नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने पंजाब के लोगों के नाम एक पत्र लिखा है। लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण के मतदान से पहले एक तरफ वोटरों से खास अपील की तो दूसरी ओर पीएम नरेंद्र मोदी पर उनकी भाषा और नीतियों को लेकर जोरदार हमला भी किया। पत्र पर 28 मई की तारीख है, जिसे कांग्रेस ने गुरुवार को अपने एक्स हैंडल पर साझा किया है।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि मेरे प्यारे साथी नागरिकों भारत एक अहम मोड़ पर खड़ा है। अंतिम चरण के मतदान में हमारे पास लोकतंत्र और हमारे संविधान को सुरक्षित रखने और एक निरंकुश शासन को खत्म करने का अंतिम मौका है। पंजाब और पंजाबी योद्धा हैं। हम अपने बलिदान की भावना के लिए जाने जाते हैं। हमारा सद्भाव, सौहार्द और लोकतांत्रिक व्यवस्था में सहज विश्वास हमारे महान राष्ट्र की रक्षा कर सकता है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि मैं इस चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक चर्चा को बहुत ध्यान से देख रहा हूं। मनमोहन सिंह ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने काफी घृणास्पद भाषण दिए हैं, जो पूरी तरह से विभाजनकारी प्रकृति के हैं। इससे पहले किसी भी पीएम ने किसी खास वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के लिए इतनी घृणित, असंसदीय और निम्न स्तरीय भाषा का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने मुझ पर भी कुछ गलत बयान दिए हैं। मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं किया। यह भाजपा का विशेषाधिकार और आदत है।
दरअसल, मनमोहन सिंह का इशारा प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अप्रैल में राजस्थान में एक रैली में दिए भाषण से था। जिसमें पीएम मोदी ने आरोप लगाए थे कि कांग्रेस अगर सत्ता में आई तो देश की संपत्ति उन लोगों को वितरित करेगी जिनके अधिक बच्चे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने मनमोहन सिंह की इस टिप्पणी का भी हवाला दिया था कि मुसलमानों का देश के संसाधनों पर पहला हक है।
2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री मोदी के वादे पर निशाना साधते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि उनकी नीतियों ने पिछले 10 वर्षों में किसानों की आय को खत्म कर दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की राष्ट्रीय औसत मासिक आय मात्र 27 रुपये प्रतिदिन है, जबकि प्रति किसान औसत ऋण 27,000 रुपये (एनएसएसओ) है। ईंधन और उर्वरकों की उच्च लागत, कम से कम 35 कृषि-संबंधित उपकरणों पर जीएसटी और कृषि निर्यात और आयात में मनमौजी निर्णय लेने से हमारे किसान परिवारों की बचत नष्ट हो गई है, और वे हमारे समाज के हाशिये पर आ गए हैं।
पूर्व पीएम सिंह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था ने अकल्पनीय उथल-पुथल देखी है। नोटबंदी, दोषपूर्ण जीएसटी और कोविड-19 महामारी के दौरान दर्दनाक कुप्रबंधन के कारण दयनीय स्थिति पैदा हो गई है। 6-7 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि की उम्मीद करना नया सामान्य हो गया है।
मनमोहन सिंह ने किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की और किसानों पर उनकी पिछली टिप्पणियों के लिए पीएम मोदी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर किसान महीनों तक लगातार इंतजार करते रहे। 750 किसानों की मौत हो गई। इनमें अधिकतर पंजाब के थे। प्रधानमंत्री ने संसद के पटल पर किसानों को 'आंदोलनजीवी' और 'परजीवी' कहकर मौखिक रूप से हमला किया। पिछले दस वर्षों में भाजपा सरकार ने पंजाब, पंजाबियों और पंजाबियत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
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