भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले में महिला बाल विकास विभाग के लाडली बहना योजना का लाभ छोड़ने के आदेश के बाद से ही विपक्ष सरकार पर हमलावर है। इस मामले ने जैसे ही तूल पकड़ा तो विभाग ने यह आदेश निरस्त कर दिया।
महिला बाल विकास विभाग ने 11वें दिन आदेश को निरस्त करते हुए कहा कि यह आदेश अस्प्ष्ट एवं संचालनालय से पत्र जारी करने के संबंध में निर्देश नहीं होने से तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है।
पत्र के सामने आने के बाद से ही कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाते हुए नई मोहन यादव सरकार को घेर लिया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के एक्स हैंडल से लिखा गया, 'लाडली बहना योजना में छंटनी शुरू। धीरे-धीरे सरकार योजना बंद करने की तैयारी में, लाडली से ठगी आने लगी सामने, हे सरकार! बंद करो ठगी का कारोबार।'
लाडली बहना का लाभ छोड़ने के आदेश पत्र शुक्रवार को सामने आया है। आदेश परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास (सागर ग्रामीण-2) ने 4 दिसंबर को जारी किया था। इसमें पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और स्व सहायता समूह के अध्यक्ष, सचिव व सदस्य को चेतावनी दी गई है कि अगर शासन की शर्तों के विपरीत लाभ ले रहे हों तो 15 दिन में छोड़ दें। अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।
शुक्रवार को सागर कलेक्टर के एक्स हैंडल पर इस आदेश को निरस्त करने की जानकारी दी गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी (महिला एवं बाल विकास) की ओर से 15 दिसंबर को जारी आदेश में कहा गया कि आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है।
महिला बाल विकास अधिकारी ब्रजेश त्रिपाठी का कहना है कि लाडली बहना के पोर्टल में पहले से ही जो भी लाभ छोड़ना चाहते हैं, छोड़ सकते हैं। इसी के संदर्भ में परियोजना अधिकारी ने आदेश जारी किया। लेकिन, यह आदेश अस्पष्ट था, इसीलिए इसे निरस्त करना पड़ा। दरअसल, परियोजना अधिकारी को आदेश में पोर्टल की जानकारी देना था कि जो पहले से व्यवस्थाएं हैं, उसके तहत यह व्यवस्था की जा रही है। कोई नई व्यवस्था नहीं है, न ही कोई नया निर्देश है जो अपात्र है, वो इसे छोड़ सकता है।
गुरुवार को विदिशा पहुंचे पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने कहा था की लाडली बहना के बाद लखपति बहना का सफर तय करना है। उसके लिए मैं लगातार काम करता रहूंगा। मुख्यमंत्री नहीं हूं, फिर भी मैं आपके साथ खड़ा रहूंगा। आपके पीछे खड़ा रहूंगा। तुम्हारा भाई तुम्हारे लिए सब करने में सक्षम है। लाडली बहना योजना के आगे चलने के सवाल पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि निश्चित तौर पर यह योजना आगे चलती रहेगी।
साल 2023 में पूर्व की शिवराज सरकार ने लाडली बहना योजना के लिए पांच साल के लिए 60 हजार करोड़ के बजट का प्रावधान किया था। एक हजार हर महीना देने की लाडली बहना योजना के लिए पहले साल के 12 हजार करोड़ की राशि आवंटित की गई थी। विधानसभा चुनाव 2023 के पहले योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि सरकार ने बढ़ाकर 1250 रुपए कर दी है।
अगर सरकार लाडली बहना योजना में वर्तमान में दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर तीन हजार करती है जो कि पूर्व की शिवराज सरकार का वादा भी है तो एक अनुमान के मुताबिक 1 लाख 80 हजार करोड़ रुए खर्च होंगे। वहीं योजना के लिए पात्रता की उम्र 23 साल से घटाकर 21 साल करने के सरकार के फैसले के बाद योजना पर खर्च करने वाली राशि में और अधिक इजाफा हो चुका है। प्रदेश में 1 करोड़ 30 लाख महिलाओं को योजना का लाभ दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश में वर्तमान में सरकार 3 लाख 85 हजार करोड़ के भारी भरकम कर्ज के बोझ तले दबी है। कर्ज इतना है कि सरकार हर साल केवल 24 हजार करोड़ का ब्याज भर रही है।
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