भोपाल। मध्य प्रदेश आगामी विधानसभा चुनाव में बहुजन संगठन और पार्टियां गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतर सकती है। शुक्रवार को राजधानी भोपाल के हिंदी भवन में 14 संगठनों ने भाग लिया। बैठक में मुख्य समन्वयक के रूप में डॉ. भीमराव अंबेडकर के पोते, और पूर्व सांसद प्रकाश यशवंत आम्बेडकर शामिल हुए। बैठक में सभी संगठनों के बीच गठबंधन कर चुनाव लड़े जाने के लिए चर्चा की गई। प्रकाश आम्बेडकर ने सभी को एकजुट होकर चुनाव लड़ने की अपील की।
द मूकनायक से बातचीत करते हुए पूर्व सांसद प्रकाश आम्बेडकर ने कहा कि इंडिया में दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक की भागीदारी दिखाई नहीं देती। उन्होंने बताया कुछ बहुजन संगठनों ने मुझे आमंत्रित किया कि वह अलग तरह की राजनीति करना चाहते है। उसी की रूपरेखा पर परामर्श और बातचीत करने के लिए में बहुजन संगठनों की बैठक में शामिल हुआ हूँ। मध्य प्रदेश में बहुजनों की हिस्सेदारी को मजबूत करने की दिशा में रणनीति बनाई जा रही है।
पूर्व सांसद प्रकाश आम्बेडकर ने कहा कि मध्य प्रदेश की राजनीति में एक सवर्ण पार्टी सत्ता से बाहर होती है तो दूसरी सवर्ण पार्टी सत्ता में आती है। सभी दल संविधान के समर्थन और आदर की बात करते है। लेकिन संविधान में बदलाव नहीं हो, यही संविधान रहे इसके लिए कोई आश्वस्त नहीं कर रहा।
प्रकाश आम्बेडकर ने दलित, आदिवासियों के खिलाफ बढ़ रही अत्याचार की घटनाओं पर कहा कि सरकार चाहे बीजेपी की हो या कांग्रेस की सभी दोनों ही पार्टियों की सरकारों में दलितों पर अत्याचार बढ़ रहे है। उन्होंने कहा मध्य प्रदेश की घटनाएं मीडिया उठा रही है पर राजस्थान की घटनाएं सामने कम आती है। उन्होंने मीडिया पर पक्षपात का आरोप भी लगाया और कहा कि पत्रकारिता को निष्पक्ष होना चाहिए। उन्होंने कहा पूरे देश में दलित, आदिवासी और महिलाओं के खिलाफ घटनाएं हो रही है। इसका कारण समाज की मानसिकता है। पीड़ित को न्याय दिलाने की बात कोई नहीं करता सिर्फ उस पर राजनीति रही है।
आगामी चुनाव में गठबंधन और रणनीति के लिए बैठक में करीब 14 संगठन शामिल हुए। जिसमें मुख्यरूप से जयस, भीमआर्मी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, आम आदमी पार्टी, बीएसपी, वंचित बहुजन अघाड़ी, राष्ट्रीय समता पार्टी, आदर्श समाज पार्टी आदि संगठन शामिल हुए बैठक के प्रभारी मिलिंद सरकार ने द मूकनायक को बताया कि फिलहाल सभी संगठन अपनी बात रखने के लिए बैठक में शामिल हुए थे। सभी प्रकाश आम्बेडकर के सुझावों से सहमत है पर गठबंधन नहीं हुआ है। आगामी बैठक में सहमत होने वाले सभी संगठनों को एक बैनर तले विधानसभा चुनाव में सयुंक्त भाग लेंगे।
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