तेलंगाना। राज्य के BSP चीफ आरएस प्रवीण कुमार ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखते हुए मौजूदा हालात का हवाला देते हुए बीएसपी से इस्तीफा देने की जानकारी दी है। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। उन्होंने साफ किया कि वह भविष्य की गतिविधियों पर जल्द ही फैसला लेंगे।
आरएस प्रवीण कुमार ने कहा कि वह जहां भी रहेंगे, बहुजन के लिए लड़ेंगे। आरएस प्रवीण ने ट्वीट में उन्होंने लिखा, ''प्रिय साथी बहुजनों, मैं यह संदेश लिखने में असमर्थ हूं, लेकिन मुझे इसे वैसे भी लिखना होगा, क्योंकि अब नया रास्ता अपनाने का समय आ गया है। कृपया मुझे इस पोस्ट के लिए माफ कर दें और मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा है। भारी मन से मैंने बहुजन समाज पार्टी छोड़ने का फैसला किया है। मैं नहीं चाहता कि मेरे नेतृत्व में तेलंगाना में हाल के फैसलों (चाहे वे कितने भी जानकार क्यों न हों) के कारण इस महान पार्टी की छवि खराब हो। साथ ही मैं कुछ मूल सिद्धांतों और व्यक्तिगत चरित्र से समझौता नहीं करना चाहता। एक SWAERO के रूप में मैं किसी को दोष नहीं दूंगा और मैं उन लोगों को भी धोखा नहीं देना चाहता जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया।''
आपको बता दें कि, आरएस प्रवीण BSP के एक भरोसेमंद पार्ट पदाधिकारी थे. उनका यह इस्तीफा तब आया है जब देश में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. हालांकि, अभी यह देखना और दिलचस्प होगा कि आरएस प्रवीण का अगला राजनीतिक कदम क्या होगा.
आरएस प्रवीण कुमार का जन्म 23 नवंबर 1967 को जोगुलम्बा गडवाल जिले के आलमपुर में हुआ था। उनकी पत्नी का नाम आर लक्ष्मी बाई है। प्रवीण कुमार के माता-पिता दोनों ही पेशे से टीचर थे। उनकी बहन डॉक्टर है और एक भाई प्रफेसर है।
प्रवीण कहते हैं कि उनका बचपन गरीबी, अपमान और सामाजिक भेदभाव में गुजरा। हालांकि माता-पिता ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ाया। प्रवीण कुमार ने हावर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की और 1995 में आईपीएस ऑफिसर बने। 2021 में प्रवीण कुमार ने अचानक वीआरएस लेने का ऐलान किया और उन्होंने कहा कि वह सामाजिक कार्य करेंगे। उनके अनुसार दलित शब्द दमन का प्रतीक है। उन्होंने नया शब्द गढ़ा है, SWAERO जिसमें SW समाज कल्याण और Aero का मतलब आकाश है। प्रवीण कुमार तेलंगाना में लगभग 300 समाज कल्याण आवासीय शिक्षण संस्थान चलाते हैं। इनमें 2.5 लाख से अधिक छात्र पढ़ते हैं।
प्रवीण कुमार स्वारो आंदोलन चलते हैं। वह अनुसूचित जाति के सशक्तीकरण में के लिए काम करते हैं। कई छात्रों ने IIT और IIM जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के अलावा शीर्ष इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों, अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय और अशोका विश्वविद्यालय जैसे निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्राप्त किया।
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