उत्तर प्रदेश: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को एक बयान जारी करते हुए अनुसूचित जातियों (एससी) के भीतर उप-वर्गीकरण की अनुमति देने वाले हाल के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी पार्टी की असहमति जताई। साथ ही उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा से इस फैसले को पलटने के लिए संविधान में संशोधन करने का भी आग्रह किया। इसके दूसरे दिन कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में मायावती पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
सोशल मीडिया एक्स पर कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि, मायावती जी आपके सरकार ने ही आरक्षण ख़त्म किया था आज किस मुँह से शुभ चिंतक बन गई हैं। बीजेपी की मदद कर सत्ता में आप पहुँचाती हैं और न्यायपालिका पर इनका कब्जा हो गया है और इनके मनमर्ज़ी फ़ैसला आ रहा है। इस तरह से वर्गीकरण आपके सहयोग से हुआ।"
"2006 में नागराज का मुक़दमा कांग्रेस सरकार के सहयोग से हमनें सुप्रीम कोर्ट में जीता था। 4 जनवरी 2011 को लखनऊ हाई कॉर्ट का फ़ैसला अदम पैरवी में हारा गया और उस समय आप सीएम थीं। मुक़दमे को आसानी से जीता जा सकता था नागराज की तीन शर्तों की फाइल की कार्यवाही से। परिणाम लाखों उप्र के कर्मचारी डिमोट हुए और ठीकरा सपा सरकार पर फूटा क्योंकि सरकार बदल गई थी।"
"मैंने लखनऊ के साथियों जैसे भवन नाथ पासवान, जगजीवन प्रसाद, अनिल कुमार के साथ आपसे मिलकर अनुरोध करना चाहा कि हाई कोर्ट के निर्णय में गुंजाइश हैं। फाइल की कार्यवाही करके तीन शर्तों को पूरा करके पदोन्नत में आरक्षण चालू रखा जा सकता था। आपके पास समय कहाँ था मिलने का, फिर जो कर्मचारी आपके नज़दीक थे उनके द्वारा खबर भेजवाया और निराशा हाथ लगी।"
"उस समय मुझे बहुत पीड़ा हुई थी क्योंकि नागराज का मुक़दमा बड़ी कठिनाई से लड़ा था। पैसा उधार लेकर नक़ल और काग़ज़ात तैयार कराया था। मैं रो पड़ा था। परिसंघ के प्रयास का गला घोटा गया। उप्र के दलित कर्मचारी धरना - प्रदर्शन में लग गये और मेरा बहिष्कार किए वर्ना तब भी मामले को सँभाल लेता लेकिन उनको दूसरा चश्मा चढ़ा था तो क्या करते? विधान सभा का चुनाव नज़दीक था और सवर्ण नाराज़ न हो जायें इसलिए मामले को सुप्रीम कॉर्ट में ठेल दिया और दुर्भाग्य से 26 अप्रैल को हाई कोर्ट के फ़ैसले पर मुहर लगा दिया। दूसरी तरफ राजस्थान में गहलौत सरकार और बिहार में नीतीश सरकार ने नागराज की शर्तों की कार्यवाही करते पदोन्नत में आरक्षण चालू रखा। जितना दलित समाज का छती मायावती जी उनकी होकर आपने किया, आज़ाद भारत में किसी ने नही किया। कांशीराम जी की क़ुर्बानी का नाश कर दिया", कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज ने लिखा।
आपको बात दें कि, मायावती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा है कि, "हमारी पार्टी इस फैसले से बिल्कुल भी सहमत नहीं है। एससी और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) द्वारा सामना किए गए अत्याचार सामूहिक हैं, जो पूरे समुदाय को प्रभावित करते हैं। उन्हें उप-वर्गीकृत करना अन्यायपूर्ण और अनुचित होगा।"
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को "अस्पष्ट" बताते हुए मायावती ने उप-वर्गीकरण पर स्पष्ट दिशा-निर्देशों की कमी की आलोचना की। उन्होंने चेतावनी दी, "यह फैसला अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए मौजूदा आरक्षण लाभों को संभावित रूप से कमज़ोर कर सकता है, जिससे कई लोगों को वह सहायता नहीं मिल पाएगी जिसकी उन्हें ज़रूरत है।"
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