महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव ओबीसी समुदाय के लिए महत्वपूर्ण: प्रकाश अंबेडकर

प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर ओबीसी समुदाय के लिए। ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव के बाद ओबीसी के लिए आरक्षण बंद हो सकता है। इसलिए मैं अपील करता हूं कि वंचित बहुजन आघाड़ी के समर्थन में वोट करें।
वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष और बी.आर. अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर
वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष और बी.आर. अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर
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पुणे। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इस चुनाव को लेकर वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष और बी.आर. अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स से एक वीडियो पोस्ट की।

पोस्ट में उन्होंने ओबीसी समुदाय के लिए इस विधानसभा चुनाव के महत्व को बताया। उन्होंने वीडियो में कहा, "मैं डॉक्टर की निगरानी में हूं और मेरी एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी दोनों हो चुकी हैं। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हैं और ये चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं, खासकर ओबीसी समुदाय के लिए। ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव के बाद ओबीसी के लिए आरक्षण बंद हो सकता है। इसलिए मैं अपील करता हूं कि वंचित बहुजन आघाड़ी के समर्थन में वोट करें।"

दरअसल, प्रकाश अंबेडकर को अचानक सीने में दर्द होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी एंजियोग्राफी की गई। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है।

बता दें कि वंचित बहुजन अघाड़ी की ओर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया था। पोस्ट में जारी एक बयान में कहा गया था कि 31 अक्टूबर की सुबह सीने में दर्द की शिकायत के बाद पुणे के एक अस्पताल में प्रकाश अंबेडकर को भर्ती कराया गया था।

2 नंवबर को वंचित बहुजनअघाड़ी की ओर से सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया। इसमें प्रकाश अंबेडकर अखबार पढ़ते हुए दिखाई दिए हैं। पोस्ट में बताया गया है कि उन्हें आईसीयू से अस्पताल के दूसरे क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाएगा।

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वंचित बहुजन अघाड़ी मैदान में है। हालांकि, पार्टी ने किसी भी दल के साथ गठबंधन न करते हुए अकेले चुनाव में जाने का फैसला किया। हालांकि शुरुआत में वंचित बहुजन अखाड़ी की महा विकास अघाड़ी के साथ सीटों को लेकर बातचीत हुई। लेकिन, सीट शेयरिंग का फॉर्मूला नहीं निकलने की वजह से गठबंधन नहीं हो सका। इसलिए वंचित बहुजन अघाड़ी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया। वहीं, चुनाव के बीच प्रकाश अंबेडकर की तबीयत बिगड़ने से कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है। पार्टी के कार्यकर्ता चिंतित हैं कि प्रकाश अंबेडकर की अनुपस्थिति में चुनाव प्रचार कैसे होगा।

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