यूपीः वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे श्याम रंगीला का पर्चा खारिज

श्याम रंगीला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सियासी मैदान में निर्दलीय उतरे थे.
श्याम रंगीला.
श्याम रंगीला.
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वाराणसी. मशहूर कॉमेडियन और यूट्यूबर श्याम रंगीला का पर्चा खारिज हो गया है. श्याम रंगीला  ने वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मंगलवार को अपना नामांकन किया था.  जानकारी के मुताबिक शपथपत्र न देने के कारण श्याम रंगीला का नामांकन खारिज हुआ है.  श्याम रंगीला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सियासी मैदान में निर्दलीय उतरे थे.

बता दें कि वहीं, कॉमेडियन ने मंगलवार सुबह सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि मेरे पास चुनाव में नामांकन करने के नियम अनुसार सारे डॉक्यूमेंट हैं, लेकिन नामांकन नहीं करने दे रहे हैं. वहीं शाम होते-होते श्याम रंगीला ने फिर एक्स पर पोस्ट करते हुए जानकारी दी की उन्होंने नामांकन कर दिया है. वहीं अब खबर आ रही है कि श्याम रंगीला का पर्चा ही खारिज हो गया है. 

द मूकनायक को कॉमेडियन श्याम रंगीला के सचिव शैलेष ने बताया कि बनारस जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में शपथ पत्र देने के लिए श्याम सुबह से अपने वकील के साथ कोशिश कर रहे थे, लेकिन प्रशासन ने शपथपत्र स्वीकार नहीं किया। देर शाम को पर्चा खारिज करने की सूचना जारी की गई।

आजाद अधिकार सेना ने दिया था समर्थन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने वाराणसी लोकसभा सीट के चुनाव मैदान में ताल ठोकने वाले राजस्थान निवासी व जाने-माने स्टेंड अप कॉमेडियन श्याम रंगीला को राजनीतिक सपोर्ट मिला था। निर्दलीय प्रत्याशी के तौर नामांकन भरने में सफल रहे रंगीला को आज़ाद अधिकार सेना ने अपना समर्थन दिया ने दिया था। 

गौरतलब है कि आजाद अधिकार सेना भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पंजीकृत एक राजनीतिक पार्टी है। इस पार्टी की कई राज्यों में राज्य इकाइयां होने के साथ ही राष्ट्र पदाधिकारियों की भी टीम है। आज़ाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने वाराणसी से नामांकन भरने वाले राजस्थान के श्याम रंगीला को समर्थन देने की घोषणा की थी। ठाकुर ने सोशल मीडिया के माध्यम से रंगीला को समर्थन देने का आधिकारिक ऐलान किया था।  

लोकतंत्र की रक्षा के लिए समर्थन : ठाकुर 

राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर के अनुसार आज़ाद अधिकार सेना ने वाराणसी लोकसभा सीट से एक प्रत्याशी ‘मैं ज़िंदा हूं’ का चयन किया था। लेकिन उन्हें प्रशासन के इशारे पर अवैध हिरासत में रखा गया जिससे वे नामांकन दाखिल नहीं कर सके। अतः इन स्थितियों में हमारी पार्टी ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए श्याम रंगीला को वाराणसी में अपना समर्थन देने का निर्णय लिया था।

राजस्थान के हनुमानगढ़ में जन्में और श्रीगंगानगर में पले-बढ़े श्याम रंगीला ने मंगलवार को नामांकन के आखिरी दिन वाराणसी सीट से अपना नामांकन दाखिल किया था। इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यहीं से नामांकन भरा, जो दिन भर चर्चा में रहा। 

लड़ेंगे पूरे दम से!

नामांकन भरने के बाद दी अपनी प्रतिक्रिया में श्याम रंगीला ने कहा था, ‘देर से ही सही, लेकिन नामांकन हो गया। सभी दस्तावेज और प्रक्रिया के साथ अन्य आ रही बाधाओं को पार करके हम अब वाराणसी के लोगों का ऑप्शन बनने की दहलीज पर हैं। अभी बस दो-तीन दिन का और इंतज़ार, चिन्ह आ जाए। लड़ेंगे पूरे दम से, आप सबके सहयोग से।’ 

रंगीला पहली बार राजनीति में और पहले बार चुनाव मैदान में उतरने जा रहे थे। वे जाने-माने कॉमेडियन और मिमिक्री आर्टिस्ट हैं। वे सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर भी खासा सक्रीय हैं। वे पीएम नरेंद्र मोदी की मिमिक्री करके चर्चा में आये थे।

कौन है श्याम रंगीला?

श्‍याम रंगीला उर्फ श्‍याम सुंदर का जन्‍म 25 अगस्‍त 1994 को राजस्‍थान के हनुमानगढ़ जिले की पीलीबंगा तहसील के गांव मानकथेरी में हुआ। उनके पिता जवाहर लाल एक किसान हैं। ऐसे में खेती के साथ कई परेशानियों के कारण उन्होंने 2013 में गांव को छोड़ दिया और एक नए गांव में शिफ्ट हो गए। श्याम रंगीला का परिवार अभी राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले के रायसिंहनगर शहर के मोकामावाला गांव में रहता है।

श्याम रंगीला ने सूरतगढ़ से 12वीं की पढ़ाई की। फिर 2012-15 तक जयपुर में एनीमेशन कोर्स किया। श्याम का बचपन से ही कॉमेडियन बनने का सपना था। स्‍कूल-कॉलेज के दिनों से कॉमेडी किया करते थे, मगर श्‍याम रंगीला को देशभर में कॉमेडियन पहचान तब मिली जब द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज में रंगीला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मिमिक्री की।

श्याम रंगीला.
लोकसभा चुनाव 2024- "बनारस को बताएंगे PM मोदी के जुमलों की हकीकत- श्याम रंगीला

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