाला देकर शिक्षकों की ड्यूटी चुनाव में लगा दी है। बताया जा रहा है इससे बचने के लिए शिक्षकों में चुनाव लड़ने की एनओसी मांगी है।

पढ़ाई पर संकट, कॉलेज भी अधिग्रहित

शिक्षकों के अवकाश पर चले जाने के बाद विवि के छात्रों के लिए पढ़ाई का संकट खड़ा हो जाएगा। शिक्षकों में सभी असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। अवकाश पर जाने के कारण कक्षाओं का संचालन बंद हो जाएगा। गौरतलब है कि जिला प्रशासन की ओर से राजस्थान और कॉमर्स कॉलेज का अधिग्रहण कर लिया गया है। ऐसे में अब यहां भी कक्षाओं का संचालन बंद हो जाएगा।

पहले शिक्षक, फिर बने कद्दावर नेता

प्रदेश में कई शिक्षक कद्दावर नेता रहे है, जिनमें सबसे पहला नाम डॉक्टर सीपी जोशी का है। जोशी पीसीसी अध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष, केंद्रीय और राज्य में मंत्री रह चुके है। इस बार वे नाथद्वारा विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार है। इसी प्रकार मास्टर भंवर लाल, डॉ. गिरजा व्यास, जसकौर मीना, धीरज गुर्जर आदि शामिल है।

लड़ सकते हैं चुनाव

हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर रतन सिंह शेखावत ने बताया कि विश्वविद्यालय के लेक्चरर, असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रोफेसर चुनाव में नियमानुसार भागीदारी कर सकते है। उच्च अध्ययन संस्थाओं में यह प्रावधान किया गया है। यह सुविधा प्राथमिक, उच्च प्राथमिक या माध्यमिक स्कूल के टीचर को उपलब्ध नहीं है।

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