राजस्थान: विधानसभा चुनाव 2023 के परिणाम को लेकर हर कोई उत्सुक है। एक दिन पूर्व आए एक्जिट पोल ने उत्सुकता को बढ़ावा दिया है। राज्य में किसकी सरकार बनेगी, यह सवाल हर मन में कौंध रहा है। क्या भाजपा को बहुमत मिलेगा या फिर कांग्रेस आमजन की सहुलतों की गारंटी के साथ रिवाज बदलेगी? राजनीतिक पार्टियों, विश्लेषक व विशेषज्ञों से ज्यादा आम मतदाता हार-जीत के आंकलन में उलझा नजर आ रहा है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर अलग-अलग 8 एग्जिट पोल आए हैं। 5 एग्जिट पोल में राजस्थान में बदलाव की प्रबल दावेदारी पेश की है। जबकि 3 एक्जिट पोल में कांग्रेस को रिवाज सरकार बदली के रिवाज को बदलने की भूमिका में बताया है। दोनों ही प्रमुख दलों को पूर्ण बहुमत के नजदीक बताया गया है। जबकि अन्य छोटे दलों की स्थिति को लेकर भी संशय है। इन एक्जिट पालों में बीएपी, बीएसपी, आसपा व आरएलपी व दोनों प्रमुख दलों के बागियों की हार-जीत को लेकर एक्जिट पोल में जो आंकड़े पेश किए गए हैं, वो भी संशय पैदा करते हैं। इन छोटे राजनीतिक दलों के दावों को भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता है।
सवाल यह है कि क्या एंटी इनकंबेंसी मान कर ही एक्जिट पोल तैयार हुआ है? हालांकि, इस बार राजस्थान में मौजूदा सरकार की योजनाओं की गारंटी एंटी-इनकंबेंसी को रोकने में सहायक नजर आई है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार राजस्थान का एग्जिट चुनाव परिणाम एक्जिट पोल के विपरीत आने वाला है।
यह बात अलग है कि अधिकांश एग्जिट पोल में भाजपा को राजस्थान में सरकार बनाने की दौड़ में आगे बताने की वजह से भाजपा नेता भी उत्साहित हैं। सरकार रिपीट होने को लेकर कांग्रेस का भी राजस्थान में सरकार बनाने का अपना दावा है।
एक्जिट पोल और एंटी इनकंबेंसी को लेकर द मूकनायक ने राजनीतिक विश्लेषकों और वरिष्ठ पत्रकारों से बात की। पूर्वी राजस्थान की 39 सीटों को लेकर वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र चुतुर्वेदी ने दावा किया है कि विधानसभा चुनाव 2018 की स्थिति पलटने वाली है। यहां 2018 में भाजपा केवल 4 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। इस बार 10 से 15 सीटों का आंकड़ा छू सकती है। गत चुनाव में पूर्वी राजस्थान का गुर्जर मतदाता भाजपा को छोड़ कोंग्रेस की तरफ मुड़ा था। इस बार गुर्जर मतदाताओं की सचिन पायलट के बहाने भाजपा में घर वापसी ने भाजपा को मजबूती दी है।
वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र चतुर्वेदी का मानना है कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार की चिरंजवी स्वास्थ्य बीमा योजना ने आम मतदाता को खासा प्रभावित किया है। ओपीएस (ओल्ड पेंषन स्कीम) ने कर्मचारी वर्ग को प्रभावित किया है। ऐसे में राजस्थान में मौजूदा सरकार की एंटी इनकंबेंसी की बात बेमानी होगी। उन्होंने कहा कि यह सच है कि बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत सरकार के बदलाव की ओर इशारा करता रहा है, लेकिन यहां देखने वाली बात यह है कि राजस्थान में इस बार शहरों के मुकाबले ग्रामीण अंचल में मतदान का प्रतिशत बढ़ा है। यह कांग्रेस सरकार के वापसी की ओर इशारा करता नजर आ रहा है। हालाँकि, एक दिन बाद 3 दिसंबर को वास्तविकता सबके सामने आने वाली है।
वरिष्ठ पत्रकार आकाश गुप्ता ने भी एक्जिट पोल के विपरीत परिणाम आने का दावा किया है। गुप्ता कहते हैं कि सरकार की आमजन को दी गई सहुलतों की गारंटी ने मतदाताओं को अपने पास रोका है। इस बार सरकार की एंटी इनकंबेंसी नहीं है। हां कुछ सीटों पर चेहरों के खिलाफ मतदान हुआ है। कुछ मौजूदा विधायक व सरकार के मंत्री भी एंटी इनकंबेंसी के भंवर-जाल में फंसे नजर आ रहे हैं। कुछ सीटों पर जातिगत प्रभाव भी देखा गया है। जहां परिणाम बदलने वाल हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता भगवानाराम मेघवाल का मानना है कि इस बार जालौर में कांग्रेस बढ़त बनाने वाली है। कांग्रेस सरकार की योजनाओं ने मतदाताओं को प्रभावित किया है। मेघवाल ने कहा कि एक्जिट पोल एक मोटा अनुमान है। कभी आंकलन सटी होता है। कभी विपरीत दिशा में वास्तविक परिणाम आते हैं। इस बार राजस्थान में कांग्रेस सरकार की सत्ता में वापसी तय है।
