मध्य प्रदेश: सुहाया नवाचार, भोपाल और बुरहानपुर में बुजुर्ग-दिव्यांग मतदाता घर बैठे दे रहे हैं वोट

भोपाल जिले में कुल 27 हजार 89 मतदाता 80 साल से अधिक आयु वर्ग के हैं तो वहीं आठ हजार 47 दिव्यांग मतदाता हैं। इनमें से 2510 लोगों ने पूर्व बीएलओ के द्वारा घर पर मतदान के लिए आवेदन किया था।
अस्सी साल के बुज़ुर्ग महेंद्र मिश्रा ने अपने ही घर में बने मतदान केंद्र पर बोट डाला।
अस्सी साल के बुज़ुर्ग महेंद्र मिश्रा ने अपने ही घर में बने मतदान केंद्र पर बोट डाला।
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भोपाल- विधानसभा चुनाव 2023 में निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए नवाचार किया है। निर्वाचन आयोग के द्वारा 80 वर्ष से अधिक आयु और दिव्यांग मतदाताओं को घर बैठे मतदान करने की सुविधा जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। घर पर मतदान कराने के लिए पूरे प्रदेश में सिर्फ दो जिलों को चिन्हित किया गया था जिसमें भोपाल और बुरहानपुर के बुजुर्ग, दिव्यांग मतदाता शामिल हैं।

जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा चलाए गए इस अभियान में घर से ही मतदान करने को लेकर बुजुर्गों व दिव्यांग मतदाताओं में उत्साह नजर आ रहा है। मतदानकर्मी घर-घर जाकर इनसे बैलेट पेपर के जरिए मतदान करा रहे हैं। भोपाल के नरेला विधानसभा क्षेत्र के महेंद्र मिश्रा की आयु 80 वर्ष से ज्यादा हो चुकी है। चलने- फिरने में असमर्थ है। इनका वोट निर्वाचन की टीम ने इनके घर पर जाकर ही डलवाया। वहीं नरेला के ही 20 वर्षीय दिव्यांग जतिन यादव ने घर पर ही मतदान किया। अन्य जगहों पर जहां भी मतदानकर्मी पहुंचे, वहां बुजुर्गों ने उत्साहपूर्वक मतदान में हिस्सा लिया।

भोपाल के जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर आशीष सिंह ने द मूकनायक से बातचीत में बताया कि कुल 2510 ऐसे मतदाताओं ने घर से मतदान करने की स्वीकृति प्रदान की थी। इसके लिए 113 टीमें गठित की गई हैं। इन टीमों ने सातों विधानसभा क्षेत्र में मंगलवार को घर-घर पहुंचकर कुल 1566 मतदाताओं से मतदान कराया है। भोपाल में बुधवार को भी मतदान हुआ, गुरुवार को भी निर्वाचन की टीमें बुजुर्गों और दिव्यांगजन का मतदान कराएंगी। बता दें कि जिले में कुल 27 हजार 89 मतदाता 80 साल से अधिक आयु वर्ग के हैं तो वहीं आठ हजार 47 दिव्यांग मतदाता हैं। इनमें से 2510 लोगों ने पूर्व बीएलओ के द्वारा घर पर मतदान के लिए आवेदन किया था। जिले की सातों विधानसभा क्षेत्र में घर पुहंची मतदान टीमों ने सबसे पहले अंदर ही अलग मतदान केंद्र बनाया। इसके बाद पूरी गोपनीयता के साथ 80 से अधिक आयु और दिव्यांग मतदाताओं को बैलट पेपर दिए गए। इसके बाद एकांत में ही उनके द्वारा अपने मताधिकार का उपयोग किया गया। इस प्रक्रिया की जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा वीडियोग्राफी भी कराई गई है।

कर्मचारियों ने भी किया डाक मतपत्र से मतदान - विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान दल और चुनावी कार्य में लगभग 17 हजार अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इनमें से अब तक कुल तीन हजार 470 ने डाक मतपत्र से मतदान मंगलवार को कराया जा चुका है। वहीं 10 नवंबर को लाल परेड मैदान में भी डाक मतपत्र से मतदान कराए जाएंगे।

राजस्थान में भी नवाचार-  18 लाख से अधिक बुजुर्ग, दृष्टिबाधित और दिव्यांग वोटर्स

राजस्थान में तीनों श्रेणी के 18 लाख से अधिक मतदाता है। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि पोलिंग बूथ स्तर के अधिकारी को घर-घर जाकर दोनों श्रेणी के मतदाताओं से मतदान करवाने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। पोस्टल बैलट के जरिए इनसे मतदान करवाया जाएगा। विशेष योग्यजनों को मतदान की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए इस वर्ग की पूरे प्रदेश में दो सौ टीम बनाई गई है। प्रत्येक टीम एक विधानसभा क्षेत्र में एक पोलिंग बूथ प्रबंधन का पूरा काम संभालेगी। अर्थात उस बूथ पर तमाम स्टाफ विशेष योग्यजन ही होंगे।

यही प्रयोग महिलाओं के लिए किया गया है। इस बार चुनाव में दो सौ विधानसभा क्षेत्रों में 51 हजार 756 मतदान केन्द्र बनाए जाएंगे। इनमें से तीन हजार 400 मतदान केंद्रों पर अलग ही तस्वीर नजर आएगी। इन केन्द्रों पर यूथ, दिव्यांग और महिलाएं भी दिखाई देगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 80 साल से अधिक उम्र के 12 लाख 13 हजार 817 एवं विशेष योग्यजन के रूप में पांच लाख 95 हजार मतदाता पंजीकृत हैं।

चुनाव आयोग ने विधानसभा आम चुनाव 2023 में दृष्टिबाधित दिव्यांग मतदाताओं की मतदान में शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सामान्य मतदाता सूचना पर्चियों के साथ-साथ ब्रेललिपि युक्त सूचना पर्चियां बीएलओं के माध्यम से दृष्टिबाधित मतदाताओं के घर तक देने की घोषणा की है।

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