संभल जा रहे चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने किया डिटेन, बोले- 'यूपी में गोलियों से हो रहा न्याय'

संभल जा रहे सांसद चंद्रशेखर को पुलिस ने हापुड़ में पिलखुवा के टोल प्लाजा पर रोक लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि चाहे सीए का आंदोलन हो, किसानों और एससी एसटी के बच्चों का आंदोलन, यूपी में लगातार गोलियां चल रहीं हैं।
पुलिस द्वारा डिटेन किये गए आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद चंद्रशेखर आजाद
पुलिस द्वारा डिटेन किये गए आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद चंद्रशेखर आजाद फोटो साभार- सोशल मीडिया
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मेरठ। आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद को सोमवार को संभल जाने से प्रशासन ने हापुड़ में रोक द‍िया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उप्र में गोलियों के द्वारा न्याय किया जा रहा है।

संभल जा रहे सांसद चंद्रशेखर को पुलिस ने हापुड़ में पिलखुवा के टोल प्लाजा पर रोक लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि चाहे सीए का आंदोलन हो, किसानों और एससी एसटी के बच्चों का आंदोलन, यूपी में लगातार गोलियां चल रहीं हैं। यहां गोलियों द्वारा न्याय किया जा रहा है। मुझे पुलिस की चोट का दुख है। यह किसी प्रकार की साजिश है। इसका शिकार गरीब हो रहे हैं। आज उनकी आवाज उठाने वाला कोई नहीं है। लेकिन चंद्रशेखर शांत नहीं बैठने वाला है।

उन्होंने आगे कहा कि कुछ भी होता है, तो आप जांच करिए। किसी ने गलती को हो तो जांच करिए, कार्रवाई करिए, लेकिन इस तरह से गोली चलाना ठीक नहीं। चंद्रशेखर ने कहा क‍ि पुलिस कही रही है कि गोली नहीं चली, तो क्या गोली अपने अपने आप चल गई। पुलिस ने कहा-शांति से इस बात करते हैं। इस पर चंद्रशेखर ने कहा अगर मेरे लोग सुरक्षित रहेंगे, तो बिल्कुल कानून का पालन करूंगा।

आसपा प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने संभल हिंसा की निंदा करते हुए मांग की क‍ि इसमें शाम‍िल उपद्रवियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि फिर कोई इस तरह की करतूत करने की हिम्मत न जुटा सके।

उन्होंने कहा कि इस बीच सदन में हमने सबसे पहले संभल हिंसा के मामले को उठाया। लेकिन, सदन को स्थगित कर दिया। इस पर चर्चा नहीं की गई। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार इस बात को सुनना नहीं चाहती है। चार लोगों की जान गई है। हम प्रदेश में इस तरह की हिंसा को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं।”

उन्होंने कहा, “पुलिस की गोली से लोगों की जान गई है। सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए। इस तरह की हिंसा में निर्दोष लोगों की जान जाना निंदनीय है।”

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अब गोली से देश चलेगा। मेरा सीधा सवाल है कि क्या गोली चलाकर लोगों की आवाज बंद की जा सकती है। जब वर्शिप एक्ट के मुताबिक, जो धार्मिक स्थल जिस अवस्था में हैं, उसी अवस्था में रहने की बात कही गई है, तो उसके साथ छेड़छाड़ कर देश का माहौल खराब करने की कोशिश क्यों की जा रही है। मुझे लगता है कि सरकार को इसका जवाब देना चाहिए। देश में संविधान के मर्यादा के अंतर्गत सभी काम होने चाहिए। गोली से कोई भी काम नहीं होना चाहिए। अगर आप गोली के दम पर देश को चलाने की कोशिश करेंगे, तो इससे स्थिति बिगड़ेगी।

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के संभल की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए दाखिल वाद के आधार पर सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर की टीम पहुंची तो बवाल हो गया। रविवार को टीम के आने पर जुटी भीड़ मस्जिद में दाखिल होने कोशिश करने लगी। रोकने पर पुलिस पर पथराव कर दिया। हिंसक हुई भीड़ ने सीओ की गाड़ी समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ कर दी और आग लगा दी। इसी बीच फायरिंग भी शुरू हो गई।

पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। बवाल में घिरकर चार लोगों की मौत हो गई। कई अधिकारियों समेत दर्जनों लोग घायल हुए हैं। तनाव को देखते हुए संभल में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। अभी वहां पर शांति व्यवस्था बहाल हो रही है।

जियाउर्रहमान बर्क
जियाउर्रहमान बर्क

संभल पुलिस अपनी लापरवाही छिपाकर मुझ पर मढ़ना चाहती है आरोप: जियाउर्रहमान बर्क

संभल में रविवार को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के बाद पुलिस एक्शन मोड में कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क की प्रतिक्रिया सामने आई है।

सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने सोमवार को संसद भवन के बाहर मीडिया से बात करते हुए पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस अपनी लापरवाही छिपाना चाहती है, इसलिए एफआईआर दर्ज की गई है।

जियाउर्रहमान बर्क ने कहा, "पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसका सीधा सा मतलब यही है कि पुलिस अपनी लापरवाही छिपाना चाहती है और उसके आरोप मुझ पर मढ़ना चाहती है, ताकि मैं अपने क्षेत्र के लोगों की जायज आवाज को ना उठा सकूं। वह लोग गलतफहमी के शिकार हैं, मुझे खुद से ज्यादा अपने क्षेत्र के उन लोगों की फिक्र है, जिनकी हत्या हुई है या फिर उन लोगों की, जिन पर झूठा केस दर्ज किया गया है।"

उन्होंने आगे कहा, "आज हमने अपनी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में लोकसभा स्पीकर से मुलाकात की है। मैं सुप्रीम कोर्ट से भी गुजारिश करता हूं कि वह इस मामले का संज्ञान लेकर सख्त कदम उठाए। जिस तरह से पूर्व नियोजित तरीके से मासूमों की हत्या की है और इस घटना को अंजाम दिया गया है, वह बेहद अफसोस की बात है। मेरी मांग है कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए और जो दोषी हैं, उन पर हत्या का केस दर्ज कर कार्रवाई हो।"

जियाउर्रहमान बर्क ने पुलिस प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए कहा, "शासन के इशारे पर ही पुलिस ने कार्रवाई की और वह पूरी तरह अपने मकसद में कामयाब भी रहा। मैंने और संभल के जिम्मेदार लोगों ने मुश्किल हालात को संभाला और बात को आगे बढ़ने नहीं दिया गया, लेकिन पुलिस प्रशासन चाहता था कि सब कुछ तबाह कर दिया जाए। मेरे पास एक वीडियो है, जिसमें पुलिस अधिकारी कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि 500 नहीं बल्कि 5,000 घर भी हमें बर्बाद करने पड़े तो करेंगे।"

सपा सांसद ने शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "अगर किसी के घर का सर्वे होना है और वह यह बात जानता ही नहीं है कि तो कोई भी प्लानिंग कैसे करेगा? बल्कि प्लानिंग करने वाले तो वो लोग हैं, जो सर्वे करने के लिए आने वाले थे। इसी के तहत सरकारी असलहों के साथ-साथ प्राइवेट असलहों का भी पुलिस अधिकारियों ने इस्तेमाल किया है, ताकि कोई सबूत ना मिल सके। मुझे इस घटना का अफसोस है, यह मानवता को झकझोर देने वाली घटना है। इस हिंसा के जरिए एकता को तोड़ने की कोशिश की गई है और संविधान की धज्जियां उड़ाई गई है।"

Inputs with IANS

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