भोपाल। मध्य प्रदेश में दलित वर्ग के साथ हो रही घटनाओं के विरोध में कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग ने शनिवार को राजधानी भोपाल में सीएम हाउस का घेराव करने का प्रयास किया। आंदोलन के तहत, बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश की राजधानी पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें अरेरा हिल्स पुलिस थाने के सामने रोक लिया। पुलिस ने उन्हें वापस लौटने की हिदायत दी, लेकिन कार्यकर्ता अपनी मांगों पर अड़े रहे। और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे, इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।
घेराव के पूर्व रौशनपुरा चौराहे पर आयोजित कांग्रेस की सभा में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस कहा कि कांग्रेस का प्रत्येक सदस्य और देश का हर नागरिक जातिगत गणना की मांग को लेकर तब तक संघर्ष करेगा, जब तक कि प्रदेश और देश में जातिगत गणना नहीं हो जाती। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से संकल्प लेने को कहा कि बाबा साहब आंबेडकर के विचारों को आगे बढ़ाने और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए वे चैन से नहीं बैठेंगे। पटवारी ने अपने भाषण में मुख्यमंत्री पर तीखा हमला करते हुए कहा, "मुख्यमंत्री की भाषा अब गुंडों जैसी हो गई है। एक मुख्यमंत्री के पद की अपनी मर्यादा होती है, लेकिन उनकी भाषा अब सड़क छाप नेताओं जैसी हो गई है।"
उन्होंने आगे कहा, "यह आंदोलन निर्णायक है। यह केवल एक धरना नहीं, बल्कि राहुल गांधी द्वारा संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए किए गए संकल्प का हिस्सा है। जब तक देश में जातिगत जनगणना नहीं होती, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।"
कांग्रेस के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने भी इस आंदोलन के दौरान दलित वर्ग के साथ हो रहे भेदभाव और अन्याय पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना की बात इसलिए की है ताकि समाज के सभी वर्गों की स्थिति स्पष्ट हो सके और उन्हें उनके अधिकारों का लाभ मिल सके।"
पीसी शर्मा ने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति मानवता के सिद्धांतों पर आधारित नेतृत्व कर सकता है, तो वह राहुल गांधी हैं। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी में मानवता का गुण सबसे अधिक है और मुझे विश्वास है कि वह एक दिन लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे।"
कांग्रेस के पदाधिकारियों ने प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को संविधान की एक प्रति भेंट की। यह प्रतीकात्मक कदम संविधान की रक्षा और जातिगत गणना के प्रति कांग्रेस की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।इन्ही संविधान की पुस्तकों के साथ कांग्रेसी सीएम हाउस की ओर रवाना हो गए।
अनुसूचित जाति कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता इस दौरान गले में हांडी लटकाकर प्रदर्शन में शामिल हुए। कार्यकर्ताओं का कहना था। दलित वर्ग पर पुराने समय मे भी अत्याचार होते रहे हैं, और अब भाजपा की सरकार में भी एससी वर्ग के खिलाफ अन्याय, अपराध बढ़ रहे हैं।
मध्यप्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने बताया कि पूरे प्रदेश से लगभग दो हजार से अधिक कार्यकर्ता इस घेराव में शामिल हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार आरक्षण को खतरे में डाल रही है और प्रशासन कांग्रेस के इस प्रोग्राम को लेकर अनुमति देने में असहयोग कर रहा है। अहिरवार ने कहा, "हमारे आंदोलन को दबाने की कोशिशें हो रही हैं, लेकिन हम अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे।"
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