यूपी: "बाबा साहब आंबेडकर और मान्यवर कांशीराम के सपनों को साकार करेंगे"- चंद्रशेखर आजाद

मान्यवर कांशीराम की जयंती और आजाद समाज पार्टी के चौथे स्थापना दिवस पर पार्टी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने नगीना लोकसभा क्षेत्र से चुनावी प्रचार का किया आगाज.
नगीना में जनसभा को सम्बोधित करते चंद्रशेखर आजाद।
नगीना में जनसभा को सम्बोधित करते चंद्रशेखर आजाद।The Mooknayak
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नगीना। मान्यवर कांशीराम की जयंती और आजाद समाज पार्टी के चौथे स्थापना दिवस पर पार्टी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने शुक्रवार को नगीना में विशाल जनसभा का आयोजन किया। साथ ही लोकसभा चुनाव प्रचार का औपचारिक आगाज भी किया। आजाद ने बताया कि कांशीराम के सपने को साकार करने के लिए ही आज से चार साल पहले पार्टी की स्थापना की थी। उल्लेखनीय है कि चंद्रशेखर बिजनौर की नगीना सीट से लोकसभा चुनाव भी लड़ रहे हैं।

कार्यक्रम में मान्यवर कांशीराम के छोटे भाई दलवार सिंह जनसभा में शामिल हुए। इसके साथ ही भीम आर्मी संस्थापक सदस्य विनय रतन सिंह, कमल वालिया, रविन्द्र भाटी सहित बड़ी संख्या में लोग मंच पर मौजूद थे। भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के विभिन्न पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में लोग सभा में शामिल हुए।

नगीना में जनसभा को सम्बोधित करते चंद्रशेखर आजाद।
नगीना में जनसभा को सम्बोधित करते चंद्रशेखर आजाद।

जनसभा को सम्बोधित करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा- "मैं मान्यवर कांशीराम की जयंती पर उन्हें नमन करता हूँ।" इसके साथ ही पार्टी के स्थापना दिवस पर सभी को बधाई दी। वहीं भीम आर्मी कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम के आयोजन का श्रेय दिया।

चन्द्रशेखर आजाद ने मान्यवर कांशीराम को याद करते हुए कहा- "कांशीराम ने सरकारी नौकरी को लात मार दी थी। क्योंकि उनका मानना था कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर हमें मालिक बनाने आये थे। मान्यवर कहते थे, मैं इस देश में नौकर नहीं रहूंगा और बहुजन समाज के लोगों को शासक बनाने का काम करूंगा। मैं उनकी गुलामी की बेड़ियों तोड़ने का काम करूंगा।" आजाद ने आगे कहा कि जब मुझे जेल भेजा गया था। मैंने कांशीराम को पढ़ा। मैं जब जेल से छूटकर आया तो मैं पंजाब चला गया और मान्यवर कांशीराम को नमन किया।"

जनसभा में विनय रतन सिंह ने कहा- "हम मान्यवर कांशीराम के संघर्ष को पढ़ते है, लेकिन उनके संघर्ष को कब अंजाम तक पहुंचाएंगे, सवाल यह है। मान्यवर कांशीराम और बाबा साहेब के सपनों को साकार करने के लिए चन्द्रशेखर आजाद, नगीना से चुनाव लड़ने आये हैं। मैं यहां वोट के लिए अपील नहीं करने आया हूँ। मैं यहां मजदूरी मांगने आया हूँ।"

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