एक्जिट पोल चाहे जो संकेत दे रहे हों, लेकिन यह 3 दिसंबर को तय होगा कि राजस्थान में सरकार किस पार्टी की बनेगी। किसी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलेगा या फिर छोटे राजनीतिक दल व निर्दलीयों के सहारे सत्ता का सिंहासन हांसिल होगा। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के रिजल्ट को लेकर गुरुवार शाम 8 एग्जिट पोल आए। इन 8 एग्जिट पोल्स में 5 ने भाजपा के सत्ता में आने के संकेत दिए हैं। बाकी ने कांग्रेस की वापसी का दावा किया है।
टीवी 9 - पोलस्ट्रैट - भाजपा जीतेगी: टीवी9 - पोलस्ट्रैट के अनुसार राजस्थान में भाजपा बहुमत में नजर आ रही है। भाजपा 100 से 110 सीटें जीतती नजर आ रही है तो कांग्रेस 90 से 100 सीटें जीतती नजर आ रही है। वहीं अन्य के खाते में 5 से 15 सीटें जाती नजर आ रही हैं।
न्यूज 24 - टूडेज चाणक्या - कांग्रेस सत्ता के करीब दिख रही है: न्यूज 24 - टूडेज चाणक्या ने एक्जिट पोल में राजस्थान में कांग्रेस को सत्ता पर दोबारा काबिज होने का दावा किया है। कांग्रेस को इस एग्जिट पोल 101 सीटें तो भाजपा 89 सीटें जीतती दिखाई दे रही है। वहीं अन्य सिर्फ 9 सीटों पर अपना परचम लहरा रहे हैं।
आज तक - एक्सिस माय इंडिया - कांग्रेस बदलेगी रिवाज: आज तक - एक्सिस माय इंडिया ने अपने एग्जिट पोल में कांग्रेस को बिजयी बनाया है। उनका अनुमान है कि कांग्रेस 86-106 सीटें जीतेगी। वहीं भाजपा 80-100 सीटों पर अपना परचम लहराएगी। वहीं अन्य सिर्फ 9 से 18 सीटों पर अपना परचम लहरा रहे हैं।
इंडिया टीवी-सीएनएक्स - कांग्रेस के सत्ता के संकेत: इंडिया टीवी-सीएनएक्स - कांग्रेस को 94-104 सीटों के साथ सत्ता में वापसी के संकेत दे रहा है। यहां भाजपा को 80-90 सीटें दी है। अन्य 14-18 सीटें जीत सकते हैं।
टाइम्स नाउ-ईटीजी - राजस्थान की सत्ता पर राज करेगी भाजपा: टाइम्स नाउ - ईटीजी के एग्जिट पोल ने अनुमान जताया है कि इस बार भाजपा राजस्थान की सत्ता पर राज करेगी। भाजपा को 108-128 सीटें मिलेंगी वहीं कांग्रेस को 56-72 सीटें ही मिलेंगी। अन्य 13-21 के बीच संतुष्ट रहेंगे।
जन की बात - राजस्थान में आएगी भाजपा: जन की बात के एग्जिट पोल ने भी इस बार अनुमान जताया है कि राजस्थान में इस बार भाजपा आएगी। उनके एग्जिट पोल के अनुसार भाजपा को 100-122 सीटें मिलेंगी। कांग्रेस को 62-85 सीटें मिलेंगी। वहीं अन्य को 14-15 सीटें ही मिलेंगी।
रिपब्लिक-मैट्रिज - भाजपा को प्रचंड बहुमत: रिपब्लिक-मैट्रिज के सर्वे में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिल रहा है। भाजपा 115 से 130 सीटें मिल रही हैं। कांग्रेस को 65 से 75 सीटें मिल रही हैं, वहीं अन्य के खाते में 12 से 19 सीटे आ सकती हैं।
एबीपी-सी वोटर एग्जिट पोल - राजस्थान की सत्ता पर भागवा लहराएगा: एबीपी-सी वोटर एग्जिट पोल से यह अनुमान सामने आ रहा है कि भाजपा राजस्थान पर कब्ज़ा करने के लिए तैयार दिख रही है, यह राज्य उसने 2018 में खो दिया था। एग्जिट पोल के आंकड़ों के अनुसार, कांग्रेस को 41.1 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है, जो 2018 में 39.3 फीसदी था। हालांकि, भाजपा का वोट शेयर 2018 में 38.8 प्रतिशत की तुलना में और भी अधिक बढ़कर 44.7 प्रतिशत होने का अनुमान है। एग्जिट पोल के मुताबिक, भाजपा को 94 से 104 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि कांग्रेस को 71 से 91 सीटें मिलने का अनुमान है।
दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका लिखता है कि एबीपी-सीवोटर एग्जिट पोल के अनुसार, राजस्थान में 46 सीमांत सीटें सत्तारूढ़ कांग्रेस की किस्मत की कुंजी हो सकती हैं। 200 विधानसभा क्षेत्रों में से 199 सीटों पर मतदान हुआ, जिनमें से 46 सीमांत हैं, जहां सत्ता समर्थक और सत्ता विरोधी कारक दो संभावनाओं को जन्म देते हैं। परिदृश्य एक में, यदि सभी सीमांत सीटें सत्ता विरोधी हो जाती हैं, तो कांग्रेस को 55 से 65 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि भाजपा 130 से 140 सीटें जीत सकती है। बसपा 0 से 2 सीटें जीतेगी, जबकि अन्य के 0 से 4 सीटें जीतने की संभावना है।
परिदृश्य दो में, यदि सभी सीमांत सीटें सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में जाती हैं, तो कांग्रेस को 91 से 101 सीटें जीतने की संभावना है, भाजपा को 88 से 98 सीटें, बसपा को 0 से 2 सीटें और अन्य को 0 से 10 सीटें जीतने का अनुमान है। एग्जिट पोल के मुताबिक, समान वोट शेयर वाली 46 सीमांत सीटों में से कांग्रेस को 21, भाजपा को 11 और अन्य को 14 सीटें मिलने की संभावना है। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।
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