रांची। झारखंड की बरहेट विधानसभा सीट पर वर्ष 2019 में हेमंत सोरेन के खिलाफ भाजपा की ओर से चुनाव लड़ने वाले सिमोन मालतो बुधवार को अपने कई समर्थकों के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए। उन्होंने रांची में सीएम हेमंत सोरेन से उनके आवास में मुलाकात की और इसके बाद उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। हेमंत सोरेन ने पिछले चुनाव में बरहेट के अलावा दुमका सीट पर भी चुनाव लड़ा था। दुमका में सोरेन से पराजित हुईं भाजपा की उम्मीदवार लुईस मरांडी भी करीब 15 दिन पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गई थीं।
2019 के चुनाव में बरहेट सीट पर हेमंत सोरेन ने सिमोन मालतो को 25 हजार 740 मतों से हराया था। हेमंत सोरेन को 73 हजार 725 वोट मिले थे, जबकि सिमोन मालतो को 47 हजार 985 वोट हासिल हुए थे।
सिमोन मालतो ने चार दिन पहले भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को भेजे त्यागपत्र में कहा था कि वह जिन आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय से आते हैं, उसके किसी भी व्यक्ति को पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बनाया है। उन्होंने कहा था कि पहाड़िया समुदाय कांग्रेस के बाद भाजपा के परंपरागत वोटर रहे हैं। ये लोग भाजपा को मजबूती दे रहे थे, लेकिन पार्टी ने इस जनजाति को गंभीरता से नहीं लिया, जिसकी वजह से पूरा समाज अपमानित महसूस कर रहा है।
सीएम हेमंत सोरेन ने मालतो के झामुमो में शामिल होने के बाद सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ‘संथाल परगना में बरहेट से भाजपा नेता सिमोन मालतो ने अपने समर्थकों के साथ आज झारखंड मुक्ति मोर्चा परिवार का दामन थामा। आप सभी का झामुमो परिवार में हार्दिक स्वागत है, जोहार।‘
दरअसल, झारखंड में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया के बीच दल बदल का सिलसिला भी तेज है। इसके पहले बरहेट सीट पर इस चुनाव में हेमंत सोरेन के प्रस्तावक रहे शहीद सिदो-कान्हू मुर्मू के वंशज मंडल मुर्मू ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी। उन्होंने कहा था कि एकमात्र भारतीय जनता पार्टी है, जो आदिवासियों के हितों के लिए सही मायने में काम कर रही है।
सीमन मालतो मूल रूप से बरहेट विधानसभा क्षेत्र के गोंडा जिला अंतर्गत सुंदरपहाड़ी प्रखंड के बांसजोड़ी पंचायत के खेरीबारी गांव के रहने वाले हैं. वह लंबे समय तक बीजेपी के साथ थे. उनकी पहचान पहाड़िया नेता के रूप में की जाती है. इस समुदाय के बीच उनकी जबरदस्त पकड़ है. ऐसे में ये माना जा रहा है कि इस समुदाय के बीच झामुमो की पकड़ मजबूत होगी.
सिमोन मालतो साल 2004 और 2019 में बीजेपी के टिकट पर बरहेट विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. इसके अलावा वे एक बार साल 2014 में जेवीएम के टिकट पर चुनाव लड़े थे. 2009 में वे निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में थे. बरहेट के अलावा वे वर्ष 1995 में बोरियो विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़े चुके हैं. इस बार भाजपा ने बरहेट से गमालियल हेंब्रम को चुनाव मैदान में उतारा है.
Inputs with IANS
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