लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ने जसवंतनगर में एक सार्वजनिक मंच से योगी सरकार की कमियां गिनाईं। सीएम योगी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले आठ सालों से यह सरकार सत्ता में है लेकिन, अफसोस आज तक इस जनता के हित में कोई कदम नहीं उठाया।
उन्होंने कहा, “मौजूदा सरकार को यह बात याद रखनी चाहिए कि अगर जनता के साथ ज्यादती होगी, उनके हितों पर कुठाराघात होगा, उनके हितों से समझौता होगा, तो ऐसे में इस सरकार को सत्ता से हाथ धोना पड़ सकता है। लोकतंत्र में जनता ही सबकुछ होती है। अगर जनता के साथ अन्याय होगा, तो सत्ता बदलने में देर नहीं लगती है।”
उन्होंने आगे कहा, “लोगों के साथ पुलिस और अन्य अधिकारियों द्वारा की जा रही बदतमीजियों को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। लोकतंत्र में अगर शासन प्रशासन का रवैया दमनकारी हो, तो यह जनता के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं होता है। मगर, अफसोस मौजूदा सरकार लगातार लोकतंत्र के सिद्धांतों पर कुठाराघात करने पर उतारू हो चुके हैं। मौजूदा सरकार की कार्यशैली से यह साफ जाहिर हो रहा है कि उसे जनता के हितों से कोई लेना देना नहीं है।”
उन्होंने एक गाय के हादसे में घायल होने का वाकया भी सुनाया। इसके जरिए उन्होंने बताने की कोशिश की कि पुलिस प्रशासन संवेदनहीन है। बोले, कल रात किसी गाय का एक्सीडेंट हो गया। इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को कई बार फोन किया गया। लेकिन, अफसोस किसी ने भी फोन नहीं उठाया। गाय दर्द से कराह रही थी। लेकिन, अधिकारियों की संवेदनहीनता का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि किसी ने भी फोन उठाने की जहमत नहीं उठाई । क्या एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में आप प्रशासन से ऐसी कार्यशैली की उम्मीद करते हैं? इसके बाद सुबह कुछ लोग उस गाय को लेकर आए, उसका उपचार करवाया। ऐसी स्थिति में आप मौजूदा सरकार की संवेदनशीलता का अंदाजा इसी व्यवस्था से लगा सकते हैं।
उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, इस सरकार में जितना कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार है, उतना मैंने आज तक किसी भी सरकार में नहीं देखा था। यह सरकार अब तानाशाही व्यवस्था को आत्मसात कर चुकी है, जिसे जनता के हितों से कोई सरोकार नहीं है। यह लोग अब सिर्फ अपनी मनमानी करने पर उतारू हो चुके हैं। मैं आप लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या आप लोग ऐसी सरकार की उम्मीद करते हैं?
- समाचार स्रोत आईएएनएस
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