भोपाल। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित भिंड सीट से फूल सिंह बरैया को चुनावी मैदान में उतारा है। इधर, भाजपा ने इस सीट की वर्तमान सांसद संध्या राय पर एक बार फिर भरोसा जताया है. लेकिन क्षेत्र की जनता और राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो इस बार भिंड लोकसभा सीट भाजपा के हाथों से खिसक सकती है।
फूल सिंह बरैया प्रदेश में दलित समाज का बड़ा चेहरा हैं। ग्वालियर, चंबल और बुंदेलखंड संभाग में उनका वर्चस्व है। बरैया के इस क्षेत्र में खास प्रभाव के चलते कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है। बरैया कांग्रेस के सबसे मजबूत प्रत्याशी माने जा रहे हैं।
भिंड-दतिया लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। 2009 में यहां से भाजपा के अशोक अर्गल सांसद रहे। 2014 में भाजपा के डॉक्टर भगीरथ प्रसाद सांसद बने फिर पार्टी ने 2019 में भागीरथ का टिकट काट कर संध्या राय को मैदान में उतारा। भाजपा की लहर में संध्या राय ने कांग्रेस प्रत्याशी देवाशीष जरारिया को दो लाख वोटों से हराकर जीत हासिल की। जिसके बाद अब 2024 में भाजपा ने पुनः संध्या राय को टिकट देकर मैदान में उतार दिया। कांग्रेस ने बरैया को प्रत्याशी बनाकर मजबूत सियासी चाल चल दी है।
भाजपा सांसद का पिछला कार्यकाल बहुत ज्यादा प्रभावी नहीं रहा है। क्षेत्र के लोगों से संपर्क न होना ज्यातर समय क्षेत्र से बाहर बिताना अब उनकी मुश्किलों को बढ़ा रहा है। टिकट मिलने के बाद क्षेत्र में पहुँची संध्या को लोगों के आक्रोश का भी सामना करना पड़ रहा है। कई गांवों में विरोध इतना तेज है कि लोग उन्हें खूब खरीखोटी सुना रहे हैं।
इसी महीने में भाजपा प्रत्याशी के विरोध का वीडियो वायरल हुआ था। बताया गया था कि मेंहगांव में संध्या राय यहां मंदिर में दर्शन करने आईं तो लोगों ने क्षेत्र में उनकी निष्क्रियता के चलते उन्हें खूब खरीखोटी सुनाई। स्थानीय लोगों और सांसद की बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हुआ। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि लोग और सांसद फर्श पर बैठे हुए हैं। उनकेक बीच बहस हो रही है।
द मूकनायक से बातचीत करते हुए भिंड के लहार निवासी लाखन सिंह यादव ने बताया कि क्षेत्र की जनता संध्या राय के कार्यकाल से नाराज है। पिछले पांच वर्षों में उन्होंने क्षेत्र में न ही कोई विकास कार्य किया और न ही दौरे किए। वह आम जनता से नहीं मिलती थी। लाखन सिंह ने कहा- "क्षेत्र का दुर्भाग्य है, उनकी सांसद ने लोगों से मिलना तो दूर कस्बों के रास्ते तक नहीं देखें।"
भिंड की समाजसेवी और अधिवक्ता सौम्या शर्मा ने बताया कि जो वादे पिछले चुनाव में भाजपा और संध्या राय ने किए वो आजतक पूरे नहीं हो पाए। भिंड-ग्वालियर हाईवे के वादा किया था, लेकिन उसका कुछ नहीं हुआ। इस मार्ग पर हर साल कई लोगों की जान सड़क दुर्घटना में चली जाती है। सौम्या ने कहा- "सांसद संध्या राय यहां नहीं रहती, लोग बताते है कि उनका घर इंदौर में है। वह वहां रहती है या दिल्ली में रहती है। भिंड में वह कभी किसी कार्यक्रम या बैठक में शामिल होती है, आमजन से उनका कोई सरोकार नहीं है।"
इधर, दतिया जिले के निवासी विवेक शर्मा कांग्रेस के प्रत्याशी फूल सिंह बरैया पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा रहे हैं। विवेक का कहना है- "वह एक विशेष जाति को खुश करने के लिए अन्य जातियों के खिलाफ बोलते है। वह महापुरुषों का भी मंचों से अपमान करते हैं।"
द मूकनायक प्रतिनिधि से बातचीत करते हुए सांसद संध्या राय ने कहा कि इस बार भी भिंड से वह जीत हासिल करेंगी। वायरल वीडियो और जनता के द्वारा उन पर लग रहे आरोपों पर उन्होंने कहा- "आरोप निराधार हैं, जनता में कोई नाराजगी नहीं है। वायरल वीडियो को तोड़मरोड़ कर दिखाया गया था, यह मैं पहले भी स्पष्ट कर चुकी हूं। सांसद होने के नाते में हमेशा क्षेत्र में सक्रिय रहीं हूँ, कई विकास कार्य भी कराए हैं। विरोध की खबरें सिर्फ अफवाह हैं।"
62 साल के फूल सिंह बरैया, 1998 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से विधायक बने थे। उन्होंने 2003 में बसपा छोड़ दी थी। फिर 2019 को कांग्रेस में शामिल हुए और लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बने, लेकिन वह हार गए। 2020 के विधानसभा उप-चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर दतिया जिले की भांडेर से चुनाव लड़े, लेकिन यहाँ भी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव 2023 में उन्हें फिर भांडेर से टिकट दिया इस बार फूल सिंह निर्वाचित होकर विधायक बने।
भिंड लोकसभा में पांच विधनसभा लहार, मेहगांव, गोहद, अटेर और भिंड, दतिया जिले की भांडेर, सेवड़ा और दतिया विधानसभा सीट शामिल हैं। इस बार भिण्ड-दतिया लोकसभा सीट पर कुल 18 लाख 93 हजार 631 कुल मतदाता वोट करेंगे। जिसमें 10 लाख 19 हजार 722 पुरुष और 8 लाख 73 हजार 872 महिला वोटर हैं। साथ ही 37 ट्रांसजेण्डर मतदाता भी हैं।
सीट को जातीय समीकरण के हिसाब से देखें तो अनुमान के मुताबिक इस संसदीय क्षेत्र में करीब 3 लाख क्षत्रिय, साढ़े तीन लाख ब्राह्मण, डेढ़ लाख वैश्य के साथ ही दलितों के करीब तीन लाख वोटर हैं। वहीं आदिवासी, अल्पसंख्यक और अन्य के वोटों का आंकड़ा करीब चार लाख अस्सी हजार के आस-पास है। इसी तरह धाकड़, किरार, गुर्जर, कुशवाह, रावत, राठौर, समाज का वोट भी ढाई लाख के करीब है। इस इलाके में ब्राह्मण, क्षत्रिय और दलितों वोटर निर्णायक भूमिका में हैं।
विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा के भिंड विधानसभा क्षेत्र से नरेंद्र सिंह कुशवाह और लहार विधानसभा क्षेत्र से अंबरीश शर्मा और मेहगांव विधानसभा क्षेत्र से राकेश शुक्ला विधायक बने थे। वहीं अटेर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के हेमंत कटारे और गोहद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के केशव देसाई वर्तमान विधायक है। दतिया जिले की तीन विधानसभा सीटों में दो कांग्रेस के विधायक है और एक सीट पर भाजपा का कब्जा है। भांडेर से कांग्रेस के फूल सिंह बरैया, दतिया से कांग्रेस के राजेन्द्र भारती और सेड़वा से भाजपा के प्रदीप अग्रवाल विधायक हैं।
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